क्या गुल खिलाएगा सियासी चौपाल पर सावरकर के नाम पर धमाका?

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क्या गुल खिलाएगा सियासी चौपाल पर सावरकर के नाम पर धमाका?

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र की धरा पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाथ में सावरकर के द्वारा लिखे गये तथाकथित माफीनामा थामे हुए कहा कि अंग्रेजों से सावरकर ने कहा था कि मैं आपका नौकर बने रहना चाहता हूं। अकोला में प्रेस कांफ्रेंस में वीर सावरकर का जिक्र करते हुए भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर राहुल ने जोरदार निशाना साधा। उन्होंने एक डाक्यूमेंट दिखाते हुए उसे वीर सावरकार की चिट्ठी बताया। राहुल ने चिट्ठी को पढ़ते हुए कहा कि वीर सावरकर ने अंग्रेजों को लिखे पत्र में कहा कि सर, मैं आपका सबसे आज्ञाकारी सेवक बने रहने की याचना करता हूं, जिसमें उन्होंने साइन भी किया है। उनका कहना था कि जब सावरकर ने इस कागज पर साइन किया तो वह उसका डर था, अगर वे डरते नहीं तो कभी साइन नहीं करते और जब उन्होंने साइन किया तब महात्मा गांधी, सरदार पटेल व अन्य नेताओं को धोखा दिया। यह मैंने नहीं सावरकर जी ने लिखा है। फड़नवीस जी देखना चाहे तो देख लें। उनका इशारा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता देवेन्द्र फड़नवीस की ओर था। सावरकर संबंधी बयान को लेकर महाराष्ट्र की सियासत काफी गरमा गई है और राहुल के बयान से उनके सहयोगी दल के नेताओं ने ही किनारा कर लिया है जो भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन कर रहे हैं। महाराष्ट्र का सियासी पारा काफी चढ़ गया है। चूंकि राहुल को बम से उड़ाने की धमकी मध्यप्रदेश में दी गयी, इसलिए राहुल की यात्रा के मध्यप्रदेश में प्रवेश के पूर्व ही यहां की राजनीति भी कुछ गरमाती महसूस होने लगी है।

सावरकर की चिट्ठी का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी, पं. जवाहरलाल नेहरु और सरदार वल्लभ भाई पटेल सहित कई बड़े नेता सालों जेल में रहे लेकिन उन्होंने ऐसी कोई चिट्ठी साइन नहीं की और जब सावरकर ने साइन किया तब यह उनका अपना डर था, अगर डरते नहीं तो वे कभी साइन नहीं करते। एक तरफ धीरे-धीरे ठंड बढ़ रही है तो दूसरी ओर राहुल के बयान पर महाराष्ट्र में वार-पलटवार की राजनीति तेज हो गयी है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने आपत्ति जताई तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के सहयोग से मुख्यमंत्री बने उद्धव ठाकरे ने भी राहुल के इस बयान से असहमति जताई, जबकि पिछले हफ्ते कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे राहुल के साथ शामिल हुए थे। सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने मुम्बई के शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में राहुल गांधी और महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के खिलाफ शिकायत की है। उनका शिकायत में कहना था कि राहुल कहते हैं कि सावरकर अंग्रेजों की नौकरी करते थे और उनसे पेंशन लेते थे, ऐसा कहकर उन्होंने वीर सावरकर का अपमान किया है। जहां तक सावरकर का सवाल है उनको लेकर दो प्रकार की धारणाएं हैं, और राहुल ने जो कहा है वह भी एक दस्तावेज है। चूंकि यह बात महाराष्ट्र में कही गई इसलिए वहां प्रतिक्रियाएं ज्यादा देखने में आईं। राहुल ने सावरकर के डरने की बात का उल्लेख किया था इसलिए मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत में पिछले आठ साल से डर का माहौल है, नफरत व हिंसा फैलाई जा रही है। भाजपा के नेता किसानों से बात नहीं करते, युवाओं से बात नहीं करते, अगर वे इनसे बात करते तो उनको पता चलता कि किसानों और युवाओं को सामने का रास्ता नहीं दिखाई दे रहा है। राहुल का कहना था कि देश में बेरोजगारी फैल रही है, महंगाई बढ़ रही है, किसानों को सही दाम भी नहीं मिल रहा है जिसके कारण हमने भारत जोड़ो यात्रा प्रारंभ की है।

महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सहयोगी पार्टी शिवसेना बाला साहब ठाकरे के नेता राहुल के बयान से नाराज है और गठबंधन तोड़ने तक के संकेत दे दिये हैं। इसके बाद कांग्रेस की ओर से भी सफाई देने एवं मान-मनौव्वल का सिलसिला प्रारंभ हो गया है क्योंकि महाविकास अघाड़ी आगे के सभी चुनाव मिलकर लड़ना चाहती है ताकि महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा को हासिए पर डाला जा सके। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस पर सफाई दी और भाजपा सांसद संजय राउत से बात की। राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि हम महाविकास अघाड़ी गठबंधन में बने नहीं रह सकते। इसका हवाला देते हुए सांसद अरविन्द सावंत ने कहा कि संजय राउत का बयान एक गंभीर प्रतिक्रिया है। हालांकि उद्धव ठाकरे गुट भाजपा के आरोपों का भी जवाब दे रहा है, जिससे यह राजनीतिक प्रतिध्वनि निकलती है कि अपने-अपने मतदाताओं के मानस के हिसाब से उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना बयानों में अपनी असहमति दर्ज कर रही है परन्तु वह अघाड़ी से अलग होने की जोखिम फिलहाल नहीं लेगी। हालांकि उद्धव ठाकरे गुट भाजपा को जवाब देते हुए आइना भी दिखा रहा है। इस गुट की ओर से कहा गया कि केन्द्र में भाजपा की सरकार है तो वह विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दे देती। उद्धव ठाकरे गुट के अरविन्द सावंत ने गठबंधन तोड़ने के सवाल पर भाजपा को जम्मू कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ उसके द्वारा किए गए गठबंधन की याद दिलाते हुए कहा कि दोनों के विचारों में बहुत विरोधाभास था फिर भी दोनों सरकार में साथ थे।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना के तेवरों को ठंडा करने के उद्देश्य से कहा कि राहुल गांधी ने सावरकर को निशाना नहीं बनाया था बल्कि ऐतिहासिक तथ्य बता रहे थे। संजय राउत से हुई चर्चा का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हम असहमत होने के लिए सहमत हैं। उन्होंने कहा कि यह न तो महाविकास अघाड़ी को कमजोर करेगा और न ही यह एमवीए को प्रभावित करेगा।

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गुजरात के चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी आमद दर्ज कराते हुए जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफों के पुल बांधे तो वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस संसद राहुल गांधी पर तीखा निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी कल्पवृक्ष हैं और जो जरुरी होगा वह उनसे मिलेगा। वहीं दूसरी ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल बबूल का पेड़ हैं उनसे केवल कांटे ही मिलेंगे, राहुल बाबा तो खरपतबार हैं ये फसल ही खराब कर देंगे। उन्होंने एक अन्य चुनावी सभा में कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये गजब पार्टी है मैच चल रहा है गुजरात में और राहुल बाबा बल्ला भांज रहे हैं महाराष्ट्र में। कार्यकर्ता गुजरात में जूझ रहे हैं और राहुल बाबा कह रहे हैं मैं तो पदयात्रा करुंगा, इनका कुछ नहीं हो सकता। कांग्रेस नो बाल है और आम आदमी पार्टी वाइड बाल, ये दोनों किसी काम के नहीं। चुनावी सभा में शिवराज ने गीता के श्लोक का जिक्र करते हुए कहा कि भगवान किसी न किसी रुप में आते हैं और भारत को ईश्वर का वरदान हैं मोदी।