Female TI Complained Against SP : विवादास्पद TI ने आयोग से SP की शिकायत की

महिला के कई अफसरों से झगड़े के किस्से चर्चित

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Jabalpur : पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा पर एक महिला इंस्पेक्टर अर्चना नागर ने मानसिक प्रताड़ना के साथ ही कई गंभीर आरोप लगाए। मानव अधिकार आयोग को की गई शिकायत के बाद आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार जैन ने DGP से इस मामले में चार सप्ताह में जवाब मांगा है। आयोग ने 4 अप्रैल को DGP को लिखे पत्र में निर्देशित किया है ADG या IG स्तर के अधिकारी से आरोपों की जांच। आयोग ने 29 अप्रैल से पहले जांच प्रतिवेदन भेजने के लिए कहा है।

आयोग को शिकायत करने वाली विवादास्पद महिला TI दो माह से गायब है। भ्रष्टाचार के आरोप सामने आने के बाद फ़रवरी में एसपी ने इस महिला इंस्पेक्टर को गोरखपुर थाने से हटाया था। इस पर अर्चना नागर ने इसे हाईकोर्ट में चैलेंज किया, इसके बाद उसे सस्पेंड कर लाइन अटैच किया गया था। अभी एक मामला हाईकोर्ट में लंबित है।

लेकिन, अर्चना नागर तब से लाइन में आमद दिए बिना गायब है। अब अचानक ही महिला TI ने मानव अधिकार आयोग में शिकायत कर दी। इसे बदले की कार्रवाई माना जा रहा है।

विवाद को रोजनामचे में दर्ज किया

रिश्वत विवाद में पिछले साल 4 दिसंबर को अर्चना नागर ने थाने के रोजनामचे में IPS रोहित काशवानी के खिलाफ रिपोर्ट लिख दी थी। ASP रोहित काशवानी ने जांच कराई, तो TI ने आरक्षक से मोबाइल छीन लिया था। जब ASP थाने पहुंचे तो TI ने मर्यादा लांघ दी। बाद में TI अर्चना नगर ने लिखित माफी मांगते हुए रोजनामचे पर हस्ताक्षर करके अपनी रिपोर्ट वापस ले ली।

CSP आलोक शर्मा से विवाद

गोरखपुर थाने की TI रहते हुए अर्चना नागर का पहला विवाद CSP गोरखपुर आलोक शर्मा हुआ था। ये विवाद भी रिश्वत से जुड़ा था। इसी रिश्वत के प्रकरण की जांच करने में ASP काशवानी भी TI के निशाने पर आए थे। जैसे-तैसे वो तो बच गए, पर अब अर्चना नागर ने आरोप एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा पर लगाने का प्रयास किया है।

विवादों से पुराना नाता

TI अर्चना नागर का पूरा कार्यकाल ही विवादों से भरा रहा। उज्जैन और भोपाल में पदस्थापना के समय भी वे रिश्वत मामले में बर्खास्त रहीं। कोर्ट के आदेश पर वापसी करने वाली अर्चना नागर का जबलपुर के गोरखपुर थाने में पांच महीने का कार्यकाल भी विवादों से भरा रहा। गोरखपुर TI रहते हुए नागर पर आरोप लगा कि वे विभाग से रिटायर हो चुके एक अधिकारी के इशारे पर काम करती रहीं!

दिवाली के पहले फायरिंग में एक कुम्हार के घायल होने पर नरसिंहपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए विजय यादव के भाई को आरोपी बनाने का प्रयास किया था जबकि, ये फायर छोटू चौबे गैंग ने किया था। इस खेल की जानकारी लगने पर SP ने आईपीएस प्रियंका शुक्ला को जांच सौंपी थी, इसके अलावा नागर के खिलाफ उनके ही स्टाफ ने रिश्वत मांगने संबंधी वीडियो अधिकारियों तक पहुंचाया है।

साइबर सेल भोपाल में तैनाती के दौरान दिसंबर 2017 में अर्चना नगर पर गोविंदपुरा थाने में 26 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में नगर के पिता को भी आरोपी बनाया गया था, ये जालसाजी रेलवे स्टेशन में पार्किंग के ठेके को लेकर की गई थी।