Women’s Uproar Over Liquor Shop : शराब दुकान हटाए जाने को लेकर महिलाओं का हंगामा!
Indore : गांधीनगर स्थित शराब दुकान पर राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना और राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन की महिलाओं ने मिलकर जमकर हंगामा किया। शराब दुकान के पास संचालित होने वाले महिला सिलाई केंद्र से 50 मीटर की दूरी पर स्थित शराब दुकान को तुरंत हटाने की मांग की गई है।
गांधीनगर इलाके में शराब दुकान के पास बनाए गए प्राथमिक विद्यालय में महिला सिलाई प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया है। यहां जहां गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण केंद्र के शुरू होने के पहले ही यहां राजनीति शुरू हो गई। गांधीनगर की शराब दुकान के पास कई झुग्गी झोपड़ियां है और आसपास गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली सभी महिलाओं को इस सेंटर से सिलाई का प्रशिक्षण दिया जाना है।
इसे लेकर राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना और राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन ने मिलकर प्रदर्शन किया। 100 से ज्यादा झुग्गी झोपड़ियों की महिलाएं और करणी सेना के ढेरों कार्यकर्ता मौजूद रहे। उन्होंने शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए शराब दुकान को यहां से स्थानांतरित करने की बात कही।
महिलाओं का कहना था कि सिलाई प्रशिक्षण केंद्र के साथ ही यहां पर आंगनबाड़ी भी संचालित की जाती है, पर लोग यहां बैठकर लोग शराबखोरी करते हैं। सिलाई प्रशिक्षण केंद्र और आंगनबाड़ी के पास स्थित शराब दुकान को हटाने के लिए महिलाओं ने कई बार कलेक्टर को आवेदन दिया है। इसके बावजूद इस शराब दुकान को नहीं हटाया गया। महिलाओं और करणी सेना के कार्यकर्ताओं की भीड़ को देखते हुए मौके पर गांधीनगर थाना पुलिस भी पहुंची। इस बीच कुछ महिलाओं ने शराब दुकान पर जमकर हंगामा करते हुए शराब खरीदने वालों को रोकने की भी कोशिश की।
उनका कहना था कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान महिलाओं को 1000 रु महीना दे रहे हैं, वहीं गरीब महिलाएं घरों में उनके पतियों के हाथों शराब की वजह से पीटी जा रही हैं। उनके शराबी पति शराब पीकर मारपीट कर रहे हैं। महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण केंद्र भी नहीं आने देते। ऐसे में इस शराब दुकान का कोई औचित्य नहीं है। इस मौके पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने की बात पर धरना दिया। शराब दुकान के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया। उन्होंने कहा कि जब तक आबकारी विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर नहीं आते हैं तब तक हम यही भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे। बाद में जिला सहायक आबकारी अधिकारी के आश्वासन पर धरना समाप्त किया गया।