भोपाल: राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश में मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता)संगठन को समाप्त कर उसके स्थान पर नवीन मध्यप्रदेश कार्य गुणवत्ता परिषद भोपाल का गठन किया गया है। नये परिषद में जल्द ही नियुक्तियां की जाएंगी और अब परिषद सरकारी निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर नजर रखने का काम करेगा।
मुख्य तकनीकी परीक्षक सतर्कता संगठन के कामों को अधिक प्रभावी बनाये जाने के लिए उसे बंद कर अब उसके स्थान पर नये परिषद का गठन किया गया है। मध्यप्रदेश कार्य गुणवत्ता परिषद मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण एक्ट के अधीन पंजीकृत किया गया है। इसका कार्यालय अरेरा लिल्स पर प्रशासनिक परिक्षेत्र में रहेगा।
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विभागाध्यक्ष, कमिश्नर, कलेक्टर और राजस्व मंडल के अध्यक्षों को पत्र लिखकर आगे से पत्राचार में नये कार्यालय के नाम का उपयोग करने को कहा है।
यहां मध्यप्रदेश कार्य गुणवत्ता परिषद का प्रमुख लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता स्तर के किसी अधिकारी को बनाया जाएगा। उनके अधीनस्थ अलग-अलग विषय विशेषज्ञ के रुप में तीन से चार अधिकारियों की टीम रहेगी। इसके अलावा संविदा पर लगभग पैतीस कर्मचारियों की यहां तैनाती की जाएगी। यह परिषद प्रदेश में निर्माण विभागों लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत बनने वाले भवन, सड़क, पुल-पुलिया , लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जल संसाधन विभाग के डेम, नहर, तालाबों के अलाचा नगरीय प्रशासन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सहित अन्य विभागों के द्वारा निर्मित किए गए और ठेकेदारों के जरिए बनवाए गए विभिन्न निर्माण कार्याे की गुणवत्ता पर नजर रखेंगे। समय-समय पर निरीक्षण, परीक्षण कर किए गए कामों को परखेंगे। कमियां होंने पर संबंधित विभाग और वहां के अमले को आगाह करेंगे। यदि काम में कोई कमी है तो समय पर उन्हें बताकर गुणवत्ता पूर्ण काम कराना सुनिश्चित कराएंगे। खराब गुणवत्ता के कारण निर्माण कार्य से होंने वाले नुकसान के लिए जांच कर जिम्मेदारी तय करेंगे और संबंधित दोषियों पर कार्यवाही की अनुशंसा भी करेंगे।