Workshop at Journalists’ Conference : पत्रकारों के अंतर्राज्यीय सम्मेलन में पत्रकारों की कार्यशाला!
Alirajpur : एसोसिएशन ऑफ इंडियन जर्नलिस्ट (भारतीय पत्रकार संघ ‘एआईजे’) द्वारा आयोजित अंतर्राज्यीय पत्रकार महासम्मेलन में विभिन्न राज्यों के क़रीब एक हजार पत्रकार शामिल हुए। इस आयोजन में वरिष्ठ पत्रकारों ने कार्यशाला की तरह आमंत्रित पत्रकारों को संबोधित कर मार्गदर्शन दिया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अलीराजपुर के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, विधायक और इंदौर से पधारे वरिष्ठ पत्रकार थे।
कार्यक्रम की शुरुआत में एआईजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम सेन के नेतृत्व में कई राज्यों से आए संगठन के पदाधिकारियों और पत्रकारों को बैज लगाकर, माला पहनाकर, मेडल, मोमेंटो और सम्मान पत्र से अभिनंदन किया गया। उपस्थित सभी पत्रकार साथियों को एक-एक लाख रुपए की समूह बीमा पॉलिसी से सुरक्षित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ने मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
पहले चरण में भारतीय पत्रकार संघ ‘एआईजे’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम सेन ने संगठन की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि दस साल से स्थापित इस संगठन में देशभर के 22 राज्यों के 500 से अधिक जिले में 80 हजार से ज्यादा पत्रकार साथी हैं। अभी तक संगठन के 500 से अधिक आयोजन देशभर में किए गए हैं। इसके साथ ही संगठन ने पत्रकार हित में अनेक हितैषी कार्यक्रम को भी जोड़ा जिसमें निशुल्क बीमा, विभिन्न प्रतिष्ठित हॉस्पिटलों तथा यूनिवर्सिटी से अनुबंध हैं। जिसके स्वरूप कलमकारों तथा उनके परिजनों के लिए स्वास्थ्य सुविधा, उच्च शिक्षा में स्कॉलरशिप के साथ-साथ अनेक कार्यक्रम किए जाते हैं।
पत्रकारिता में गिरावट आना चिंता का विषय
कार्यशाला के आयोजन में सबसे पहले जी न्यूज़ के संवाददाता पुष्पेंद्र वैद्य ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पत्रकारों की भीड़ से पत्रकारिता के क्षेत्र में गिरावट आना चिंता का विषय है। समाज के हर क्षेत्र में बाजारवाद का प्रभाव आ गया तो पत्रकारिता के क्षेत्र और संस्थान में भी बाजारवाद हावी हुआ है। ऐसे में जमीनी स्तर पर छोटे शहरों और गांवों में कार्य करने वाले पत्रकारों के लिए अपनी जगह बनाना मुश्किल जरूर है किंतु अपने मौलिक लेखन से स्वयं की पहचान स्थापित कर एक बड़े शिखर तक अनेक साथी पहुंच रहें है। इसके लिए सतत संघर्ष की भी आवश्यकता है। विश्वसनीय, रोमांचक खबरों को हम यूट्यूब और अन्य प्लेटफॉर्म पर प्रसारित कर आर्थिक स्थिति अच्छी कर सकते हैं।
पत्रकार की कलम में हमेशा नेक नियति हो
‘नवभारत’ के समूह संपादक और एआईजे संरक्षक क्रांति चतुर्वेदी ने कार्यक्रम के सूत्रधार के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि सनातन काल से पत्रकारिता चली आ रही है। हमारे धर्म ग्रंथ भी पत्रकारिता का सशक्त उदाहरण है। कालांतर में भी कबीर, तुलसीदास, रहीम, वाल्मीकि जैसे संतों ने अपनी जो रचनाएं लिखी है, वह समसामयिक, प्रासंगिक जानकारी से ओत प्रोत पत्रकारिता के सशक्त उदाहरण है। पत्रकारिता में सुचिता की बेहद आवश्यकता है। एक सच्चे पत्रकार की कलम हमेशा नेक नीयत से समाज तथा राष्ट्रहित के लिए होना आवश्यक है। नए दौर में टेक्नोलॉजी के बढ़ने से पत्रकारिता के मायने में भी कुछ परिवर्तन भी आया जरूर है, लेकिन अवसर की प्रचुरता आज भी मौजूद हैं तथा इसे और बेहतर बनाने में ये टेक्नोलोजी सहायक हैं, इसका सदुपयोग किया जाना चाहिए।
पत्रकार अपने लिए अलग विषय तलाशें
इस तारतम्य को जारी रखते हुए ‘सुबह सवेरे’ अखबार और ‘मीडियावाला’ पोर्टल के संपादक हेमंत पाल ने पत्रकार समूह को संबोधित करते हुए कहा कि आज अपनी मौलिक पत्रकारिता में समाचारों को प्रमुखता देने के साथ अपने लिए अलग-अलग विषय भी तलाशना जरूरी है। फिल्म, राजनीति ,खेल, व्यवसाय से जुड़ी या कोई घटना प्रधान खबर को समय-समय पर अपने लेखन के द्वारा पाठकों के सम्मुख रखना नितांत आवश्यक है। इसमें से जो विषय अच्छा लगे उस पर नियमित नज़र रखें, उसी पर खबर बनाए तथा उस विषय के विशेषज्ञ बने, तभी आपकी बेहतर पहचान स्थापित हो सकेंगी।
खबरों की विश्वसनीयता से ही सार्थक परिणाम
कार्यशाला में कलेक्टर डॉ अभय अरविंद बेडेकर ने पत्रकारों की विराट संख्या में उपस्थिति पर कहा कि भारतीय पत्रकार संघ ‘एआईजे’ की एकरूपता और विशालता आज यहां इस छोटी से दूरदराज के ग्राम में प्रदर्शित हो रही है। सभी को एक साथ लाकर पत्रकार हित में ऐसी वर्कशॉप रखना ,नवीन कलमकारों को सीखने का अवसर प्रदान करना होता है। इस बेहतर आयोजन की एआईजे को बधाई देता हूं। कलेक्टर ने अपने उद्बोधन में कई उदाहरणों के माध्यम से खबरों की विश्वसनीयता के सार्थक परिणाम भी बताए। पत्रकार साथियों को समझाइश देते हुए कलेक्टर ने कहा की भ्रामक तथा गलत जानकारियां प्रकाशित करने से अखबार तथा न्यूज़ चैनलों की विश्वसनीयता पर तो असर पड़ेगा ही, पत्रकारों पर इसका सीधा असर पड़ता हैं। पाठक भी उसके समाचारों पर विश्वास नहीं करेगा। क्योंकि, बाजार में बहुत सारी सूचनाएं मिलती है उनमें से किसे अखबार की सुर्खियां बनाई जाए यह पत्रकार की योग्यता पर निर्भर करता है।
सच्चाई का अपडेट सबसे महत्वपूर्ण
पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास ने पत्रकार साथियों के विशाल समूह को एक साथ एक स्थान पर देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि किसी भी समाचार के लिए सच्चाई का अपडेट लेकर उसे सार्वजनिक करना महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि, एक भ्रामक समाचार के कारण कितनों की ही दशा और दिशा बदल जाती है। प्रत्येक खबर की सच्चाई जानना, पुष्टि करना आवश्यक है। उससे सभी को फीडबैक मिलता है और उस मीडिया संस्थान के पत्रकार की छवि भी समाज में उत्कृष्ट रूप में स्थापित होती है।
मंच पर आसीन वरिष्ठ पत्रकार तेजकुमार सेन ने सभी साथियों से राष्ट्रहित की पत्रकारिता का आह्वान किया। क्षेत्र की विधायक सेना महेश पटेल ने कहा कि एआईजे संगठन के इस विस्तारित समूह का मेरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे भव्य आयोजन में उपस्थित होना मुझे अभिभूत कर गया। मैं आप सबकी उपस्थिति को नमन करती हूं। पत्रकारिता को एक पेशा या व्यवसाय नहीं मानकर अपितु समर्पण और सेवा के भाव से आप सब हर ग्राम क्षेत्र से खबर को हम तक पहुंचाते हैं। आपका लेखन हमारी कार्यशैली को प्रभावित करता है और बेहतर काम करने का मार्गदर्शन मिलता है।
मंच पर कार्यवाहक अध्यक्ष एमएस शेख़ तथा किरण गोगोई, प्रदेश अध्यक्ष किशोर दगदी युवा इकाई अध्यक्ष उमेश चौहान, महिला विंग चेयरमैन पल्लवी प्रकाशकर, लीगल विंग के कैलाश पठारे, उपाध्यक्ष बंधु जिग्नेश शाह, राजेन्द्र अग्रवाल, राशिद शेख़, मुकेश श्रीवास्तव, निलेश भानपुरिया, महामंडलेश्वर मितेश्वरानंद जी, सुभाष पांडे, राजेश नाहर, रणजीत ठाकुर, रश्मि पटेल, सुरेश देवड़ा, धर्मेंद्र अग्निहोत्री, क्रांति गर्ग, प्रदीप अगाल आदि उपस्थित रहें। इस भव्य आयोजन में मध्यप्रदेश सहित गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार तथा असम से अनेक गणमान्य एआईजे साथी उपस्थित थे।
इस महासम्मेलन में अलीराजपुर जिला इकाई अध्यक्ष फिरोज पठान और यूथ इकाई अध्यक्ष आशीष वाणी ने जिले की कार्यकारिणी के नियुक्ति पत्र सौंपे। आयोजन का संचालन प्रदेश संयोजक सलीम शैरानी तथा दिनेश भारती और निसार भाई ने किया। कार्यक्रम का आभार शाहनवाज शेख़ ने माना। इस सफल आयोजन में महासचिव मनोहर मंडलोई एआईजे पदाधिकारी और मां पार्वती मेमोरियल स्कूल के संचालक गोविंदा माहेश्वरी, प्रदीप क्षीरसागर, आशिष वाघेला, जगराम विश्वकर्मा, रफीक शेख, खलील खान, मनीष अरोड़ा, मनीष माली, हरीश राठौड़, चयन खत्री, रितुराज लोहार, बिलाल खत्री, कन्हैया राय, असलम मकरानी, राजेंद्र देवराय, संजय वाणी, अनिल हरवाल, विजय मालवी, देवेंद्र वाणी, जुबेर निजामी, रितिक तंवर, हुसैन बोहरा, साजिद शेख आदि का सराहनीय सहयोग रहा।