PK’s Success Funda: आपकी तरक्की का एक मात्र रास्ता: आत्मानुशासन

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PK’s Success Funda: आपकी तरक्की का एक मात्र रास्ता: आत्मानुशासन

प्रवीण कक्कड़

ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए क्या चाहिए? अक्सर हम सोचते हैं कि हमें किसी बड़े मौके या किसी की मदद की ज़रूरत है. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी तरक्की का सबसे बड़ा सीक्रेट आपके अंदर ही छुपा है? जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ आत्मानुशासन की. याद रखें जीत हमेशा उसी की होती है जो खुद पर विजय पा लेता है.
हमारे व्यक्तित्व को बनाने में कई गुण अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन इन सबमें अनुशासन सबसे ऊपर है. क्योंकि बिना अनुशासन के अच्छे गुण भी बुराइयों में बदल जाते हैं. लेकिन अनुशासन से भी बड़ी चीज़ है आत्मानुशासन. अनुशासन तो कोई दूसरा हम पर लागू करता है, जैसे स्कूल में नियम होते हैं. लेकिन आत्मानुशासन वो है जब आप खुद अपने ऊपर नियम लागू करते हैं, अपनी तरक्की के लिए!

ज़रा सोचिए, जब आप स्कूल में होते हैं, तो सुबह समय पर स्कूल पहुंचना, साफ़ कपड़े पहनना, होमवर्क करना, ये सब अनुशासन का हिस्सा होता है. ये आपको स्कूल के टीचर या मैनेजमेंट सिखाते हैं. फिर आप कॉलेज जाते हैं, तो यूनिफॉर्म खत्म हो जाती है, क्यों? क्योंकि अब आपसे उम्मीद की जाती है कि जो अनुशासन आपने 12 साल में सीखा है, उसे आप खुद अपना लेंगे.

practice of self discipline

लेकिन असली इम्तिहान तब शुरू होता है जब आप कॉलेज से निकलकर प्रोफेशनल दुनिया में कदम रखते हैं. यहाँ कोई टीचर या प्रोफेसर आपको हर कदम पर बताने वाला नहीं होता. हर ऑफिस और हर काम का अपना एक अनुशासन होता है, और आपसे उम्मीद की जाती है कि आप खुद-ब-खुद उसका पालन करेंगे. अगर आप ऐसा नहीं करते, तो कोई आपको सिखाता नहीं, बल्कि आप या तो पीछे रह जाते हैं या फिर आपको इसका अंजाम भुगतना पड़ता है.
तो कौन है जो इस भीड़ में आगे निकल जाता है?

वो इंसान जो आत्मानुशासन से काम करता है. जिसे पूरा ऑफिस और उसके सहकर्मी पसंद करते हैं. वो समय पर अपना काम पूरा कर पाता है और लगातार लोकप्रिय होता जाता है. कल्पना कीजिए, अगर किसी व्यक्ति में थोड़ी बहुत कमी भी रह जाए, तो आत्मानुशासन एक ऐसी ताक़त है जो उन कमियों को भी ढक लेती है और उसे आगे बढ़ने में मदद करती है.

पुलिस सेवा में लंबे समय तक काम करने के अनुभव से मैं यह जानता हूँ कि बहुत से प्रतिभाशाली लोग सिर्फ़ अनुशासन में चूक कर जाने के कारण अपने करियर में आगे नहीं बढ़ पाए, जबकि आत्मानुशासन का पालन करने वाले लोग तरक्की की सीढ़ियाँ चढ़ते चले गए.

कॉरपोरेट जगत में तो आत्मानुशासन और भी ज़्यादा ज़रूरी है. यहाँ सिर्फ़ नौकरी के घंटे पूरे करना महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि सबसे अहम यह है कि आपको जो टारगेट दिया गया है उसे आप तय समय सीमा में पूरा कर पाते हैं या नहीं. उस समय सीमा के बीच में कोई आपको बताने वाला नहीं होता, न ही कोई आपको तेज़ काम करने के लिए कहता है. अगर आप अपने टारगेट से चूक जाते हैं, तो आपकी रेटिंग अपने आप कम हो जाती है और आपका कार्यालय आपको कम योग्य मानने लगता है. कॉरपोरेट जगत में, आत्मानुशासन ही सफलता की एकमात्र कुंजी है.

कैसे बनाएँ आत्म अनुशासन
1. नियमित दिनचर्या बनाएँ – हर दिन एक लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पूरा करके ही सोएँ।
2. आलस्य से दूर रहें – काम टालने की आदत को छोड़ें, क्योंकि यह सफलता की सबसे बड़ी बाधा है।
3. स्वयं को जाँचें – रोज़ अपने कार्यों का विश्लेषण करें और सुधार करते रहें।

अब बस बहुत हुआ सोचना! अब है एक्शन का समय!
यह लेख सिर्फ़ पढ़ने के लिए नहीं है, यह आपकी ज़िंदगी बदलने के लिए है. आज से, अभी से, इसी पल से खुद पर आत्मानुशासन लागू करना शुरू करें. अपने लक्ष्यों को पहचानें, उनके लिए एक योजना बनाएँ, और फिर बिना किसी बहाने के उस पर डट जाएँ.

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याद रखें, कठिन से कठिन समय में भी खुद को व्यवस्थित रखना और अपने काम समय-सीमा में पूरे करना ही आपकी तरक्की का मूल मंत्र है.

तो, क्या आप तैयार हैं अपनी ज़िंदगी की बागडोर अपने हाथों में लेने और आत्मानुशासन की शक्ति से अपनी हर सफलता को हासिल करने के लिए?