Youth killed in bull fight : सांडों की लड़ाई ने फिर लील ली 1 युवक की जान, निगम प्रशासन की निष्क्रियता का एक और उदाहरण!

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Youth killed in bull fight : सांडों की लड़ाई ने फिर लील ली 1 युवक की जान, निगम प्रशासन की निष्क्रियता का एक और उदाहरण!

महापौर प्रहलाद पटेल के आश्वासन पर माने क्षेत्र के रहवासी और मृतक की अर्थी उठी!

Ratlam : बीते सोमवार को शहर के तेजानगर में सुबह 9 बजे दो सांडों की लड़ाई में एक महिला उनका बेटा और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गए थे। बता दें कि तेजानगर में 65 वर्षीय मोहनबाई गुगलिया घर के बाहर बैठी थी और उनका 45 वर्षीय बेटा राजेश पिता ज्ञानमल घर से निकलकर मंदिर जा रहा था। इस दौरान वहां घुम रहें 2 सांड आपस में लड़ते हुए राजेश और उसकी मां पर जा गिरे थे। इसी दौरान वहां से गुजर रहें ग्राम तितरी निवासी अमृतलाल पाटीदार भी सांडों की चपेट में आ गए थे। हादसे में तीनों घायल हो गए थे। वहीं राजेश को तेजानगर में रहने वाले समाजसेवी कमलेश खन्नीवाल अस्पताल लेकर गए थे और अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 2 दिन जिंदगी और मौत से संघर्ष करते हुए आखिरकार मौत ने बुधवार को राजेश को अपनी आगोश में ले लिया।

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जैसे ही राजेश गुगलिया की मौत की बात तेजानगर के रहवासियों को पता चली उन्होंने क्षेत्र के रविदास मार्ग पर चक्का जाम कर दिया और अर्थी रखकर कलेक्टर मुर्दाबाद, नगर निगम आयुक्त मुर्दाबाद, महापौर मुर्दाबाद, नगर निगम की भेंट चढ़ गया एक मां का लाल के नारे लगाए और मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता की मांग करते हुए शहर से मवेशियों को हटाया जाए और शहर के तबेलों पर बुलडोजर चलाएं जाने की मांग कर रहें थे। बता दें कि मृतक राजेश गुगलिया के माता-पिता की वृद्धावस्था हैं अब घर में उनके आगे पीछे उनका कोई सहारा नहीं हैं।

संत रविदास तिराहे पर अर्थी रखकर लोगों ने जोरदार नारेबाजी करने में क्षेत्रीय लोगों के साथ पार्षद भी चक्का जाम में शामिल हुए। जिन्होंने मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता देने और मवेशी मुक्त शहर करने की मांग की। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि घर में कमाने वाला और कोई नहीं है। इसलिए 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की मांग की।

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माहौल बिगडता देख चक्का जाम स्थल पर नगर निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट 11:09 बजे आए। तब कमलेश खन्नीवाल ने उन्हें बताया कि सांड और मवेशियों के कारण सभी परेशान हैं। नगर निगम की लापरवाहीं के चलते शहर के लोग घायल हो रहें हैं। नगर निगम के जिम्मेदार लोग मवेशी पकड़ने के लिए निकलने से पहले ही मवेशी मालिकों को फोन करके सूचना दे देते हैं और मवेशियों को गायब कर दिया जाता है। इन सब की बंदी बंधी हुई हैं। नगर निगम द्वारा कार्रवाई करने वाले मैदानी कर्मचारी पशुपालकों से रुपए लेते हैं। ऐसे ही कर्मचारियों की मिली भगत और नगर निगम की लापरवाही की भेंट एक मां का लाल भेंट चढ़ गया। कई लोगों की जान चली गई हैं।

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हमारी यही मांग है कि शहर को मवेशियों से मुक्त किया जाए और पीड़ित गुगलिया परिवार को 10 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाए। और आज के आज ही तबेलों पर बुलडोजर चलाया जाए।रहवासियों ने निगम आयुक्त भट्ट को ज्ञापन भी दिया। इस दौरान एसडीएम अनिल भाना भी मौके पर पहुंचे सहायता राशि देने की बात पर जो उन्होंने जवाब दिया उससे रहवासी आक्रोशित हो उठे।चक्का जाम स्थल पर नारेबाजी करते हुए आक्रोशित लोगों ने अधिकारियों को चुड़िया भी दिखाई।

मामले में क्षेत्र के रहवासियों का आक्रोश फुट रहा था, तब 12 बजकर 2 मिनट पर महापौर प्रहलाद पटेल पंहुचे उन्होंने मौजूद लोगों से बात की और लोगों को आश्वस्त किया कि शहर को मवेशियों से मुक्त किया जाएगा। 3 दिन में कार्रवाई पूर्ण होगी। इसके पश्चात 12:09 पर अर्थी उठाई गई और अंतिम संस्कार के लिए ले गए।

महापौर प्रहलाद पटेल ने कहा कि पीड़ित परिवार को 2 लाख रुपए की मदद की जाएगी, जिसमें डेढ़ लाख जिला प्रशासन की और से वहीं 50 हजार मैं स्वयं अपनी निधि से पीड़ित परिवार को भेंट करूंगा। इसके साथ ही नगर निगम द्वारा मवेशियों के खिलाफ 3 दिन में कार्रवाई की जाएगी। शहर को मवेशी मुक्त किया जाएगा।
प्रहलाद पटेल
महापौर, नगर निगम!