Yuvraj Ustad acquitted : जीतू ठाकुर हत्याकांड में युवराज उस्ताद बरी, दो को उम्र कैद

घटना के समय महाराष्ट्र की जेल में बंद था, कोर्ट ने इसे सही माना

1993

Indore : बहूचर्चित जीतू ठाकुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी युवराज उस्ताद को कोर्ट ने बरी कर दिया। इसी मामले के आरोपी अशोक और विक्की उर्फ विनोद को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। युवराज को कोर्ट ने इस तथ्य के आधार पर बरी किया कि घटना के समय वह महाराष्ट्र की जेल में बंद था।

प्रदेशभर में चर्चित रहे जीतू ठाकुर हत्याकांड में सोमवार को फैसला आ गया। पुलिस ने 6 आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। इनमें से गुंडे युवराज उस्ताद सहित तीन को कोर्ट ने बरी कर दिया। दो आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एक आरोपी अशोक मराठा की कार्रवाई के दौरान ही मौत हो गई।

23 जनवरी 2007 को जीतू ठाकुर की महू उपजेल में हत्या हो गई थी। कुछ लोग उससे मुलाकात करने के नाम पर भीतर घुसे और उसे गोली मार दी। आरोप था कि आरोपी युवराज उस्ताद भेष बदलकर जेल में घुसा और गोली मारकर जीतू को मौत के घाट उतार दिया। आरोप लगाया गया था कि युवराज ने पिता विष्णु उस्ताद की हत्या का बदला जीतू को मारकर लिया था। हत्याकांड के कई दिन बाद तक युवराज फरार रहा। बाद में उसने मिल क्षेत्र की एक बस्ती में सरेंडर कर दिया था। युवराज की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश सिरपुरकर पैरवी कर रहे थे।

घटना के वक्त युवराज महाराष्ट्र में बंद

कोर्ट में युवराज की तरफ से तर्क रखे गए कि उसका हत्याकांड से कुछ लेना देना नहीं है। 23 जनवरी 2007 को जिस दिन जीतू ठाकुर की महू की उपजेल में गोली मारकर हत्या की गई थी उस दिन युवराज एक अन्य मामले में महाराष्ट्र की जेल में बंद था। जब वह जेल में बंद था तो फिर हत्या कैसे कर सकता है। कोर्ट ने एडवोकेट सिरपुरकर के इस तर्क को सही मानते हुए युवराज को बरी कर दिया है। सोमवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए यशवंत, करण और युवराज उस्ताद को बरी कर दिया। जबकि, अशोक सूर्यवंशी और विक्की उर्फ विनोद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।