मोदी-शाह की जोड़ी ने राजस्थान को भी चौंकाया,राजस्थान में आयेगा भजन राज

भजनलाल शर्मा चुने गए राजस्थान के मुख्यमंत्री, दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा बनेंगे डिप्टी सीएम, वासुदेव देवनानी को मिलेगा स्पीकर का दायित्व

मोदी-शाह की जोड़ी ने राजस्थान को भी चौंकाया,राजस्थान में आयेगा भजन राज

मंगलवार की शाम दिल थाम कर बैठी राजस्थान और देश की जनता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके चाणक्य केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तरह एक बार फिर से चौंकाते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री के रुप में जयपुर के सांगानेर से पहली बार विधायक बने पार्टी के प्रदेश महामंत्री ब्राह्मण नेता भजनलाल शर्मा के नाम का ऐलान कराया गया है।

भाजपा विधायक दल की बैठक में केन्द्रीय पर्यवेक्षक केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और भाजपा नेता सरोज पांडे की उपस्थिति में पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के हाथ में एक पर्ची थी जिससे रखे गए उनके प्रस्ताव पर जहां मुख्यमंत्री के रूप में भजनलाल शर्मा के नाम पर मुहर लगाई गई, वहीं जयपुर राजघराने की दूसरी बार विधायक बनी दीया कुमारी और दुदू के विधायक प्रेम चंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री की कमान सौंपी गई है,जबकि अजमेर से चुन कर आए वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी को विधानसभा अध्यक्ष मनोनीत गया है। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों के चयन को देखने के बाद राजस्थान के नेताओं में हड़कंप मच गया था ।

इससे पहले भाजपा मुख्यालय में विधायकों का फोटो सेशन हुआ जिसमें राजस्थान के लिए भाजपा पर्यवेक्षक बनाए गए राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडे के साथ ही केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सी.पी. जोशी, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह आदि वरिष्ठ नेतागण भी मौजूद रहें। दोपहर में बीजेपी के सभी नव-निर्वाचित विधायकों का रजिस्ट्रेशन भी किया गया।बैठक में भाजपा समर्थित निर्दलीय विधायकों को नहीं बुलाया गया था जबकि कुछ निर्दलीयों ने बिना शर्त समर्थन पत्र सौंपें है। हालांकि निर्दलीयों को जयपुर में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं एवं निर्दलीय विधायकों के समर्थन पत्र राज्यपाल को सुपुर्द किए जाने प्रस्तावित है।

राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सांगानेर से विधायक हैं और राजस्थान भाजपा के महामंत्री भी हैं। पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले भजनलाल शर्मा का नाम सामने रखकर भाजपा ने एक बार फिर सभी को चौंका दिया है।

भजनलाल शर्मा को बीजेपी ने इस बार जयपुर की सांगानेर सीट से मैदान में उतारा था। भजनलाल शर्मा ने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को सांगानेर में 48081 वोटों से शिकस्त दी थी। मूल रूप से भरतपुर के लेकिन जोधपुर के रहने वाले भजनलाल शर्मा का आरएसएस से गहरा संबंध रहा है। बीजेपी संगठन में वह एक मजबूत भूमिका में रहे हैं।

सांगानेर सीट से भजन लाल शर्मा को मैदान में उतार कर पार्टी ने उनकी दमदार एंट्री के संकेत दे दिए थे लेकिन किसी को भी उनके मुख्यमंत्री बनने का लेश मात्र भी अंदेशा नही था।हालाँकि लगातार जारी सियासी कयासों के मध्य यह चर्चा भी थी कि राजस्थान में भी भाजपा एक ऐसा चेहरा सामने ला सकती है जो काफी नया हो।

भजनलाल शर्मा राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री धारी है। शर्मा ने
राजस्थान भाजपा के संगठन में काफी काम किया है। वह सांगानेर से विधायक बनने से पहले भाजपा के तीन बार प्रदेश में महामंत्री रहे हैं। वह राजस्थान के पूर्वी इलाके से आते हैं और भरतपुर में उनका घर है। जब उन्हें सांगानेर विधानसभा से मैदान में उतारा गया तो ये कहा गया कि वह बाहरी है, लेकिन इसके बावजूद वह बड़े अंतर से जीत कर सामने आए। उन्हें गृहमंत्री अमित शाह के भी बेहद करीब माना जाता है। अखिल भारतीय विद्धयार्थी परिषद और आरएसएस से उनका काफी गहरा नाता रहा है।

छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और राजस्थान के हर किसी को हैरान करने वाले फ़ैसलों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल सोशल इंजीनियरिंग का अनूठा नमूना पेश किया है वरन पार्टी में अंतिम पंक्ति में बैठने वाले कार्यकर्ताओं में एक नया जोश भरा है ।
देखना है कि पाँच महीनों बाद होने वाले लोकसभा आम चुनावों में मोदी शाह की यह सोशल इंजीनियरिंग कैसे परिणाम लेकर आयेंगी?

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गोपेंद्र नाथ भट्ट
गोपेंद्र नाथ भट्ट

गोपेंद्र नाथ भट्ट सम-सामयिक विषयों के लेखक और सूचना एवं जनसंपर्क के क्षेत्र में एक जाने पहचाने नाम और लेखनी के सशक्त हस्ताक्षर है ।

भट्ट राजस्थान के कई मुख्य मंत्रियों जिसमें पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत, वर्तमान मुख्य मंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्य मंत्री वसुन्धरा राजे और दिवंगत मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी सहित प्रदेश के दस-ग्यारह मुख्यमंत्रियों के पीआरओ और प्रेस अटेची रहे है ।भट्ट के देश-विदेश और प्रदेश के सभी जाने माने पत्रकारों और अन्य सभी मीडिया जनों से हमेशा अत्यन्त मधुर सम्बन्ध रहें है।अपनी कार्य कुशलता और व्यवहार से भट्ट ने एक श्रेष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी के रूप में अपनी छाप छोड़ी । उन्हें पत्रकारिता और जनसम्पर्क के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए कई प्रतिष्ठित अवार्ड भी मिलें हैं।

भट्ट ने सरकारी सेवा से निवृत होने के बाद भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय के सीनियर मीडिया कसलटेंट के रूप में अपनी सेवाएं दी। साथ ही वे भारतीय उद्यमिता संस्थान,अहमदाबाद के अधिशासी अधिकारी भी रहें। वर्तमान में भट्ट कई जाने माने प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक संस्थानों के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी की कई सामाजिक-सांस्कृतिक एवं समाजसेवी और प्रवासियों से संबद्ध संस्थाओं से भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए है ।

भट्ट सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, राजस्थान के वरिष्ठतम अधिकारी रहे है तथा प्रदेश के विभिन्न जिलों और संभाग में सेवाएं देने के साथ ही एक मात्र ऐसे अधिकारी रहे है जिन्होंने लगातार 25 वर्षों तक राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भिन्न-भिन्न दलों की सरकारों के मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया । साथ ही पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल सहित कई राज्यपालों और देश प्रदेश के अनेक लब्ध-प्रतिष्ठित प्रशासनिक अधिकारियों को भी अपनी सेवाएं दी।

दिल्ली पद स्थापन के दौरान भट्ट राजस्थान संवाद के अधिशासी निदेशक भी रहें।इसके अलावा वे दिल्ली में राज्यों के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारियों की संस्था “सिप्रा” के दो बार निर्विरोध अध्यक्ष और पब्लिक रिलेशंस सोसायटी ओफ़ इंडिया (पीआरएसआई ) के विभिन्न पदों पर भी रहे।

भट्ट का जन्म और शिक्षा दीक्षा दक्षिणी राजस्थान के ऐतिहासिक नगर डूंगरपुर में हुई । उनके पिता भट्ट कांतिनाथ शर्मा बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय से स्नातक और संस्कृत,हिन्दी और अंग्रेज़ी के प्रकाण्ड विद्वान थे। वे देश के प्रथम गवर्नर जनरल चक्रवती राजाजी राज गोपालाचारी के सहयोगी एवं भाषण अनुवादक रहने के अलावा राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डूंगरपुर महारावल लक्ष्मण सिंह के जीवन पर्यन्त राजनीतिक सचिव रहें । साथ ही तत्कानीन स्वतंत्र पार्टी की राजस्थान प्रदेश इकाई के महामंत्री तथा जयपुर की महारानी गायत्री देवी के राजनैतिक गुरु भी रहें । उन्हें गायत्री देवी को राजनीति में लाने का श्रेय भी मिला ।भट्ट अंतर राष्ट्रीय न्यायालय हेग के अध्यक्ष डॉ नागेन्द्र सिंह के विश्वस्त सहयोगी और भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष राजसिंह डूंगरपर और उनके सभी भाई बहनों के प्रारम्भिक शिक्षक भी रहें।उन्हें राज परिवार के सदस्य स्नेहपूर्वक मास्टर साहब पुकारते थे।