10K Steps A Day Health Benefits::याददाश्त मजबूत करने के लिए रोज चलें 10 हजार कदम , कैंसर और डिमेंशिया का खतरा भी होगा कम
अलग-अलग तरह की एक्सरसाइज और योग, सभी के लिए नहीं होते। लेकिन लगभग हर कोई, पैदल चल सकता है। आजकल, वॉक को ट्रैक करने के लिए, तमाम तरह ही ऐप्स और डिवाइस आ गए हैं। इनकी मदद से, जान सकते हैं कि दिनभर में आप कितने कदम चले हैं। लोग एक-दूसरे को स्टेप्स काउंट चैलेंज भी देते हैं। वॉक करना, अब एक फिटनेस ट्रैंड बन चुका है। कई एक्सपर्ट्स ऐसा मानते हैं कि दिनभर में 10 हजार कदम चलना फायदेमंद होता है। 10 हजार कदम चलने का मतलब है, दिन में 7.6 किलोमीटर चलना। दिनभर में 10 हजार कदम पूरा करने से, मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है, शरीर की ऊर्जा भी बढ़ती है।
रोजाना 10 हजार कदम चलने से डिमेंशिया (मनोभ्रंश), कैंसर, दिल की बीमारी और असामयिक मृत्यु का खतरा कम होता है. यह दावा ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी और दक्षिणी डेनमार्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है.
शोध में कहा गया कि इंसान जितना अधिक चलेगा उसकी याददाश्त उतनी मजबूत होगी. शोध में दैनिक कदमों की संख्या और डिमेंशिया के बीच लिंक पाया गया है. अध्ययन के निष्कर्ष जामा न्यूरोलॉजी में प्रकाशित किए गए हैं.
शोध में ब्रिटेन के 78,500 वयस्कों को शामिल किया गया. इसमें 35,040 पुरुष और बाकी महिलाएं थीं. अध्ययन के दौरान आकस्मिक कदमों को ध्यान में रखा गया, जो 40 कदम प्रति मिनट से कम थे. इसमें पाया गया कि एक दिन में कम से कम 3,800 कदम चलने से डिमेंशिया का जोखिम करीब 25% तक कम किया जा सकता है.
कई घातक बीमारियों से बचा जा सकेगा
कई ऐसे लोकप्रिय ऐप हैं, जिससे लोग अपनी शारीरिक गतिविधियों को रोजाना आसानी से ट्रैक कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि लोग ऐसा करते भी हैं. लेकिन कदमों की गति के बारे में कभी नहीं सोचते. उन्होंने कहा कि रोजाना कदम आधारित शारीरिक गतिविधि कर कई बीमारियों से बचा जा सकता है.
शोध में क्या चीज आई सामने?
क्रूज ने बताया कि शोध में शामिल प्रतिभागियों की उम्र 40 से 79 वर्ष के बीच थी. इनकी सात वर्षों तक निगरानी की गई. जिसमें पाया गया कि जो लोगों रोज 9,826 कदम चले, उनमें डिमेंशिया होने की संभावना 50% कम थी. आमतौर पर बैठे-बैठे जीवन जीने वाले लोग इस डर के साथ पैदल यात्रा शुरू करने से हिचकिचाते हैं कि पैदल चलना तब फायदेमंद होता है, जब कदमों की गिनती 10 हजार से ऊपर हो, लेकिन यह एक मिथक है.
हर साल बढ़ रहे डिमेंशिया के मरीज
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, वर्तमान में दुनियाभर में 5.5 मिलियन (5.5 करोड़) से ज्यादा लोग डिमेंशिया से ग्रसित हैं. इतना ही नही, हर साल लगभग एक मिलियन (10 लाख) नए मामले सामने आते हैं.