चर्चित कवि आनंद पचौरी की दो कविताएँ

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चर्चित कवि आनंद पचौरी की दो कविताएँ

1.मन करता है

मन करता है
तुम्हारे पास बैठा रहूं मौन,
चुन लूं धीरे धीरे,
तुम्हारे अंतस में गहरी धंसी,
संघर्षों की वेदना मय स्मृतियां

विस्तीर्ण हो चुकी तुम्हारी छांव में,
विश्राम ढूंढती है उम्र
फूटने दो फिर नई कोंपलें
तुम्हारी हंसी में सिमटने दो समय की दूरियां

मैं, तुम्हारी छांव में,
बनाना चाहता हूं एक ठौर अपना,
जहां बैठ प्रतीक्षारत आंखों को मिल जाए नई रौशनी,
अंतिम यात्रा के पूर्व।

तुम फिर,
अपने आमंत्रण भरे नयनों से झिड़क दो मुझे
मेरी शिराएं तुम्हारे स्पर्श की ऊर्जा पा जाएं
हम बांट लें अपने अनकहे उलाहने, और
हल्के होकर चल सकें
जीवन यात्रा के शेष पथ पर,

रूको,
मुझे फूंक फूंक कर निकालने दो
तुम्हारे पैरों में चुभी कंटीली आहें,
विसर्जित हो जाने दो तुम्हारे स्नेह सागर में सब विषाद,
तुम्हें खोजते हुए पा लूं फिर नई आशाएं

फिर निहारो मुझे,
समय के जंगल में रौशनी खोजती आंखों से
और सुनाते सुनाते कहानियां,
आंसुओं का घट छलक जाने दो,
मैं समेट कर तुम्हें अपने प्राणों में
अंतिम पड़ाव का समापन कर लूं, उत्सव में

भले ही अब शाम ढल चुकी है,
क्यों न शेष रात्रि को जीवंत बना लें हम
मैं तुम से कहूं छूट गई अनकही कहानियां,
इतनी कि फिर सुबह होते होते,
मैं आंखें खोलूं एक नई दुनिया में,
जहां तुम मेरे सामने होती हो
वैसी ही नई,
जैसी तुम स्मृतियों में होती हो हमेशा।

2.इस पड़ाव पर

कांपते हाथों से जब
बिखरने लगें अनुभव ,
लड़खड़ा कर गिरने लगें अपेक्षाएं
जब सपने छुपा रहे हों अपने गर्म आंसू,
तब, मौन हो जाना
सुनना,नैपथ्य से आते अतीत के संदेश

खुले रखना अपने दरवाजे,


सहमे कदमों से आते
जिंदगी के उस मकाम के लिए
लौट कर नहीं आती जहां से,
फिर इच्छा कोई

अनुभवों के विराट तट पर,
स्मृतियां खोज रहीं होंगी
सुनहरे पलों के बिखरे मोती,
मैं,
स्वागत करूंगा, शांत होती उन लहरों का,
समेट ले गई हैं जो,
जीवन के हर विषाद से हलाहल

—  आनंद पचौरी

आनंद पचौरी के तीन कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं,चौथा प्रकाशन में है। उनकी कविता जीवन का साक्षात्कार है।३४वर्ष की पुलिस सेवा में जीवन के हर पहलू को उन्होंने बहुत करीब से देखा है ‌पुलिस महानिरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त होने के पश्चात लेखन कार्य में पूर्ण समर्पण से साहित्य सेवा में व्यस्त श्री पचौरी राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित है .उन्होंने डकैती, नक्सलाइट और जम्मू कश्मीर के आतंक प्रभावित क्षेत्रों में अधिकांश समय गुजरा है।

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