गर्मियों में Buttermilk पीने के 13 Benefits

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  छाछ; यह भारतीय पारंपरिक पेय पदार्थों में से एक है। इसका इस्तेमाल अक्सर गर्मियों में पीने के लिए किया जाता है, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है और यह शरीर में ठंडक पहुंचाता है।

छाछ बनाने के लिए दही को मथना पड़ता है। घी निकालने के बाद जो पेय बचता है उसे छाछ कहते हैं। छाछ में दूध व दही की अपेक्षा फैट व कैलोरी, दोनों कम होते हैं। यह नमकीन व खट्टी होती है और पीने में स्वादिष्ट होती है, इसलिए यह काफी प्रसिद्ध पेय है। इसे मट्ठा भी कहा जाता है।

सॉफ्ट ड्रिंक और बाजार में बिकने वाले दूसरे डिंक्स में शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है. जिससे कई तरह की बीमारियों का का खतरा बढ़ जाता है.

Buttermilk

ऐसे में आप छाछ(buttermilk) एक हेल्दी विकल्प के रूप में भी सामने आता है.छाछ घर पर बना हुआ हो तो ये और भी स्वादिष्ट और सेहतमंद हो जाता है. खनिज और विटामिन से युक्त होने के कारण यह पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है, इसलिए इसे भोजन के पाद पिया जाता है।

छाछ(buttermilk)में उच्च मात्रा में पोटेशियम, विटामिन B12, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन मौजूद होता है इसके अलावा फास्फोरस का भी बढ़िया स्रोत है। छाछ( buttermilk) का उपयोग पीने के अलावा सब्ज़ी बनाने में किया जाता है छाछ से अनेक प्रकार के व्यंजन बनाये जाते हैं

छाछ( buttermilk) के प्रकार

दही के स्वाद के अनुसार ही छाछ भी मीठा, खट्टा और बहुत खट्टा हो सकता है। पानी मिलाने और मक्खन निकालने की मात्रा के आधार पर छाछ के कई प्रकार होते हैं। बिना जल के केवल दही को मथ कर तैयार किया गया तक्र ’घोल‘, एक-चौथाई जल मिलाकर तैयार किया गया ’तक्र‘ तथा आधा जल मिलाकर तैयार किया ’उदश्वित्‘ कहलाता है। स्नेह (घी) निकाल कर बिना जल मिलाए मथा गया दही ’मथित‘ कहलाता है।

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 छाछ (Buttermilk) सेहत के लिए है फ़ायदेमंद

buttermilk

1. Buttermilk में बायो एक्टिव प्रोटीन होता है, जो ब्लड प्रेशर को घटाने का काम करता है। प्रतिदिन छाछ या मट्ठे का सेवन करने से ब्लड प्रेशर

2. नियंत्रित रहता है और हृदय संबंधी दिक्कत नहीं होती हैं।

3. छाछ (Buttermilk)अपच, भूख न लगने व कब्ज़ के समस्या में फ़ायदा पहुंचाते हैं।

4. छाछ कोलेस्ट्रॉल को घटाने में एक प्राकृतिक औषधि का कार्य करता है। इसका नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है।

5. छाछ(Buttermilk) पीने से शरीर में पानी की कमी दूर होती है।

buttermilk

6. यह एसिडिटी और पेट की जलन को दूर करता है।

7. पेशाब में दर्द हो तो छाछ पीने से आराम मिलता है।

8. इससे डायरिया का खतरा टलता है।

9. यह अल्सर जैसी बीमारी में असरकारक है।

10. छाछ में कैल्शियम बहुत मात्रा में होता है इसलिए यह ऑस्टियोपोरोसिस में मदद करता है।

11. यह शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति उत्पन्न करता है।

12. छोटे बच्चों को रोज़ाना छाछ पिलाने से दांत निकलने में तकलीफ नहीं होती।

13. वज़न कम करना हो तो छाछ पीना चाहिए, फ़ायदेमंद होता है।

 

छाछ का सेवन कब ना करें

ज्यादा खट्टा छाछ हानि पहुँचाता है, अतः उसका सेवन नहीं करना चाहिए। छाती में घाव या दुर्बलता, मूर्च्छा, चक्कर, जलन और रक्तस्राव में एवं वर्षाकाल की गर्मी में छाछ का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

ज्यादा खट्टा छाछ हानि पहुँचाता है, अतः उसका सेवन नहीं करना चाहिए। छाती में घाव या दुर्बलता, मूर्च्छा, चक्कर, जलन और रक्तस्राव में एवं वर्षाकाल की गर्मी में छाछ का प्रयोग नहीं करना चाहिए। बिना पका हुआ छाछ (मट्ठा) कोष्ठ में जमा कफ को तो नष्ट करता है, परन्तु गले में कफ को उत्पन्न करता है। अतः पीनस, खाँसी, दमा और गले के रोगों में ताजे छाछ का प्रयोग न करके पके छाछ को प्रयोग में लाना चाहिए।

बिना पका हुआ  छाछ (मट्ठा) कोष्ठ में जमा कफ को तो नष्ट करता है, परन्तु गले में कफ को उत्पन्न करता है। अतः पीनस, खाँसी, दमा और गले के रोगों में ताजे छाछ का प्रयोग न करके पके छाछ को प्रयोग में लाना चाहिए।

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