2 Thousand Crore Scam: IAS अफसर की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज
रायपुर: ED की स्पेशल कोर्ट के जज अजय सिंह राजपूत की अदालत ने पूर्व आबकारी आयुक्त IAS निरंजन दास की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी है । इसके साथ ही उनकी गिरफ्तारी की संभावनाएं बढ़ गई है। ED दास से दो हजार करोड़ के लिकर स्कैम को लेकर पूछताछ करना चाहती है। इस मामले मेंं ED पहले ही विशेष सचिव आबकारी एपी त्रिपाठी को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
आबकारी विभाग के पूर्व सचिव IAS निरंजन दास की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला आ गया है।
ED की स्पेशल कोर्ट के जज अजय सिंह राजपूत की अदालत ने निरंजन दास की अग्रिम जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है। ED की गिरफ्त से बचने के लिए आरोपी पूर्व सचिव ने ED के विशेष न्यायाधीश के यहां अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। न्यायालय ने कल बुधवार को जमानत याचिका ख़ारिज कर दी गई है।
बताते हैं कि ED ने आबकारी के कथित 2000 करोड़ के घोटाले के मामले पर IAS निरंजन दास से भी पूछताछ की थी। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। छुटते ही दास का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा और उन्हें पहले मुंबई फिर दिल्ली वेदांत में भर्ती करना पड़ा था। इस दौरान ED ने अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह उर्फ़ पप्पू ढिल्लन,
अरुणपति त्रिपाठी और अरविंद सिंह को दबोच लिया था। लेकिन इस मामले में अब तक निरंजन दास की गिरफ़्तारी ED ने नहीं की है। अपनी गिरफ़्तारी से बचने के लिए ही निरंजन दास अपने वकील के माध्यम से अग्रिम जमानत के लिए आवेदन में अस्वस्थ्यता और अन्य व्यावहारिक दिक्कतों के आधार पर विशेष न्यायाधीश से अग्रिम जमानत के लिए अपील किये थे। आज उनकी अपील की ख़ारिज करने के बाद अब निरंजन दास के पास उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा खुला है लेकिन अब ED उन्हें कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।