Road Construction : इंदौर से एदलाबाद तक के रोड निर्माण की गति धीमी, जनवरी तक नहीं बना, अब फरवरी 2026 तक का लक्ष्य!

प्रोजेक्ट पूरा होने से भेरूघाट और चोरल घाट की दुर्घटनाओं तथा लंबे जाम से राहत मिलेगी!

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Road Construction : इंदौर से एदलाबाद तक के रोड निर्माण की गति धीमी, जनवरी तक नहीं बना, अब फरवरी 2026 तक का लक्ष्य!

वरिष्ठ पत्रकार और फोटोग्राफर ऋतुराज बुड़ावनवाला की रिपोर्ट

Indore : इंदौर से खंडवा और वहां से एदलाबाद तक का 216 किलोमीटर लंबा मार्ग इंदौर से जुड़ने वाले प्रमुख मार्गों में एक है। सालों से इस खराब सड़क का काम अगस्त 2022 में शुरू हुआ था। इस साल जनवरी में इसे पूरा होना था, पर नहीं हुआ। अब इसे फ़रवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पर, जिस तरह से काम की गति है, इसमें भी संशय व्यक्त किया जा रहा है। जितना काम बाकी है, काम की गति उतनी तेज दिखाई नहीं देती।

इंदौर-खंडवा-एदलाबाद के हाईवे को फोर लेन का बनाया जा रहा है। इस परियोजना का काम अगस्त 2022 में शुरू हुआ था और इसे इसी साल जनवरी तक पूरा होना था। लेकिन, काम धीमा होने से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने प्रोजेक्ट की समय सीमा को बढ़ाकर अब फरवरी 2026 कर इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया हैं। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से भेरूघाट और चोरल घाट पर होने वाली दुर्घटनाओं से तथा घंटो तक लगने वाले जाम से राहत मिलेगी तथा खंडवा और महाराष्ट्र की ओर जाने वाले आम लोगों को यातायात में सुविधा होगी।

इस मार्ग पर सबसे अहम हिस्सा तेजाजी नगर से बलवाड़ा तक का 33 किमी का है। घाट सेक्शन पर पुल-पुलिया, फ्लाई ओवर बन रहे हैं। इस हाईवे पर तीन सुरंगों का निर्माण भी किया जा रहा है। जिसका काम अभी भी काफी बाकी है। इन सुरंगों का काम दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। भेरूघाट सुरंग (लंबाई 576 मीटर), बाई ग्राम सुरंग (480 मीटर) और चोरल घाट सुरंग (550 मीटर) का काम लंबे समय से चल रहा है। टनल आर-पार होने के बाद छत समेत तीनों ओर को सीमेंट-कांक्रीट से उसे पक्का किया जा रहा है। टनल की फिनिशिंग के लिए 42 खिड़कियों वाली गेंट्री से सीमेंट-कंक्रीट का प्लास्टर किया जा रहा है।

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रेलवे की पटरियों जैसे बेस पर गेंट्री लगाई है, जो एक दिन में 12.5 मीटर सीमेंट-कंक्रीट कर देती है। 42 खिड़कियों और टनल की दीवार के बीच 2.5 मीटर की गैप में सरियों का जाल है। एक खिड़की से सीमेंट-कंक्रीट भरने के बाद दूसरी खिड़की से जब मटेरियल निकलने लगता है तो उसे बंद कर देते हैं। इस तरह टनल को पक्का किया जा रहा है। टनल में सड़क बनाने के लिए बेस बना दिया गया है। तीनों टनल एनएटीएम (न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड) तकनीक से बनाई जा रही है। इस ऑटोमेटिक टनल में कई अनोखे प्रयोग किए जा रहे हैं। आपातकालीन स्थिति में बैरिकेड्स बंद हो जाएंगे। साथ ही आग बुझाने के उपकरण भी लगाए जा रहे हैं। यदि यह काम समय पर पूरा हो जाता है, तो भारी वाहनों को दिसंबर से हाईवे से गुजरने की अनुमति मिल जाएगी।

सिमरोल बायपास और सिमरोल अंडरपास को भी बारिश के पहले शुरू करने की तैयारियां थी, किंतु काम अभी भी अधूरा है। दरौंदा के पास बनाए गए फ्लाईओवर से ट्रैफिक शुरू हो चुका है। जैसे-जैसे काम होता जा रहा है, वैसे-वैसे एनएचएआई सड़क पर ट्रैफिक शुरू करती जा रही हैं। इंदौर से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग जाने वाले भक्तों को इस हाईवे के बनने से बहुत लाभ होगा। घाट सेक्शन और कर्व के कटाव से इंदौर से खंडवा की दूरी और यात्रा का समय भी कम हो जाएगा। इंदौर से खंडवा दो घंटे में पहुंचा जा सकेगा। नवनिर्मित सड़क पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा 80 से 100 कि.मी.प्रति घंटा रहेगी। अभी इंदौर-खंडवा दो लेन पर यातायात हमेशा ही जाम रहता है। महाकाल लोक के कारण बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हुआ है। वे उज्जैन के साथ ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए बड़ी संख्या में सडक़ मार्ग से सफर करते हैं।