दोहरे हत्याकाण्ड के आरोपीगण को दोहरे आजीवन कारावास की सजा

दोहरे हत्याकाण्ड के आरोपीगण को दोहरे आजीवन कारावास की सजा

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दोहरे हत्याकाण्ड के आरोपीगण को दोहरे आजीवन कारावास की सजा

छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: छतरपुर में दोहरे हत्याकाण्ड के आरोपीयों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनने का मामला सामने आया है। मामला जिले के बिजावर का है जहां रूपेश गुप्ता प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश बिजावर के न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बिजावर जिला छतरपुर के न्यायालय ने आरोपी विजय बहादुर उर्फ ब्रजेन्द्र पिता जंगबहादुर सिंह उम्र 32 वर्ष, राजेन्द्र उर्फ जंटू राजा पिता मलखान सिंह उम्र 52 वर्ष, रविन्द्र उर्फ भियाराजा पिता हम्मीर सिंह उम्र 32 वर्ष, भुवानी सिंह पिता दिल्लीपत उम्र 90 वर्ष, अजय बहादुर सिंह उर्फ अज्जू पिता जंगबहादुर सिंह उम्र 32 वर्ष, मानवेन्द्र पिता जंगबहादुर सिंह उम्र 25 वर्ष, रावबहादुर उर्फ सतेन्द्र सिंह पिता जंगबहादुर उम्र 26 वर्ष, जंगबहादुर उर्फ जंगलराजा पिता भुवानी सिंह उम्र 52 वर्ष सभी निवासी ग्राम डारगुवां थाना पिपट जिला छतरपुर को धारा 302/149 IPC में हरिराम की हत्या के लिए आजीवन कारावास एवं 5000-5000 रुपये का अर्थदण्ड, धारा 302/149 IPC में शंकरदयाल की हत्या के लिए आजीवन कारावास एवं 5000-5000 रुपये का अर्थदण्ड, धारा 307/149 IPC के संबंध में 05-05 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000-2000 रुपये के अर्थदण्ड धारा 323/149 IPC में 6-6 माह का कठोर कारावास एवं धारा 148 IPC में 1-1 वर्ष के कठोर कारावास से दंडित किया गया है।
प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी/लोक अभियोजक अजय प्रताप सिंह बुंदेला द्वारा की गयी।

●यह है पूरा मामला..

जकनकारी के मुताबिक फरियादी कालका प्रसाद दुबे ने पुलिस को सूचना दी कि दिनांक 5-11-2016 को रात 10ः30 बजे के लगभग वह अपने परिवार के साथ घर के अंदर खाना खा रहा था कि बाहर से उसके चाचा हरिराम दुबे के चिल्लाने की आवाज आयी कि दौड़ो मुझे मार डालते हैं घर तोड रहे हैं की आवाज सुन कर वह और परिवार के लोग पहुचें तो देखा कि गांव के भुवानी सिंह, जंगल सिंह, बृजेन्द्र सिंह कुल्हाडी, अज्जू, मानवेन्द्र सिंह, जन्टू राजा, भिया राजा, सतेन्द्र उक्त सभी एक राय होकर चाचा हरीराम की मारपीट कर रहे थे। और चाचा मरणाशन होकर नीचे जमीन में पडे थे। हम लोग जब बचाने पहुंचे तो इन लोगों ने हमारे साथ भी मारपीट कर दी। इस हमले में चाचा हरिराम दुबे मरणाशन पडे थे। आरोपी जाते समय गायों वाले घर में आग लगाते हुए सभी गालियां देकर कह रहे थे कि हरिराम तो मर जायेगा, इसने हम ठाकुरों को दुकान से सौदा देने से मना क्यों किया और उसके बचाने वाले परिवार को ठीक कर दिया जायेगा।

आरोपियों ने मेरे चाचा हरिराम दुबे एवं मेरे पिता को एक राय होकर दुकान से सौदा न देने की बात को लेकर जानलेवा हमला कर दिया। और घर में आग लगया दी थी। बचाने वालों को जान से मारने की धमकी दी गई थी।

मामले की सूचना पर पुलिस ने धारा 307, 294, 323, 324, 506 बी, 436, 147, 148, 149 IPC के तहत मामला दर्ज कर विवेचना के दौरान शंकर लाल दुबे एवं हरिराम दुबे की आरोपियों द्वारा मारपीट से मृत्यू होने से प्रकरण में धारा 302 IPC को बढ़ाया गया था।