NRI Conference Concludes : विश्व के सामने कई चुनौतियां, भारत इनसे निपटने में लगा!

तीन दिन के प्रवासी भारतीय सम्मेलन का समापन, राष्ट्रपति ने 27 प्रवासियों को सम्मानित किया! 

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NRI Conference Concludes : विश्व के सामने कई चुनौतियां, भारत इनसे निपटने में लगा!

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने असुविधा के लिए हाथ जोड़कर माफी मांगी!

  Indore : तीन दिन का प्रवासी भारतीय सम्मेलन समाप्त हो गया। आयोजन के अंतिम दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 27 प्रवासी भारतीयों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना से काम में लगा है। आज कई चुनौतियां हैं, भारत विश्व के साथ मिलकर इनसे निपटने में लगा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हर क्षेत्र में भारतीय एक ऊर्जावान और आत्मविश्वास से भरा समुदाय है। यहां तक कि विश्व की लीडरशिप पोजिशन पर भी है। कठिन परिश्रम से हमने जीवन के हर क्षेत्र में चुनौतियों के बीच उपलब्धियां हासिल की है। कला, साहित्य, व्यापार और विज्ञान-प्रौद्योगिकी हर क्षेत्र में ऐसा है। भारत और भारत के बाहर की उपलब्धियों की प्रशंसा के लिए ये मंच नहीं है। बल्कि ये भारत के उस विश्वास को परिलक्षित करता है जिसमें ये विश्वास समाहित है कि हम ऊंची उड़ान भर सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि जिन प्रवासी भारतीयों को सम्मान मिला उन्हें शुभकामना देती हूं और कामना करती हूं कि ये भविष्य में आपको महान उपलब्धियों के लिए प्रेरिता करेगा। अंतिम दो दशक में प्रवासी भारतीय सम्मेलन आपके और भारत के बीच संवाद का बेहतर माध्यम बनकर उभरा है।
आजादी का अमृत महोत्सव आजादी के 75 साल पूरे होने पर मनाया जा रहा है। ये उन लोगों को समर्पित है जिन्होंने देश की तरक्की के लिए अब तक अहम योगदान दिया और जिन्होंने हमारे विजन आत्मनिर्भर भारत के लिए काम किया। प्रवासी भारतीय विश्वसनीय सहयोगी हैं अमृतकाल में। हमारी सरकार शिवराज जी की पहल पर प्रवासियों के हित में काम करने को प्रतिबद्ध है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। मंच पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ ही सूरीनाम और गुयाना के राष्ट्रपति, केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मंच पर मौजूद थे।

प्रवासी भारतीयों से शिवराज ने माफ़ी मांगी
शिवराज सिंह ने प्रवासी भारतीयों को हुई असुविधा के लिए दूसरे दिन भी हाथ जोड़कर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि असुविधा हुई तो हमें क्षमा कीजिए, हमारे प्यार को दिल में रखकर जाएं। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी की लोकप्रियता ही इतनी है कि हॉल छोड़ा पड़ गया, लेकिन हमारे दिल बड़े है। सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि जब तुम चले जाआगे तो याद बहुत आओगे, तुम बिन इंदौर सूना-सूना लगेगा।    मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने संबोधन में कहा कि इस आयोजन को लेकर मन भावविभोर है, प्रसन्नता से भरा है, लेकिन उदासी भी है। क्योंकि, आप जाने वाले है। शिवराज सिंह ने कहा कि तीन दिन आनंद, उत्सव और उमंग के रहे, तीन दिन कैसे कटे पता ही नहीं चला। अब मन ये सोच कर भारी हो रहा है कि आप चले जाओगे, यहीं रह जाओ ना। सीएम शिवराज सिंह ने शायरी बोलते हुए कहा
सितारों को आंखों में महफूज रखना, बड़ी दूर तक रात ही रात होगी,
मुसाफिर हो तुम भी, मुसाफिर है हम भी, फिर किसी मोड पर मुलाकात होगी!
शिवराज सिंह ने प्रवासी भारतीयों से अपील की है कि विदेश में भारतीय छात्र-छात्राओं के लिए एक हेल्प डेस्क बनाएं। जहां उनकी हर समस्या का समाधान हो जाएं। सीएम ने कहा कि हमने फ्रेंड्स ऑफ एमपी पोर्टल बनाया है, जहां आप अपने प्रस्ताव, सुझाव दे सकते हैं। वहां आपको फौरन रिस्पॉन्स मिलेगा।

भारत के बिना विश्व आगे नहीं बढ़ेगा
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमारे प्रवासी भारतीयों ने देश का नाम दुनिया में रोशन किया है। किसी भी व्यक्ति की पहचान उनकी माटी और उसके देश से होती है। भारत का कोई भी सपूत, कोई भी पुत्र-पुत्री, विश्व के किसी भी कोने में रहे हों, वो भारत का सपूत पुत्र-पुत्री कभी भी भारतीयता से जुदा नहीं हो सकते। हमारे भारत की जनसंख्या 135 करोड़ नहीं, 138 करोड़ है, इसमें 3 करोड़ हमारे प्रवासी भारतीय शामिल है।
सिंधिया ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। सिंधिया ने कहा कि विश्व में ये ऐलान हो चुका है कि भारत के बिना विश्व आगे नहीं बढ़ सकता। इस वर्ष भारत जी 20 की अध्यक्षता कर रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में भारत विश्व पटल पर उजागर हो रहा है। वो जी 20 की अध्यक्षता किस सोच और विचारधारा के साथ कर रहा है, वन अर्थ, वन फैमिली एंड वन फ्यूचर। वसुधैव कुटुम्बकम की सोच। पूरा विश्व एक परिवार है।

प्रवासी भारतीयों का सम्मान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली समेत 27 प्रवासी भारतीयों का सम्मान किया।
– डॉ अमल कुमार मुखोपाध्यायो (आंत्रप्रेन्योर व साइंटिस्ट, जर्मनी)
– अशोक कुमार तिवारी (फाउंडर, शयाना फार्म, एलीएलसी, उज्जबेकिस्तान)
– डॉ देवनचंद्रभोस शरमन, (डॉक्टर और राजनीतिज्ञ, सूरीनाम)
– प्रो संजीव मेहता (अर्थशास्त्र के प्रोफेसर, भूटान)
– डॉ वैकुंटम अय्यर लक्ष्मणन (शिक्षाविद, वैज्ञानिक और अन्वेषक, कनाडा)
– प्रो जगदीश चेन्नुपति (भौतिकी के प्रोफेसर, ऑस्ट्रेलिया)
– डॉ राजगोपाल (मार्केटिंग के प्रोफेसर, मेक्सिको)
– शिवकुमार नदेसन (चेयरमैन, प्रेस इंस्टिट्यूट श्रीलंका)
– संजय कुमार शिवभाई पटेल (एमडी सुपर मार्केट श्रृंखला, दक्षिणी सूडान)
– डॉ एलेक्जेंडर मलाइकेल जॉन (विशेषज्ञ डॉक्टर और लेक्चरर, ब्रूनेई)
– डॉ कन्नन अम्बलम (मैनेजमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर, इथियोपिया)
– राजेश सुब्रमण्यम (प्रेसिडेंट-सीईओ फेडेक्स कॉर्पोरेशन, अमेरिका)
– अमित लाठ (शारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज सीईओ-एमडी, पोलैंड)
– चंद्रकांत बाबूभाई पटेल (बिजनेसमैन, यूके)
– प्रो दिलीप लौंडो (फिलॉसफी के प्रोफेसर, ब्राजील)
– सिद्धार्थ बालचंद्रन (फाउंडर बुइमर्क ट्रेडिंग कंपनी, यूएई)
– डॉ दर्शनसिंह धालीवाल (बिजनेसमैन, अमेरिका)
– परमानंद सुखुमल दासवानी (वाणिज्य दूत, रिपब्लिक ऑफ कांगो)
– डॉ अर्चना शर्मा (साइंटिस्ट, जिनेवा सीईआरएन लैब, स्विट्जरलैंड)
– रीना विनोद पुष्करणा (शेफ और आंत्रप्रेन्योर, इजराइल)
– मोहनलाल हीरा (गांधी वाक समिति के अध्यक्ष दक्षिण अफ्रीका)
– मकसूदा सरफी श्योतानी (प्रोफेसर कोमात्सु यूनिवर्सिटी, जापान)
– डॉ मोहम्मद इरफान अली (गुयाना के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति)
– जोगिंदर सिंह निज्जर (अध्यक्ष, क्रोएशियन इंडियन सोसाइटी)
– न्यायमूर्ति फ्रेंक आर्थर सीपरसाद (सुप्रीम कोर्ट, त्रिनिडाड एंड टोबैगो)
– पीयूष गुप्ता (सीईओ-डायरेक्टर, डीबीएस ग्रुप, सिंगापुर)
– प्रो रांजी प्रसाद (फ्यूचर टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर, डेनमार्क)