Joshimath Crisis : जमीन का धंसना जारी, दो और होटल धंसने लगे!

दरार पड़े घरों की संख्या भी 723 से बढ़कर 826 हो गई! 

598

Joshimath Crisis : जमीन का धंसना जारी, दो और होटल धंसने लगे!

Joshimath : जमीन धंसने की स्थिति जोशीमठ में लगातार बढ़ रही है। वहां दो और होटलों के झुकने की जानकारी सामने आई। ये होटल हैं ‘स्नो क्रेस्ट’ और ‘कॉमेट!’ दोनों होटलों के बीच करीब 4 फुट की दूरी थी, जो अब कम होकर सिर्फ कुछ इंच रह गई है। इन दोनों होटलों की छत एक-दूसरे से लगभग टकरा रही है। यानी ये होटल कभी भी एक-दूसरे से टकराकर धंस सकते हैं।

प्रशासन ने सुरक्षा की खातिर दोनों होटलों को खाली करा लिया। दोनों होटल उस मलारी इन और माउंट व्यू होटल के पास है, जिनके गिराने की प्रक्रिया रविवार को शुरू हुई। जोशीमठ संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा।

हाथों से तोड़े जा रहे होटल 

रविवार से शुरू हुआ होटलों को गिराने का काम सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) रुड़की की निगरानी में हो रहा है। CBRI के चीफ साइंटिस्ट डीपी कानूनगो ने कहा कि होटल को रिपेयर नहीं किया जा सकता। दोनों होटलों के आसपास मकान हैं, इसलिए इन्हें गिराना जरूरी है। होटल और ज्यादा धंसे तो गिर जाएंगे, जिससे ज्यादा नुकसान होगा। इसलिए इन्हें जल्द से जल्द गिराया जाएगा। इसके लिए मैकेनिकल डिस्मेंटलिंग तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। किसी भी प्रकार की भारी वाइब्रेटिंग मशीन का उपयोग नहीं कर सकते हैं। हमें जमीन को बचाना है। इसके लिए मजदूरों को स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जमीन के अंदर कम से कम या कोई कंपन न हो।

रोपवे के पास 20 फीट लंबी दरार 

जोशीमठ-औली रोपवे के पास भी बड़ी दरारें दिखाई दी। रोपवे के ऑपरेशंस एक हफ्ते पहले बंद कर दिए गए थे। रोपवे इंजीनियर दिनेश भाटी ने बताया कि इस रोपवे परिसर के पास एक दीवार पर चार इंच चौड़ी और 20 फीट लंबी दरार आ गई। इलाके में दरार पड़े घरों की संख्या भी 723 से बढ़कर 826 हो गई है। इनमें से 165 घर असुरक्षित इलाके में हैं। राज्य आपदा प्रबंध संस्थान ने बताया कि अब तक 233 परिवारों को रिलीफ सेंटर्स में शिफ्ट किया जा चुका है।