यह अमृत काल का निर्मला बजट है…

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यह अमृत काल का निर्मला बजट है…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश किया। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट था। इसमें मिडिल क्लास, वरिष्ठ नागरिक और महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा की गई है। सबसे निर्मल और मध्यम वर्ग हिताय प्रावधान यह है कि अब सात लाख से कम सालाना आय पर कोई टैक्स देना नहीं होगा। टैक्स स्लैब की संख्या छह से घटाकर पांच कर दी गई है।

निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘अमृतकाल का यह पहला बजट है। अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंदी के बावजूद आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहा। यह बजट जरूरतमंद लोगों के लिए है। दुनिया में भारत का कद कई शानदार कदमों की वजह से बढ़ा है। कोविड के दौरान हमने मुफ्त राशन के साथ यह सुनिश्चित किया कि कोई भूखा न सोए।’

यह अमृत काल का निर्मला बजट है...

पिछले दो साल के आम बजट की तरह ही यह बजट भी पेपरलेस था। निर्मला सीतारमण ने संसद में करीब 86 मिनट तक भाषण दिया। पीएम मोदी ने कहा, ‘आज जब मिलेट्स पूरे विश्व में लोकप्रिय हो रहा है तो उसका सर्वाधिक लाभ भारत के छोटे किसानों के नसीब में है। अब इस ‘सुपर फूड’ को ‘श्री अन्न’ के नाम से एक नई पहचान दी गई है। ‘श्री अन्न’ से हमारे छोटे किसानों और किसानी करने वाले आदिवासी भाई-बहनों को आर्थिक संबल मिलेगा। वर्ष 2014 की तुलना में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर 400% से ज्यादा की वृद्धि की गई है। इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10 लाख करोड़ रुपये का अभूतपूर्व निवेश होगा। यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार और एक बड़ी आबादी को आय के नए अवसर पैदा करेगा।’


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अमृत यही है कि बजट में इनकम टैक्स में राहत दी गई है तो सेहत को नुकसान पहुंचाने वाली सिगरेट मंहगी कर निर्मला जी ने यह संदेश दिया है कि देश स्वस्थ रहे, उनकी यह भी जिम्मेदारी है। रसोई गैस की चिमनी महंगी होगी। सोना-चांदी से बने गहने महंगे होंगे। ऐसे प्रावधानों से तनाव में आई महिलाओं के लिए बचत योजना का ऐलान किया गया है। दो लाख की बचत पर 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। तो सीनियर सिटीजन अब 15 लाख की जगह 30 लाख रुपए तक जमा कर सकते हैं। मंथली इनकम स्कीम में एक खाताधारक साढ़े चार की जगह 9 लाख रुपए तक जमा कर सकता है। ‘अगले तीन साल अमृत धरोहर योजना लागू की जाएगी जिसमें दलदली जमीन, इको-टूरिज्म और स्थानीय समुदायों को रोजगार देने पर ध्यान दिया जाएगा।एलईडी टीवी सस्ते होंगे। इलेक्ट्रॉनिक वाहन सस्ते होंगे। बायो गैस से जुड़ी चीजें सस्ती होंगी। खिलौने, साइकिल सस्ती होंगी। मोबाइल फोन, कैमरे सस्ते होंगे।छोटे कारोबारियों को ब्याज पर मिली 1% छूट बड़ी सौगात है। बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में सुधार होगा और 47 लाख युवाओं को 3 साल के लिए स्टाइपेंड दिया जाएगा।पीएम कौशल के तहत नौकरी के दौरान प्रशिक्षण दिया जाएगा। डेटा एंबेसी बनाया जाएगा। सेबी को एमपावर किया जाएगा जो डिप्लोमा और सर्टिफिकेट देगी।

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किए गए प्रावधान लुभावने हैं जैसे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट को बढ़ावा दिया जाएगा। यूथ को स्किल ट्रेनिंग के लिए पीएमकेवीवाय 4.0 को लॉन्च किया जाएगा। टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 50 डेस्टिनेशन को चुना गया है, जहां सरकारी मदद दी जाएगी। स्वदेश दर्शन स्कीम को बॉर्डर और गांव के टूरिज्म के लिए सेट अप किया जाएगा। 30 इंटरनेशनल स्किल सेंटर बनाए जाएंगे। पुरानी प्रदूषण करने वाली गाड़ियों को हटाने के लिए और स्क्रैप करने के लिए अतिरिक्त धन दिया जाएगा।फ़र्टिलाइज़र के बैलेंस इस्तेमाल के लिए पीएम प्रणाम योजना। कौशल विकास योजना के तहत 3 लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। कीटनाशक के लिए 10,000 बायो इनपुट सेंटर बनेंगे। एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए सहयता देंगे।

तो बजट में हर क्षेत्र में सरकार ने लुभाने की कोशिश की है। इस बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सप्तऋषि यानी सप्तर्षि का भी जिक्र किया। उन्होंने समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे और निवेश, क्षमता विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति, और वित्तीय क्षेत्र को इस बजट का सप्तर्षि बताया है। इन दिनों विशेष चर्चा में सनातन धर्म है जिसमें ऋषि कश्यप, अत्रि ऋषि, भारद्वाज ऋषि, विश्वामित्र ऋषि, गौतम ऋषि, जमदग्नि ऋषि और वशिष्ठ ऋषि को सप्तर्षि माना गया है। तो अमृतकाल के इस निर्मला बजट के मंथन में किसको अमृत नजर आता है और किसको बजट कसैला स्वाद दे रहा है, यह अलग बात है…पर 2023-24 में बजट‌ गरीबों की भूख मिटाता रहेगा और मध्यप्रदेश में बुंदेलखंड के लोगों और खेती की प्यास बुझाने के लिए केन-बेतवा के लिए बजट आवंटन जैसे प्रावधान निर्मल मन की बानगी तो दे ही रहे हैं।