Spade on CM’s Shoulder : जब CM शिवराज कंधे पर कुदाली रखकर हेलीकॉप्टर से उतरे!

देखिए वीडियो, किस अंदाज में शिवराज सिंह हेलीकॉप्टर से वनवासी क्षेत्र में उतरे! 

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Spade on CM’s Shoulder : जब CM शिवराज कंधे पर कुदाली रखकर हेलीकॉप्टर से उतरे!

 

Jhabua : आज सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान झाबुआ में चल रहे आदिवासी परंपरा के कार्यक्रम ‘हलमा’ में शामिल होने के लिए हेलीकॉप्टर से कुदाली लेकर उतरे। यह दृश्य बेहद ही दिलचस्प था। क्योंकि, किसी ने मुख्यमंत्री को कभी ऐसी भूमिका में नहीं देखा था। मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर का दरवाजा खुलते ही लोगों ने मुख्यमंत्री को कुछ इस तरह देखा तो आश्चर्य व्यक्त किया। हेलीकॉप्टर से उतरते शिवराज सिंह के कंधे पर कुदाली रखी थी।

उतरते ही कलेक्टर रजनी सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस शिवगंगा अभियान के तहत हो रहा हलमा आयोजन 25 और 26 फरवरी को किया जा रहा है। इस आयोजन में 40 हजार से ज्यादा वनवासी बंधुओं ने हाथीपावा पहाड़ी पर श्रमदान कर रहे हैं। पहले दिन राज्यपाल मंगू भाई पटेल इसमें शामिल हुए और आज मुख्यमंत्री यहां आए हैं।

 

सामूहिक प्रयास यानी हलमा

हलमा जनजाति -समाज के एक सामूहिक आयोजन को कहा जाता है। जब भी किसी परिवार या गांव क्षेत्र में कोई आपत्ति आती है या व्यक्ति को या गांव क्षेत्र को सहायता की आवश्यकता होती है, तो पूरे के पूरे गांव के लोग एक जगह एकत्र होकर उसकी सहायता करते हैं। जैसे किसी गांव में तालाब बनाना है, कुआं खोदना है या फिर किसी किसान के पास खेत जोतने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है, तो ऐसे में पूरे गांव के लोग एकत्र होकर एक साथ मिलकर उस काम को पूरा करने के लिए जुटते है।

कई दिनों और महीनों के काम को वे थोड़े समय में पूरा कर देते हैं। उसके बदले में कोई पारिश्रमिक नहीं लिया जाता। खुशी से व्यक्ति उन एकत्रित लोगों को नाश्ता या भोजन अपनी इच्छा शक्ति से करवा देता है। इस सामूहिक प्रयास को ही हलमा कहा जाता है।

 

हाथीपावा विकसित वन बन गया

इस साल शिवगंगा के तहत झाबुआ में 25 व 26 फरवरी को दो दिन के हलमा का आयोजन किया जा रहा है। हाथीपावा क्षेत्र की पहाड़ी पर पर्यावरण संरक्षण और जल संवर्धन के कार्य को एक साथ हजारों आदिवासी गेती, फावड़ा, तगारी लेकर हजारों की संख्या में कंटूर ट्रेचिंग पहाड़ी पर खोद रहे हैं। जिससे की बारिश में जल को रोका जा सके और झाबुआ के तालाबों व लोगों को पर्याप्त पानी मिल सके।

ऐसा करने से ग्राउंड वाटर लेवल बढ़ जाता है। इसी के साथ में इस पूरे पहाड़ी क्षेत्र में बड़ी संख्या में पौधे लगाए जा रहे हैं। यह कार्य पिछले लंबे समय से किया जा रहा है। जिसके कारण हाथीपावा पहाड़ी क्षेत्र विकसित वन के रूप में पल्लवित हो रहा है। वहीं यहां कई प्रकार के वन्य जीव-जंतु भी रहने लगे है, जिनमें तेंदुआ, मोर, लोमड़ी, नीलगाय, बंदर आदि जानवर शामिल हैं।