LIFE LOGISTIC: Skin Care: त्वचा की देखभाल
आपकी स्किन आपके शरीर का सबसे बड़ा ऑर्गन है। त्वचा बहुत ही संवेदनशील (सेंसिटिव) और संकेतक (इंडिकेटिव) होती है। कई लोगों की स्किन इतने संवेदनशील होती है कि यदि आसपास मच्छर भी घूमता है तो उन्हे उसकी सूचना मिल जाती है। आपकी स्किन आपके हाव-भाव भी प्रकट करती है। यदि आप तनाव में या थकान में होंगे तो त्वचा शुष्क दिखेगी और यदि आप खुशी में हे तो त्वचा में चमक होगी।
पसीना बहना स्वस्थता की निशानी है परंतु त्वचा पर जब पसीना और गंदगी जमी रहती है तो उसके सेल्स (बारीक छिद्र) पेक हो जाते हैं वही बीमारी का कारण बन जाते है। इसीलिए सभी नहाना पसंद करते हैं। नहाते वक्त पूरे शरीर को पानी में रखते हैं ताकि त्वचा के सभी छिद्र खुल जाएं। गांव के लोग इसलिए नदी तालाब में नहाना पसंद करते है। ध्यान रखें हर वक्त नहाने के लिए साबुन लगाना जरूरी नहीं है। शादी मे दूल्हे दुल्हन को हल्दी की रस्म के बाद नहलाते है ताकि उसकी त्वचा में निखार आए और सभी रोए खुल जाए जिससे वह स्वयं को तरोताजा महसूस करें।
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काली चिकनी या मुल्तानी मिट्टी से, बेसन हल्दी से या ग्वारपाटा (एलोवेरा) से नहाने वाले हमेशा स्वस्थ रहते हैं। यदि स्किन पर पानी लगाने से रोग बढ़ता है तब आप गुनगुना पानी वापरे। कंडे की राख त्वचा पर लगाकर नहाने से भी चर्म रोग दूर होते हैं। कई जगह तालाब कुंड अथवा नदी का पानी इसीलिए प्रचलित है कि उसमें प्रकृति के वे सभी तत्व मौजूद होते हैं जो आपकी स्किन को स्वस्थ रखते हैं। शहरों में नदी नाले ना होने पर व्यक्ति बाथटब का उपयोग करता है।
रात को सोते वक्त कम से कम वस्त्र पहने ताकि आपकी स्किन को ताजा हवा मिले। दिन में एक-दो बार जरूर धूप में बैठे। ध्यान रहे केमिकल से बने साबुन डिटर्जेंट या शैंपू बिल्कुल ना वापरे। खुशबू के लिए जैसे संतरे के छिलके को रात को पानी में गला दो और सुबह उस पानी से नहा लो तो आपको अरोमा थेरेपी भी मिल जाएगी जो आपके मस्तिष्क को स्वस्थ रखेगी। केवड़ा गुलाब मोगरा आदि कई फूल होते हैं जिसको पानी में गला कर शरीर पर मले या उसका पानी डाल ले।