युवाओं को रोजगार दिलाने 17 करोड़ खर्च, पुणे की कम्पनी भी ले गई 4.17 करोड

बाद में कंपनी को किया ब्लैक लिस्ट, संपत्ति की गई जब्त

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युवाओं को रोजगार दिलाने 17 करोड़ खर्च, पुणे की कम्पनी भी ले गई 4.17 करोड

भोपाल: प्रदेश में करीब 39 लाख बेरोजगारों को रोजगार दे पाने में असफल सरकार ने पिछले 12 सालों में 17 करोड़ रुपए रोजगार दिलाने के नाम पर खर्च किए हैं। इस अवधि में 7.86 लाख युवाओं को निजी क्षेत्र में आॅफर लेटर दिलाया गया है जबकि सरकारी नौकरी पाने वालों की कोई जानकारी सरकार के पास नहीं है। तकनीकी शिक्षा और रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने यह जानकारी विधायक जीतू पटवारी के सवाल के लिखित जवाब में दी है।

विधायक पटवारी ने पूछा था कि प्रतिवर्ष कितने युवाओं को विभागीय स्तर पर रोजगार दिलाया गया है। इस पर कोई जानकारी मंत्री ने नहीं दी है। पटवारी ने यह जानकारी भी मांगी थी कि पिछले सालों में रोजगार कार्यालय संचालन के लिए किसी संस्था को जिम्मेदारी सौंपी गई थी तो इसकी जानकारी दी जाए। इसके जवाब में मंत्री ने कहा है कि 9 मई 2018 को पुणे की संस्था यशस्वी अकादमी फॉर टैलेंट मैनेजमेंट को 15 रोजगार कार्यालयों के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बदले संस्था को 17 मार्च 2022 को 4.17 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान भी किया गया है। इस संस्था को भुगतान के बाद ब्लैकलिस्ट किया गया है और उसकी संपत्ति जब्त की गई है।

2010 से जनवरी 2023 तक हुए इतने पंजीयन
प्रदेश में बेरोजगारों के रोजगार कार्यालय में पंजीयन के जो आंकड़े सरकार ने दिए हैं, उसके अनुसार वर्ष 2010 से लेकर जनवरी 2023 के बीच सबसे अधिक पंजीयन वर्ष 2017 और वर्ष 2021 में हुए हैं। वर्ष 2017 में 17.04 लाख और 2021 में 12.36 लाख युवाओं ने रोजगार के लिए पंजीयन कराया है। इसके अलावा 2023 में अकेले जनवरी माह में 7.82 लाख से अधिक युवाओं ने रोजगार के लिए पंजीयन कराया है। वर्ष 2010 में यह आंकड़ा 4.73 लाख, 2011 में 5.36 लाख, 2012 में 6.39 लाख, 2013 में 4.24 लाख, 2014 में 3.84 लाख, 2015 में 4.23 लाख, 2016 में 3.45 लाख युवाओं का पंजीयन हुआ था। इसी तरह वर्ष 2018 में 7.46 लाख, 2019 में 8.46 लाख, 2020 में 6.11 लाख और वर्ष 2022 में 7.13 लाख बेरोजगारों ने रोजगार के लिए रोजगार दफ्तरों में पंजीयन कराया है।

चार हजार रोजगार मेलों में 12.84 करोड़ खर्च
युवा कल्याण विभाग की मंत्री सिंधिया ने बताया कि प्रदेश में 2013-14 से अब तक 4012 रोजगार मेलों का आयोजन जिलों में किया गया है। इन रोजगार मेलों में 12.84 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इस दौरान निजी क्षेत्र में चयनित 7.86 लाख युवाओं को आॅफर लेटर प्रदाय किए गए हैं। खास बात है कि सरकार ने स्वीकार किया है कि कोरोना के पीक वाले साल 2020-21 और 2021-22 में भी 27 और 507 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया है और इन पर 34.97 लाख व 97.70 लाख रुपए खर्च हुए हैं।