Kailash Kher : कैलाश खेर ने महाकाल लोक के एंथम सांग का टीजर रिलीज किया!
Indore : सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए अब साधकों को तैयार किए जाने की भी जरूरत है। संगीत के माध्यम से साधक तैयार करने के लिए मैं कोशिश कर रहा हूं और सीनियर सिटीजन से लेकर साधु-संत तक संगीत सीखने में रुचि ले रहे हैं। ये बात लोकप्रिय गायक पद्मश्री कैलाश खेर ने स्टेट प्रेस क्लब के ‘रूबरू’ कार्यक्रम में भाग लेते हुए अभिनव कला समाज में कही। उज्जैन के महाकाल लोक के एंथम सांग के रूप में उनके द्वारा गीत ‘जय श्री महाकाल’ के टीजर को पहली बार सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया गया।
पद्मश्री कैलाश खेर ने उज्जैन के महाकाल लोक के एंथम सांग के रूप में उनके द्वारा गीत ‘जय श्री महाकाल’ के पूर्ण संस्करण का टीजर पहली बार स्टेट प्रेस क्लब के आयोजन में अभिनव कला समाज सभागृह में बटन दबाकर सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया। महाकाल लोक के लोकार्पण की बेला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में खेर ने इस गीत को अपने बैंड के साथ अकेले प्रस्तुत किया था। बाद में इस गीत में और पंक्तियां भी जोड़ी गई तथा देश के पांच बेहतरीन लोकप्रिय गायकों के स्वर में इसे नए सिरे से रिकॉर्ड किया गया। कैलाश खेर ने कहा कि ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ जैसे समवेत गान की तरह जय श्री महाकाल में पद्मश्री शंकर महादेवन, पद्मश्री सोनू निगम, पद्मश्री कैलाश खेर, शान एवं अरिजीत सिंह की आवाज है। यह पहला अवसर है जब किसी वृहद गीत का टीजर के साथ गीत की लाइव प्रस्तुति भी दी।
उन्होंने कहा कि भारत अब पुनः: विश्व गुरु बनने की राह पर है। उन्होंने कहा कि भारत की आध्यात्मिक धरोहर को संगीत के माध्यम से पूरी दुनिया के सामने लाने के लिए ईश्वर ने उन्हें चुना है। उनके भारतीय संस्कृति से जुड़े संगीत को पहले स्थापित लोगों ने नकारा, लेकिन आज पूरी दुनिया उस पर झूम रही है। यह सिर्फ भगवान भोलेनाथ की कृपा, साधु-संतों की संगति से मिले आशीर्वाद और मिट्टी की सुगंध का असर है। खेर ने कहा कि वे हर गीत में अपना हृदय और आत्मा को गाते हैं। भगवान भोलेनाथ के विशेष अनुग्रह से तैयार ज्योर्तिलिंग तीर्थों के गीत आज के युग के अनुरूप तैयार दृश्य-श्रव्य आध्यात्मिक ग्रंथ हैं।
पद्मश्री गायक ने गीतों में स्लेंग भाषा के उपयोग के प्रश्न पर कहा कि अच्छाई के साथ बुराई आ ही जाती है, जिसे छोडक़र आगे बढ़ जाना उचित है। ‘कैलाश खेर एकेडमी ऑफ लर्निंग आर्ट’ के साथ उन्होंने धाम जोड़ा है। क्योंकि, वे प्रयास कर रहे हैं इसमें शुद्ध रूप से भारतीय धर्म और लोक की सुगंध पूरी दुनिया में फैलाने वाले साधक तैयार किए जाएं। कैलाश खेर की हर बात में उनके जीवन का अनुभव, भारतीय संस्कृति का अध्ययन एवं बेपरवाह मलंग अंदाज झलकता है। ऊर्जा से भरे खेर का गाना और बोलना दोनों ही दर्शकों को ऊर्जा और आनंद से सराबोर करता है।
स्टेट प्रेस क्लब के आयोजन में भी इस बात के दर्शन हुए और कैलाश खेर की हर बात पर दर्शक जमकर प्रभावित हुए और सभागार बार-बार तालियों से गूंजता रहा। वे अपने लोकप्रिय गीतों पांच बरस की मीराबाई लाडली …, बगड़ बम बम लहरी …आदि गीतों की संक्षिप्त प्रस्तुति देकर उपस्थित पत्रकारों, संगीत प्रेमियों और गणमान्य नागरिकों का दिल जीतकर आयोजन को चिर स्मरणीय बना दिया।
कार्यक्रम से पूर्व कैलाश खेर ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। खेर का स्वागत स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, रवि चावला, सुदेश गुप्ता एवं आकाश चौकसे ने किया। कार्यक्रम का संचालन संस्कृतिकर्मी एवं पत्रकार आलोक वाजपेयी ने किया, जबकि विशाल डबलानी ने आभार प्रदर्शन किया।