बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉक्टर एस सिद्धार्थ-पहले इंजीनियर, फिर IAS और अब पायलट

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एक IAS officer जब निकलता है, तो उसके साथ गाड़ियों का काफिला चलता है। उसके आजू बाजू में सुरक्षाकर्मी होते हैं। कलेक्टर की ठाठ तो ऐसी ही होती है। तभी तो किसी को अकड़ का चलता देख लोग अक्सर यह कह देते हैं कि कहीं के कलेक्टर हो क्या?? डीएम का यही रुतबा प्रत्येक वर्ष लाखों युवाओं को आईएएस बनने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन हम आज आपको एक ऐसे डीएम के बारे में बताने जा रहे हैं। जो आम जनता की तरह ही आम ढंग से रहता है इसीलिए तो खास है। आम तौर पर आईएएस अधिकारी उसमें भी जो कैबिनेट रेंक के अधिकारी होते हैं उनका बड़ा रूतबा होता है. ये अधिकारी कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों से घिरे काफिले में चलते हैं. लेकिन डॉक्टर एस सिद्धार्थ इनसे अलग अपनी सादगी और सदव्यवहार से लोगों को आकर्षित करते हैं. वह बिना तामझाम के रहना पसंद करते हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. एस सिद्धार्थ की कुछ ऐसी तस्वीरें तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिन्हें देखकर हर कोई हैरान है। वो एक आम आदमी की तरह घंटों शहर में घूमते, फुटपाथ पर चाय और पूड़ी कचौरी खाते, रिक्शा चालकों और चालकों से बात करते नजर आ रहे हैं।

Multipurpose Robot बनाने में लगे हैं बिहार के बड़े IAS अफसर, ड्यूटी के बाद देर रात तक करते हैं रिसर्च - ias officer s siddharth is engaged in making multipurpose robot –

बिहार के सबसे पॉवरफुल आईएएस अधिकारी में से एक बिहार कैडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. एस. सिद्धार्थ बिहार के सीएम नीतीश कुमार के प्रधान सचिव हैं. वह बिहार के वित्त और मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के भी अपर मुख्य सचिव के पद पर पदस्थापित हैं. अब उनके साथ एक और उपलब्धि जुड़ गया है. उन्हें हवाई जहाज उड़ाने का फ्लाइंग लाइसेंस मिला है.

बचपन का सपना पूरा हुआ

डॉ. एस. सिद्धार्थ बिहार झारखंड में पदस्थापित पहले IAS अधिकारी हैं जिन्होंने यह उपलब्धि पाई है. एस. सिद्धार्थ बिहार सरकार में सेवा देते हुए और कई महत्वपू्र्ण जिम्मेदारियों को निभाते हुए फ्लाइंग की ट्रेनिंग ले रहे थे जो अब पूरी हो गई है. इसके बाद उन्हें सर्टिफिकेट दिया गया है. फ्लाइंग लाइसेंस मिलने के बाद डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि उनका बचपन का सपना पायलट बनने का था. उनका यह सपना पूरा हो गया. बचपन में जब वह खिलौने वाले एरोप्लेन बड़ी उम्मीद के साथ देखते थे कि यह उड़ेगा. तब मुझे पायलट बनने का शौक हुआ था. अब जब मुझे फ्लाइंग लाइसेंस मिला है तब लगा कि मेरे बचपन का सपना पूरा हो गया.

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IIT दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी में डॉक्टरेट की डिग्री पाने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ एस सिद्धार्थ आंतरिक नियंत्रण वाला मल्टीपर्पस रोबोट बनाने के काम में लगे हैं. इसके बार में वह बताते हैं कि यह रोबोट प्रोग्रामिंग के हिसाब से काम करता है और जहां जैसी जरूरत है उसके हिसाब से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. डॉ एस सिद्धार्थ की पत्नी भी एक आइएएस अधिकारी हैं और भारत सरकार के कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर काम कर रही हैं.

 

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