तीन दिवसीय भगवान परशुराम के जन्मोत्सव का हुआ शंखनाद
Ratlam । परशुराम जयंती के अवसर पर विप्र फाउंडेशन द्वारा मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री की उस घोषणा का स्वागत किया,जिसमें उन्होंने भगवान परशुराम की जन्म स्थली जानापाव को श्री परशुराम लोक बनाने,उनके जीवन चरित्र को पाठ्य-पुस्तक में शामिल करने, ब्राह्मण कल्याण बोर्ड की स्थापना करने,संस्कृत और कर्मकांड का अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने,मंदिरों की भूमि के संबंध में आवश्यक अधिकार देने सहित अनेक निर्णय ब्राह्मण समाज के हित में लिए है।इस आशय का प्रस्ताव पारित करते हुए मुख्यमंत्री का आभार मानते हुए फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि इस संबंध में हाल ही में मुख्यमंत्री के रतलाम प्रवास के दौरान ज्ञापन भी दिया गया था,क्योंकि राजस्थान सरकार ने विप्र कल्याण बोर्ड की स्थापना हाल ही में की है,हम चाहते थे मध्यप्रदेश सरकार भी इस आशय का निर्णय ले।विप्र फाउंडेशन जिला इकाई रतलाम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इस आशय के प्रस्ताव के साथ ही रक्तदान शिविर मानव सेवा समिति ब्लड बैंक पर आयोजित किया गया,जिसमें समाजसेवियों ने रक्तदान जैसे महादान में भाग लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महंत आत्मानंद सरस्वती एवं मेडीकल कालेज के प्रो.डा.संजय दुबे थे। साथ ही वरिष्ठ पत्रकार शरद जोशी,पूर्व उप महापौर सतीश पुरोहित,महिला नैत्री अदिति दवेसर,पार्षद सपना त्रिपाठी, मंचासीन थे।
महंत आत्मानंद सरस्वती ने इस अवसर पर कहा कि ब्राह्मण समाज ने सदैव देश का मार्गदर्शन किया है और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति में इस समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं। वर्तमान समय में जो चुनौतियां ब्राह्मण समाज के समक्ष है उसका मुकाबला एकजुटता से ही संभव है।भारत की संस्कृति और सभ्यता की रक्षा का दायित्व ब्राह्मण समाज पर हैं।डा.दुबे ने विप्र फाउंडेशन द्वारा देशभर में चलाए जा रहें रचनात्मक कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा ऐसा क्षेत्र है जिसमें समाज के हर वर्ग को मदद की आवश्यकता होती है।इस दिशा में फाउंडेशन द्वारा हो रहे प्रयत्न प्रशंसनीय हैं।
वरिष्ठ पत्रकार शरद जोशी ने कहा कि ब्राह्मण को याचक के रुप में देखा जाता है जबकि वह याचक नहीं हमेशा मदद करने वाला समाज है।लेकिन अफसोस है कि आज शासन और समाज द्वारा इसकी उपेक्षा की जा रही है।इसके लिए हम भी जिम्मेदार है क्योंकि हम संगठित नहीं हैं।पुरोहित और श्रीमती दवेसर ने कहा कि युवा पीढ़ी को रचनात्मक दिशा देने के साथ ही स्वयं के रोजगार पर भी ध्यान देना चाहिए।शासन को चाहिए कि वह ब्राह्मण समाज की परम्परा को कायम रखने के लिए गुरूकुल और आवासीय विद्यालयों की ओर ध्यान दे ताकि कर्मकांड और मंदिर की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा सके।शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि आज देश भर में फाउंडेशन द्वारा व्यापक पैमाने पर परशुराम जयंती मनाई जा रही है।प्राय: सभी जगह रक्तदान शिविर आयोजित किए गए हैं, जिसमें 14 हजार से अधिक रक्तदाताओं द्वारा रक्तदान किए जाने का लक्ष्य तय किया गया हैं। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज के अस्तित्व को समाप्त करने के लिए कई प्रयास हो रहे हैं,लेकिन कुछ बात तो है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी,मिट गए हमे मिटाने वाले।
*यह रहें उपस्थित*
इस अवसर पर पूर्व मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डा.दीप व्यास,समाजसेवी गोविन्द काकनी,नवीन व्यास,राकेश पीपाड़ा,कुलदीप माहेश्वरी,सोनू यादव,हेमेन्द्रसिंह बारठ,जुगल पंड्या,वैभव व्यास,रवि शर्मा, पार्षद विशाल शर्मा,पार्षद हितेश कामरेड,यतिन्द्र भारद्वाज,विजय शर्मा,अभिषेक पटेल,बसंत पंडया,सिद्धार्थ पंड्या,स्नेहील उपाध्याय,डा.कमल तिवारी,राजू हाकी,राजू सुरोलिया,मनीष शर्मा,विवेक शर्मा,मनोज शर्मा,मोहनलाल शर्मा आदि सदस्यगण उपस्थित थे।इनके साथ ही रक्तदान अभियान में सहयोग करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का भी स्वागत किया गया।अंत में रक्तदान करनेे वाले रक्तदाताओं को प्रमाणपत्र भेंट कर सम्मान किया।
*संचालन तथा आभार*
संचालन शांतिलाल शर्मा तथा आभार कार्यक्रम संयोजक विजय शर्मा व जुगल पंड्या ने माना।