Transfer Policy: ट्रांसफर पॉलिसी में प्रभारी मंत्री होंगे पावरफुल, मई में हटेगा प्रतिबंध

चुनावी साल में कम होंगे तबादले

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Transfer Policy Is Ready: मध्य प्रदेश में वर्ष 23 की तबादला नीति तैयार

Transfer Policy: ट्रांसफर पॉलिसी में प्रभारी मंत्री होंगे पावरफुल, मई में हटेगा प्रतिबंध

भोपाल. इस साल विधानसभा चुनाव होंने है इसके चलते इस बार जारी होंने वाली तबादला पॉलिसी में कम संख्या में तबादले का प्रावधान रखा जाएगा। जिलों में होंने वाले तबादलों के लिए प्रभारी मंत्रियों को ज्यादा पावरफुल किया जाएगा। प्रदेश में मई माह में तबादलों से प्रतिबंध हटाया जा सकता है। इसके लिए अगली कैबिनेट बैठक में नई ट्रांसफर पॉलिसी पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दिए जाने की संभावना है।

राज्य सरकार ने पिछले साल 2022 में 17 सितंबर से 5 अक्टूबर के बीच तबादलों से प्रतिबंध हटाया था। इस बार चुनावी साल में सरकार ज्यादा तबादले करने के मूड में नहीं है। केवल जरुरत के मुताबिक , तीन साल से एक ही स्थन पर जमे अफसरों और प्रशासनिक आधार पर तबादले किए जाएंगे।

जिलों में प्रभारी मंत्री रहेंगे पावरफुल-

जिला संवर्ग के कर्मचारियों का और राज्य संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का जिले के भीतर तबादला जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद हो सकेगा। स्थानांतरण आदेश विभागीय जिला अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी होंगे। गृह विभाग में उप पुलिस अधीक्षक से नीचे के पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड द्वारा जिले मं पदस्थापना का निर्णय लिया जाएगा। जिले के भीतर पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रभारी मंत्री के परामर्श के बाद पदस्थापना की जाएगी।

राज्य संवर्ग के तबादलों में सीएम और मंत्रियों का अनुमोदन जरुरी-

सभी विभागों में राज्य संवर्ग के अंतर्गत विभागाध्यक्ष तथा शासकीय उपक्रम और संस्थाओं में पदस्थ प्रथम श्रेणी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदो समन्वय में सीएम के अनुमोदन के बाद प्रशासकीय विभाग जारी करेंगे। राज्य संवर्ग के शेष सभी प्रथम श्रेणी के , द्वितीय एवं तृतीय श्रेणियों के अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले इसमें जिलों के भीतर किए जाने वाले तबादलों को छोड़कर आदेश विभागीय भारसाधक मंत्री के अनुमोदन के बाद प्रशासकीय विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव द्वारा जारी किए जाएंगे। इसी तरह जिलों के भीतर के तबादलो को छोड़कर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के राज्य संवर्ग के तबादले विभगीय मंत्री के अनुमोदन के बाद विभागाध्यक्ष द्वारा जारी किए जाएंगे। उप पुलिस अधीक्षक और उससे वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड के दिशा निर्देशों के अनुरुप विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद समन्वय में सीएम के अनुमोदन के बाद किए जाएंगे।

दिव्यांग, बीमार को मिलेगी प्राथमिकता-

तबादलों में स्वयं की बीमारी अथवा स्वयं की शरीरिक, मानसिक दिव्यांगता के कारण प्रस्तुत आवेदन के आधार पर तबादलों में प्राथमिकता दी जाएगी। चालीस प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले कर्मचारियों के तबादले नहीं किए जाएंगे केवल उनके आवेदनों पर ही तबादले होंगे। जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति में छह माह का समय बाकी है उनके तबादले नहीं किए जाएंगे। न्यायालय के आदेश पर, गंभीर अनियमितता, लापरवाही, लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू में आपराधिक प्रकरण दर्ज होंने पर जांच प्रभावित न होंने के लिए तबादले किए जा सकेंगे। पति-पत्नि को एक स्थान पर रखने, परिवार में बच्चे, माता-पिता के मानसिक नि:शक्त होंने, स्वलीन और बहुआयामी नि:शक्तता से पीड़ित होंने पर उन्हें उपचार और शिक्षा की सुविधा वाले स्थानों पर पदस्थ किया जा सकेगा।

दो हजार से अधिक पद, संवर्ग संख्या तो केवल पांच फीसदी तबादले-

सभी विभागों में जहां पद और संवर्ग में दो हजार से अधिक कर्मचारी है वहां पांच प्रतिशत तक तबादले हो सकेंगेञ दो सौ एक से लेकर 2000 तक संख्या पर दस प्रतिशत तक तबादले हो सकेंगे। इसमें भी केवल बेहद जरुरी तबादले ही किए जाएंगे।