Jyotiraditya Scindia)
इंदौर(Indore) से प्रदीप जोशी
एक बरस पहले अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने भाजपा की सत्ता प्राप्ती का मार्ग प्रशस्त किया था। प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुए सियासी ड्रामे के बाद ना जाने कितने कहानियां किस्से गढ़े गए मगर भाजपा संगठन ने भविष्य की जो योजना तैयार की उसकी भनक किसी को नहीं लगी। पहले सिंधिया को केंद्रीय मंत्रीमंडल में स्थान देकर पार्टी ने सम्मान बढ़ा दिया। अब उनकी आशीर्वाद यात्रा के जरिए एक नए नेतृत्व खास कर मालवा निमाड़ में खड़ा करने के संकेत पार्टी ने दे दिए। यह सब सूबे के मौजूदा क्षत्रपों के लिए असहनीय तो है मगर कुछ करने जैसा इन क्षत्रपों के पास है नहीं। मंगलवार को मालवा निमाड़ में भाजपा के नए युग शुरूआत सिंधिया के नेतृत्व में हो गई। तीन दिवसीय आशीर्वाद यात्रा की शुरूआत में ही सिंधिया ने अपना वजूद दिखा दिया। यात्रा की तैयारी संगठन ने इस तरह अंजाम दिया कि हर नेता सिंधिया के पीछे चलने को मजबूर हो गया। यानी 4 लोकसभा सीटों के 33 विधानसभा क्षेत्र में 584 किलोमीटर की इस यात्रा में सिंधिया का अंचल के क्षत्रपों पर प्रभुत्व स्थापित हो जाएंगा इसमे कोई शंका नहीं। इस बात की झलक इंदौर विमानतल पर ही नजर आ भी गई।
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अंचल में खोए जनाधार को प्राप्त करना लक्ष्य
कोरोना संक्रमण के बीच प्रदेश में शुरू हुई सियासी उठापटक ने ना सिर्फ सियासतदारों को बल्कि आम नागरिकों को भी खासा हैरान किया था। एक तरफ महामारी से निपटने की चुनौती थी दुसरी तरफ राजनीति में शह और मात के खेल चल रहे थे। नए दल में सिंधिया और उनके समर्थकों को क्या वजूद रहेंगा इसको लेकर कयास बराबर लगते रहे। बहरहाल भाजपा ने सिंधिया समर्थकों को उपक्रत करने और उनके सम्मान में कोई कमी नहीं की। केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के बाद संगठन ने आशिर्वाद यात्रा का प्रारूप किया तब समझ आया कि तैयारी अगले विधानसभा चुनाव की है और निशाने पर मालवा निमाड़ है, जहां खोए जनाधार को दोबारा प्राप्त करना पार्टी का लक्ष्य है।
बड़े नेताओं ने भी खाए भीड़ में धक्के
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार इंदौर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्वागत में पुराने रिकार्ड टूटते नजर आए। सिंधिया समर्थक ही नहीं भाजपा कार्यकर्ताओं में भी उनसे मिलने और स्वागत की होड़ मची थी। हर नेता शक्ति प्रदर्शन करने को आमदा था। कोरोना प्रोटोकॉल को तो नेताओं ने ताक पर रख दिया। लंबे समय बाद इंदौर विमानतल पर इतनी बड़ी तादाद में नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा देखा गया। भारी भीड़ और धक्का मुक्की की स्थिति यह थी कि पुलिस को व्यवस्था संभालने में पसीने छूट गए। खास बात यह थी कि भाजपा के वो नेता भी इस भीड़ में धक्के खाते नजर आए जो अब तक वीवीआईपी तरीके से नेताओं की आगवानी करते रहे है।
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विमानतल से बाहर आने में लग गया एक घंटा
सुबह आठ बजे से इंदौर विमानतल पर भाजपाईयों ने डेरा जमा लिया था। उनकी आगवानी के लिए मंत्री तुलसीराम सिलावट, वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे, सांसद शंकर लालवानी, विधायक मालिनी गौड़, यात्रा प्रभारी आलोक शर्मा सहित सभी प्रमुख नेता मौजूद थे। जैसे ही सिंधिया आए जोरदार नारेबाजी शुरू हो गई। स्थानीय नेताओं द्वारा तय की गई व्यवस्था सिंधिया के आते ही ध्वस्त हो गई। स्वागत की ऐसी आपाधापी मची जिसे संभाल पाना मुश्किल हो गया। इन हालातों में भी सिंधिया पूरी गर्मजोशी के साथ कार्यकर्ताओं का अभीवादन स्वीकार करते रहे। हाल यह था कि विमानतल से बाहर आने में एक घंटा लग गया। इसके बाद सैकड़ों वाहनों के काफिले के साथ सुपर कॉरिडोर से होते हुए देवास के लिए रवाना हो गए। सुपर कॉरिडोर के चौदह किलोमीटर का मार्ग पोस्टर, स्वागत द्वार और स्वागत मंचों से पटा हुआ था। बहरहाल सिंधिया की यात्रा का पहला दिन इंदौर, देवास से होकर शाजापुर में समाप्त हो गया।
आज खरगोन में भाजपा दिखाएंगी ताकत
आशीर्वाद यात्रा के दुसरे दिन यानी बुधवार को भाजपा खरगोन जिले में अपनी ताकत दिखाने की भरपूर कोशिश करेगी। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में इसी जिले में भाजपा को करारी शिकस्त झेलना पड़ी है। इंदौर से सिंधिया हैलिकाप्टर द्वारा खरगोन जिले के रावेरखेड़ी गांव पहुचेंगे जहां बाजीराव पेशवा की समाधि पर पुष्पांजलि कार्यक्रम में वे शामिल होंगे। यहां से खेड़ीगांव, बडगांव, बैड़िया, चितावद, सनावद, मोरटक्का, बड़वाह, काटकुट फाटा होते हुए करीब 27 गांवों से होते हुए बलवाड़ा आएंगे। दोपहर एक बजे से लेकर रात्रि दस बजे तक सिंधिया 128 किलोमीटर तक रोड़ शो करेंगे। इस रोड़ शो के भाजपा ने व्यापक तैयारी कर रखी है।