Photo of Hindu Girl Students in Hijab : गंगा जमुना स्कूल होर्डिंग में हिंदू छात्राओं के हिजाब में फोटो!
दमोह से महेंद्र परिहार की रिपोर्ट
Damoh : जिले में मोहल्ला गौरीशंकर तिगड्डा के पास स्थित गंगा जमुना स्कूल ने एमपी बोर्ड 2023 के परीक्षा के नतीजे आने के बाद अपने स्कूल के टॉपर्स बच्चों की फोटो बोर्ड फ्लेक्स होर्डिंग बनवाकर डिस्प्ले किया। वहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के टॉप करने पर सभी स्कूल उत्साहवर्धन करते हैं। लेकिन, इस स्कूल ने होर्डिंग पर कुछ हिंदू छात्राओं के फोटो हिजाब पहने हुए लगाए। लेकिन, इस मामले में कलेक्टर की जांच में कोई जबरदस्ती करना नहीं पाया गया। गृहमंत्री ने भी कहा कि शिक्षा अधिकारी ने स्कूल जाकर पता किया और परिजनों से भी बात की, किसी ने स्कूल पर कोई आरोप नहीं लगाया।
गंगा जमुना स्कूल के होर्डिंग पर टॉपर स्टूडेंट के फोटो हिजाब में दिखाई दिए, जिनमें चार छात्राएं हिंदू हैं। परंपरा के अनुसार हिंदू छात्राएं हिजाब नहीं पहनती। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन ने छात्राओं की होर्डिंग में जो फोटो लगी, वह हिजाब में नजर आ रही है। सोशल मीडिया पर यह होर्डिंग जमकर वायरल हुआ। हिंदू सकल समाज के लोगों ने आज एक ज्ञापन भी सौंपा है।
इस मामले में बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी संज्ञान लेते हुए एक ट्वीट के जरिए इस मामले में लिखा है कि दमोह में एक स्कूल द्वारा हिंदू और गैर मुस्लिम बच्चियों को स्कूल के ड्रेस कोड के नाम पर जबरन हिजाब पहनाया जा रहा है। आवश्यक कार्यवाही हेतु एसपी को भी एक पत्र लिखा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा ‘ड्रेस कोड के लिए कोई नियम नहीं’
इस मामले स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी पल्ला झाड़ लिया। उनका कहना है कि एमपी में ड्रेस कोड के लिए कोई नियम नहीं है। कोई भी स्कूल अपने हिसाब से ड्रेस कोड तय कर सकता है। कलेक्टर और एसपी को इस मामले में कार्रवाई करना चाहिए। हमारे हाथ कार्रवाई को लेकर बंधे हुए है। उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड को लेकर एक नीति बनना चाहिए। मैं सभी स्कूल में एक ड्रेस लागू के पक्ष में हूं। इस मामले के जांच के निर्देश दिए गए हैं। परिवार और बच्चों को बुलाकर पूछताछ की जाएगी। मामले जो दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई होगी। ऐसे स्कूल में परिजन अपने बच्चे को न भेजें, जहां इस तरह की शिक्षा दी जाती है।
देखिए वीडियो: क्या कह रहे हैं, नरोत्तम मिश्रा (गृहमंत्री)-
हिंदूवादी संगठनों ने इस घटना को लेकर विरोध जताया और वे सड़क पर उतर आए। बाइक रेली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले में आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की गई। घटना को लेकर हिंदूवादी संगठन आक्रोशित है। इस पर बीजेपी ने आपत्ति जताते हुए जांच की मांग की है।
देखिए वीडियो: क्या कह रहे हैं, हिंदूवादी संगठन के लोग-
छात्राओं ने स्कार्फ पहना
गंगा जमुना स्कूल में पोस्टर वायरल होने के मामले में स्कूल प्रबंधन का कहना है कि इस पोस्टर में छात्राओं ने स्कार्फ पहना है। वह ड्रेस कोड में है और इसकी केंद्र और राज्य शासन से अनुमति भी ली गई है। जो यह आरोप लगा रहे हैं कि यह हिजाब है, तो उनके आरोप गलत और बेबुनियाद हैं। गंगा जमना स्कूल के मालिक मुहम्मद इदरीश है।
कलेक्टर ने कहा ‘आरोप सिद्ध नहीं हुआ’
कलेक्टर मयंक अग्रवाल मुताबिक, शुरुआती जांच में ऐसा आरोप सिद्ध नहीं हुआ। जबरदस्ती वाली बात भी सामने नहीं आई। उनके परिजन और बच्चों से यह नहीं कराया गया। यह स्कूल 2012 से चल रहा है। स्कूल का ड्रेस ही ऐसा है। कलेक्टर ने यह भी कहा कि ये हिजाब नहीं है, हालांकि इसके विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। गंगा जमुना स्कूल के पोस्टर को लेकर कुछ लोगों द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है। थाना प्रभारी कोतवाली और जिला शिक्षा अधिकारी से जांच कराए जाने पर आरोप गलत पाए गए। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। एसपी ने भी रिट्वीट कर लिखा है कि जांच पर आरोप सिद्ध नहीं हुए।