वेद-संस्कार-कर्मकांड ढोंग, पाखंड नहीं अद्भुत विज्ञान है

उज्जैन में त्रिदिवसीय संस्कृति संस्कार विज्ञान कार्यशाला का समापन

748

वेद-संस्कार-कर्मकांड ढोंग, पाखंड नहीं अद्भुत विज्ञान है

उज्जैन। उज्जैन में हिंदू आध्यात्मिक सेवा संस्थान एवं विश्व हिन्दू परिषद मालव प्रांत द्वारा महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान में आयोजित त्रिदिवसीय संस्कृति संस्कार विज्ञान कार्यशाला का समापन मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।

श्री उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से समाज में सनातन वैदिक परंपरा के विज्ञान को गहराई से समझा जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री गुणवंत सिंह कोठारी राष्ट्रीय संयोजक ने अपने उद्बोधन में कार्यशाला आयोजित करने के उद्देश्य का विशद् वर्णन करते हुए बताया सनातन धर्म का मूल आधार संस्कार है और जिसमें वैज्ञानिक छिपी होकर प्राचीन एवं आधुनिक दोनों विज्ञान का समन्वय होकर प्रासंगिक है।

उक्त कार्यशाला वर्तमान की भौतिक जीवनशैली में श्रेष्ठतम जीवन जीने की कला सिखाती है। समाज में इस कार्य को आचार्य एवं पुरोहित ही सर्वश्रेष्ठ विधि से संपादित कर सकते हैं।

कार्यशाला में भारतीय वांग्मय में छुपे दिव्य विज्ञान पर विभिन्न सत्रों में प्रो मिथिला प्रसाद त्रिपाठी स्वामी रंगनाथाचार्य जी प्रो विजय कुमार मेनन कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय प्रो विरुपाक्ष जड्डीपाल सचिव महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान श्री अमर डिब्बावाला डॉ गणेश प्रसाद द्विवेदी डॉ अंकित शांडिल्य एवं अन्य आचार्यों द्वारा विषय प्रतिपादन किया गया।

कार्यक्रम को विशेष अतिथित्रय श्री केईएन राघवन तमिलनाडु, पूर्व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त श्री योगेन्द्र महंत, श्री अशोक शर्मा अध्यक्ष मंदिर पुरोहित समिति के द्वारा सत्र को संबोधित किया गया।

अतिथियों का स्वागत श्री चंद्रमोहन दुबे, श्री नारायण उपाध्याय,श्री सुनील जैन, श्री विशाल शर्मा द्वारा शाल श्रीफल से किया। आभार संस्थान के निदेशक डॉ पीयूष त्रिपाठी ने माना।