Biparjoy’s Havoc : बिपरजॉय गुजरात के तट के नजदीक, तूफान से तबाही दिखाई देने लगी!
Ahmedabad : अनुमान है कि कुछ ही देर में समुद्री तूफान बिपरजॉय गुजरात के तट से टकराने वाला है। तूफान गुजरात के तटीय इलाकों के बहुत करीब पहुंच गया। जखाऊ पोर्ट से बिपरजॉय महज 100 किलोमीटर दूर है और 7 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। तूफान प्रभावित इलाकों से सभी लोगों को शिफ्ट किया जा चुका है।
किसी भी संभावित चुनौती से निपटने के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीमें पूरी तरह अलर्ट पर हैं। तूफान से पहले तेज हवाओं से द्वारका के करीब 38 गांवों में पेड़ गिर गए। गुजरात के कई जिलों में 50 किलोमीटर प्रतिघंटे से ज्यादा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। कई कच्चे मकान ध्वस्त हो गए। जहां तूफान का खतरा सबसे ज्यादा है, वहां चप्पे-चप्पे पर सेना और NDRF के जवान तैनात हैं। बताया गया कि कई इलाकों में समुद्र का पानी गांव में घुस गया। गुजरात के कई जिलों में अब ऑरेंज अलर्ट को रेड अलर्ट में तब्दील कर दिया गया
चक्रवाती तूफान की रफ्तार 7 किमी प्रति घंटा
जिस तेजी से तूफान गुजरात के तट की तरफ बढ़ रहा है उसकी रफ्तार 6 से 7 किमी प्रति घंटा बताई गई है। बिपरजॉय का असर मप्र से लगाकर राजस्थान तक दिख सकता है। द्वारका में तेज आंधी की वजह से मोबाइल टावर गिर गया। कई कच्चे मकान भी ध्वस्त हो गए। द्वारका में अब हवाएं और तेज हो रही हैं। यहां नागेश्वर मंदिर के बाहर लगा पेड़ गिर गया। दूसरी जगह भी कई पेड़ उखड़ने की खबर है।
द्वारकाधीश मंदिर के सबसे ऊपर लगा झंडा तेज हवा से गिर गया। यहां तूफान से पहले हालात ज्यादा खराब होते जा रहे हैं। ओखा और मांडवी में तेज बारिश हो रही है। मांडवी में पोर्ट को खाली करा दिया गया।
Also Read: Weather Update: 2 दिन बाद MP से गर्मी होगी उड़न छू,18 जून से मानसून बारिश संभावित
बिजली के खंभे भी गिरे
द्वारका से 10 किलोमीटर दूर बरडिया गांव में तेज हवा की वजह से कई बिजली के खंभे गिर गए। जखाऊ प्रशासन के मुताबिक, जखाऊ पोर्ट पर कुछ समय बाद कभी भी लैंडफॉल हो सकता है। तूफान कच्छ में भी बड़ी तबाही मचा सकता है। यहां के 120 गांव पूरी तरह से खाली करा लिए गए।
एयरलिफ्टिंग की भी तैयारी
एनडीआरएफ की टीमें संवेदनशील इलाकों की पहचान कर वहां रहने वाले लोगों को आगाह कर रही हैं। अधिकारियों ने बताया है कि इन संवेदनशील इलाकों में जरूरत पड़ने पर एयरलिफ्टिंग की भी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए रेस्क्यू करने वाले सभी लोग अलर्ट पर हैं। बस इंतजार है तूफान के तट से टकराने का।