चार करोड़ की संपति के लिए बेटी ने माँ, पिता और भाई को बनाया बंधक, तरह-तरह की दी यातनाएं
वृद्ध व्यक्तियों की देखरेख और सुरक्षा के उद्देश्य से माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 बनाया गया है। कोई भी वरिष्ठ नागरिक, जिसकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है, इसमें वे माता-पिता भी आते हैं, जो खुद कमाने में असमर्थ हैं, वे अपने बालिग बेटा, बेटी, पौत्र, पौत्री से भरण-पोषण खर्च पाने की पात्रता रखते हैं। लेकिन इस खबर में केवल भरण पोषण का सवाल नहीं हैं यहाँ तो बेटी के अत्याचारों की कहानी है .प्रोपर्टी के लिए कोई बेटी इस हद तक असंवेदनशील हो सकती है ?अपने ही माता पिता और मनोरोगी भाई को बेल्ट से मारना पीटना और बंधक बना कर रखना ,भारतीय समाज में संस्कारों के पतन का प्रमाण कहा जा सकता है.
अरेरा कॉलोनी में रहने वाले वृद्ध मां-पिता और मनोरोगी भाई को एक कलयुगी महिला उन्हीं के घर के एक कमरे में चार महीनों से बंधक बनाकर रखी थी। उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी जा रही थीं। रोजाना उनके साथ मारपीट की जाती थी। यहां तक की खाना तक एक ही समय दिया जा रहा था। जानवरों की तरह उन्हें छत के एक कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगाकर बंद रखा जाता था। विरोध करने पर पीड़ित वृद्धों का नवासा भी उन्हें बेरहमी से पीटता था। आरोपियों की सितम के निशान वृद्धों के जिस्म पर साफ देखे जा सकते हैं। पुलिस ने आरोपी मां बेटे पर बंधक बनाकर रखने, मारपीट करने सहित भरण पोषण अधिनियम की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।
हबीबगंज थाने के एसआई सुदील देशमुख ने बताया कि 80 वर्षीय सीएस सक्सेना बैंक में उच्च पद पर कार्यरत रहे हैं। अरेरा कॉलोनी के मकान नंबर ई 7/72 में रहते हैं। उनकी पत्नी कनक सक्सेना और मनसिक विकलांग बेटा विक्की सक्सेना भी साथ रहता है। उनकी बेटी निधि सक्सेना और नवासा निखिल सक्सेना जबरन उनके घर में कब्जा कर रहने लगे हैं। निधि की शादी भारतीय सेना के एक कर्नल से हुई थी। निधि उसे छोड़कर मां-पिता के घर में रह रही है। बीते चार महीनों से निधि ने अपने पिता सीएस सक्सेना, मां कनक सक्सेना और भाई विक्की सक्सेना को मकान की पहली फलोर में स्थित एक कमरे में कैद कर रखा है। उन्हें बाहर तक नहीं निकलने दिया जाता। खाना देते समय इस कमरे का ताला खोला जाता था। जानवरों की तरह बचा हुआ खाना लड़की मां-पिता को परोसा करती थी। इसका विरोध करने, बाहर निकलने की मांग करने तथा अन्य जरूरत के सामान मांगने पर उन्हें निधि जो हाथ आए, जैसे रॉड-डंडे तथा क्रिकेट बेट से पीटती थी। अधिक विरोध करने पर निधि का बेटा निखिल भी उन्हें बेल्ट तथा बेट सेे पीटता था।