Former Municipal President Sentenced to 2 Years: पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष को 2 साल की सजा, 4 बरी

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Former Municipal President Sentenced to 2 Years: पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष को 2 साल की सजा, 4 बरी

 

Jaora : रतलाम जिले में जावरा में 8 साल पहले पुलिस विवाद के मामले में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अनिल दसेड़ा को न्यायालय ने 2 साल की सजा सुनाई। इसी मामले में सबूत के अभाव में अन्य 4 लोगों को बरी किया गया।
जावरा नगर पालिका चुनाव के दौरान पुलिस से हुए विवाद एवं मारपीट के जिस मामले में तत्कालीन निर्दलीय उम्मीदवार अनिल दसेडा़ को चुनाव जितने में विवाद हुआ था। उसी विवाद ने अब 8 साल बाद दसेड़ा को जेल की राह दिखाई।
न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस को पीटने के आरोप में अनिल दसेडा़ को 2 साल की सजा और दस हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया। वहीं विवाद में शामिल रहें दसेड़ा के 4 साथियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया हैं। हालांकि 3 साल से कम सजा होने के चलते दसेडा़ को हाथों-हाथ जमानत भी मिल गई,लेकिन अब मामले में पूरी तरह राहत पाने के लिए उन्हें ऊपरी अदालतों में जाना होगा।

बता दें कि कि नगर पालिका परिषद चुनाव प्रचार के अंतिम दिन 1 दिसंबर 2014 की शाम को पुलिस और निर्दलीय प्रत्याशी अनिल दसेडा़ के कार्यकर्ताओं में विवाद हो गया था। यह विवाद इतना बढ़ गया था कि थाने पर ही भीड़ ने पथराव कर दिया था तथा तत्कालीन सब इंस्पेक्टर शिवांशु मालवीय को भी थप्पड़ जड़ दिया गया था।इसी बीच में पुलिस को लाठियां भांजना पड़ी थी जिसमें एक मीडियाकर्मी भी घायल हुआ था।मामले में पुलिस ने पूर्व नपाध्यक्ष अनिल दसेडा़ सहित पांच लोगों पर प्रकरण दर्ज किया था।

मामला न्यायालय में चला और 8 साल बाद मंगलवार को न्यायाधीश एनएस ताहेड़ ने साक्ष्य के आधार पर अधिकारियों के कार्यों में हस्तक्षेप को लेकर धारा 332 में अनिल दसेडा़ को 2 वर्ष की सजा सुनाते हुए 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित भी किया।वहीं मामले में अन्य 4 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। दरअसल निर्दलीय प्रत्याशी अनिल दसेडा़ के समर्थन में 1 दिसंबर 2014 की शाम करीब 6 बजे कुछ कार्यकर्ता थाने के सामने गली में चुनाव सामग्री संबंधी पर्चियां बांट रहे थे। इस दौरान तत्कालीन शहर थाना एसआई शिवांशु मालवीय, राजेश दसेड़ा को थाने लाए।जब यह जानकारी प्रत्याशी अनिल दसेडा़ व अन्य समर्थकों को मिली तो वे भी थाने पहुंचे थे इस बीच दसेड़ा व समर्थकों का पुलिस से विवाद हो गया था।

आरोप था कि भीड़ के साथ अनिल दसेडा़ आए और एसआई मालवीय पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।

कुछ देर बाद दसेडा़ ने मालवीय को थप्पड़ जड़ दिया था व भीड़ में से किसी ने अन्य पुलिस जवानों पर हमला कर दिया था।ऐसे में पुलिस को जान बचाने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा था बाद में दसेड़ा को गिरफ्तार कर थाने में बंद कर दिया था। मामले से नगर भर में यह संदेश गया था कि सत्ता पक्ष के दबाव में पुलिस ने दसेड़ा को पीटा और जबरन विवाद करते हुए जेल में डाल दिया।इसी का फायदा दसेड़ा को मिला था जिससे वे जेल में रहते हुए भी चुनाव जीत गए थे हालांकि न्यायालय में चले प्रकरण और साक्ष्यों को देखते हुए न्यायालय ने उन्हें अब सजा सुनाई हैं। जिन लोगों को बरी किया गया उनके नाम नीलेश दशेरा,राजेश दसेड़ा, दीपक पोरवाल,फतहेलाल जैन उर्फ पप्पू सेठ हैं।

*क्या कहते हैं दसेड़ा*
न्यायालय के फैसले के बारे में पुछे गए सवाल पर दसेड़ा ने कहा कि अपना पक्ष रखने के लिए अब उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे। अतः हमें पुरी उम्मीद है कि उच्च न्यायालय से हमें न्याय मिलेगा।
*अनील दसेड़ा*