“समस्या बताने की स्वतंत्रता और हिम्मत दीजिये ,दीजिये एक भरोसा वे अपनी कठिनाई आप तक रख सकें”
ममता सक्सेना की विशेष रिपोर्ट
“प्रतिष्ठा” शिक्षा, साहित्य, संस्कृति और समाज को समर्पित पंडित दीनानाथ व्यास स्मृति प्रतिष्ठा समिति भोपाल मध्य प्रदेश द्वारा समाज में घटित महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों, घटनाओं और ज्वलंत समस्याओं पर केन्द्रित वर्चुअल वैचारिक परिसंवाद का आयोजन किया गया, जिसमें म.प्र. के साहित्यकारों ने अपने विचार रखे। विषय था “महिलाओं को अधिकार और कानून के लिए जागरूक करने हेतु क्या करना चाहिए”?यह आयोजन साप्ताहिक गोष्ठी के तहत किया गया .
प्रतिष्ठा साहित्य समूह की संस्थापक अध्यक्ष, वरिष्ठ साहित्यकार,समाज सुधारक डॉक्टर स्वाति तिवारी की अध्यक्षता में तथा सेवानिवृत्त प्राचार्य, विचारक, शिक्षाविद श्री नवीन शर्मा के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस गोष्ठी में
विक्रम विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग से सम्बद्ध लेखक, कवि और इतिहासकार शरद कोकस ,वरिष्ठ साहित्यकार श्री आर सी शर्मा ,लघुकथाकार डॉ प्रणव श्रोत्रिय ,इंदौर लेखक संघ की अध्यक्षा विनीता तिवारी, मणिमाला शर्मा, सृष्टि कलाकुंज की संस्थापक वन्दिता श्रीवास्तव,अखिल भारतीय दिगंबर जैन महिला परिषद की महामंत्री लेखिका प्रभा जैन, रचनाकार कुसुम सोगानी, नीति अग्निहोत्री, मनीषा व्यास ,सुषमा व्यास ,डॉ सुनीता फडनिस सहित कई सदस्यों ने विषय की गंभीरता को इंगित करते हुए अपनी बात कही .
सभी वक्ताओं ने अलग अलग आयामों से महिला मुद्दों को उठाया , लेखिका मनीषा व्यास ने महिला अधिकारों के साथ महिलाओं के लिए सरकार की कई योजनाओं ,एवं महिलाओं के लिए वित्तीय योजनाओ पर भी प्रकाश डाला ,प्रमुख वक्ता श्री शरद कोकास ने कहा की देश में बाबाओं की तमाम घटनाओं के उजागर होने के बावजूद महिलाओं का बहुत बड़ा वर्ग आज भी बाबाओं के सत्संग में जाता है ,भभूत लेने ,मन्त्र लेने ,ऐसे में महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध घटना ,एक चुनौती है . लोक कलाकार वन्दिता श्रीवास्तव ने कहा कि इन विषयों पर महिलाओं को जागरुक करने के लिए थोड़े थोड़े अंतराल आर अलग अलग वर्ग की महिलाओं के साथ गोष्ठी और संवाद होना चाहिए .लेखक श्री रमेश शर्मा ने कहा की कई बार महिलाएं परिवार द्वारा ही शोषित होती है .उन्हें सामाजिक सुरक्षा दी जानी चाहिए .
मुख्य अतिथि ,शिक्षाविद श्री नवीन शर्मा ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकार और कानून की जागरूकता के लिए शिक्षित करने के साथ उन्हें कानून, सरकारी नीतियों, सुविधाओं और प्रसाशन द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा, सहायता के प्रति सचेत किया जाना चाहिए ,उन्होंने कहा कि परिवार कोउनकी समस्याओं पर बात करते हुए उनके साथ खड़े होना चाहिए.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार डॉ स्वाति तिवारी ने कहा कि रैमसे क्लार्क ने कहा था कि–
अधिकार वह नहीं है जो कोई आपको देता है,
अधिकार वह है जो कोई भी आपसे नहीं ले सकता।
समाज में प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान के साथ जीने के लिए कुछ बुनियादी अधिकार और स्वतंत्रता की आवश्यक होती हैं, जिसके सभी मनुष्य हकदार हैं, इन बुनियादी अधिकारों को मानव अधिकार कहा जाता जो हमें हमारा संविधान और हमारी कानून व्यवस्था प्रदत्त करती है .लेकिन समस्या यह है कि कितने लोग इनके बारे में सही अर्थ और उनका उपयोग जानते है ?आज जब शिक्षा का भी भरपूर प्रचार प्रसार है ,बड़ी संख्या में महिलाएं आत्मनिर्भर है बावजूद इसके पढेलिखे तबके में भी तंदूर काण्ड {नैना साहनी},निर्भय केस {दिल्ली गैंग रेप },श्रधा हत्याकांड ३५ टुकड़ों में कटा जाना ,और अभी अभी सरस्वती का वीभत्स कूकर काण्ड क्या इंगित करता है? इसका सीधा सा अर्थ है ,केवल व्यवस्था को कोसने से या व्यवस्था के होने से निराकरण संभव नहीं है .इन समस्याओं से निपटने के लिए समाज को ही आगे आना होगा .क्योंकि कानून कागजों पर ही रह जाते है और घटना घटी जाती है ,कानून को कागजों से निकाल कर दिमाग में उतारना होगा ,हमारे समाज के दृष्टिकोण को बदलना पहली आवश्यकता है .अपने बेटों को संस्कारित करिए .बच्चों को प्रेम और शोषण का अंतर समझने की ,आपसे बात करने की ,समस्या बताने की स्वतंत्रता और हिम्मत दीजिए ,दीजिए एक भरोसा वे अपनी कठिनाई आप तक रख सकें कई अपराध सिर्फ इसी भय के पीछे घटित होते है .
विषय में प्रवेश करने हेतु विषय बिंदु देते हुए सूत्रधार ममता शर्मा ने भी जागरूकता लाने के लिए और महिलाओं पर हो रही हृदय विदारक घटनाओं पर लगाम कसने हेतु समय-समय पर साहित्यकारों को आगे आ कर साहित्यिक क्रांति के माध्यम से महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों को रेखांकित किया .कार्यक्रम में प्रारम्भ में मुख्य अतिथि और अध्यक्ष ने माँ सरस्वती को माल्यार्पण किया .मणि माला शर्मा द्वारा मां सरस्वती का आह्वान कर कार्यक्रम का आगाज़ किया।कार्यक्रम में अंत में आपकी राय आपका पटल के पर बड़ी संख्या में इस विचारों और विषयों पर संस्था के सदस्यों द्वारा चर्चा और प्रश्न उत्तर किये गए जिनमें कई नए विषय सामने आये जिन पर चर्चा आगामी आयोजनों में की जायगी .कार्यक्रम का सफल संचालन ममता सक्सेना ने किया और आभार प्रभा जैन ने प्रकट किया.
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