Cabinet Decisions: राजस्थान में नए जिलों के गठन का मार्ग प्रशस्त, कर्मचारियों के लिए दो वेतन वृद्धि की तिथियां निर्धारित
राजस्थान से गोपेंद्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट
राजस्थान में नए जिलों के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार रात को जयपुर में मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नवीन जिलों के गठन पर विस्तार से चर्चा हुई। इस बार के बजट में 19 नए जिलों के गठन की घोषणा की गई थी। नए जिलों के सीमांकन के साथ ही भरौसेमंद सूत्रों के अनुसार प्रदेश में कुछ और नए जिलों और संभागीय मुख्यालयों के गठन की सम्भावनाएँ भी बताई जा रही है ।
मंत्रिमंडल की बैठक में स्कूलों में संविधान की उद्देशिका एवं मौलिक कर्तव्यों का पाठन, राज्य कर्मचारियों के हित में प्रथम वेतन वृद्धि 6 माह में करने, प्रदेश के युवाओं को राजकीय सेवा में ज्यादा अवसर देने आदि कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। साथ ही, संस्कृत विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा और राजस्थान आईएलडी स्किल्स यूनिवर्सिटी का नाम ‘दी विश्वकर्मा स्किल्स यूनिवर्सिटी‘ करने सहित निर्णय भी लिए गए।
नवीन जिलों के गठन पर चर्चा पूर्ण
मंत्रिमण्डल की बैठक में नवीन जिलों के गठन के लिए बनाई गई राम लुभाया कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा पूर्ण हो गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन नवीन जिलों से राज्य के विकास को एक नई गति मिलेगी तथा आमजन की सुगमता बढेगी।
विकास संबंधी योजनाओं का क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग अधिक प्रभावी ढंग से होगी, जिससे आमजन को सरकारी योजनाओं, सुविधाओं और सेवाओं का लाभ शीघ्र मिल सकेगा।
प्रदेश के पिछड़े और दूरस्थ क्षेत्रों तक जिला प्रशासन एवं उसके माध्यम से सरकार की पहुंच और अधिक सुगम होगी, जिससे इन क्षेत्रों के लोगो की समस्याओं का शीघ्र निराकरण होगा।
जमीन संबंधी एवं दीवानी मामलों के न्यायालय नजदीक होने से आमजन के समय और धन की बचत होगी तथा इन मामलों का त्वरित निस्तारण हो सकेगा। आमजन से सीधे जुड़े विभिन्न विभागों के नवीन कार्यालय खुलने से सेवा प्रदान तथा समस्या निवारण जल्दी हो सकेगा।
जिलों का आकार संतुलित होने से कानून व्यवस्था पर अधिक प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा, जिससे अपराधों पर अंकुश लगेगा।
इससे आमजन एवं जिला प्रशासन में सवांद बढ़ेगा तथा जन अभाव अभियोगों का शीघ्र एवं प्रभावी निस्तारण संभव होगा।
नये जिला मुख्यालयों के कारण जिला मुख्यालय एवं आसपास के क्षेत्र में शहरीकरण तथा औद्योगीकरण में बढ़ोतरी से निवेश व रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।
नवीन कार्यालयों एवं बढ़े हुए प्रशासनिक मानव संसाधन के कारण चिकित्सा, शिक्षा एवं आमजन से जुड़ी ऐसी ही आवश्यक सेवाऐं और अधिक प्रभावी ढ़ग से दी जा सकेगी।
नये जिला मुख्यालयों के कारण सड़क, रेल एवं यातायात के अन्य नवीन मार्गों का विकास होगा, जिससे विकास एवं रोजगार के नये अवसर उत्पन्न होंगे।
• इस बार के बजट में 19 जिलों की घोषणा की गई थी। इस क्रम में रामलुभाया समिति द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट, विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त ज्ञापनों और जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुये केबिनेट द्वारा आंकलन कर सीमा निर्धारण के संबंध में चर्चा की गई।
सभी विद्यालयों में प्रारंभ होगा संविधान की उद्देशिका (Preamble) एवं मौलिक कर्तव्यों का पाठन
मंत्रीमण्डल की बैठक में प्रत्येक विद्यालय में संविधान की उद्देशिका एवं मौलिक कर्तव्यों का पाठन आरंभ करने का निर्णय लिया गया है। इससे प्रदेश की युवा पीढ़ी का देश के महान संविधान, लोकतंत्र एवं राष्ट्रीयता पर विश्वास तथा गर्व और अधिक सुदृढ़ हो सकेगा। यह पाठन विद्यालयों में प्रति शनिवार (नो बैग डे) किया जाएगा। नई प्रकाशित होने वाली पाठ्य पुस्तकों में भी संविधान की उद्देशिका एवं मौलिक कर्तव्यों को प्रकाशित किया जाएगा।
राजस्थान आईएलडी स्किल्स यूनिवर्सिटी अब ‘दी विश्वकर्मा स्किल्स यूनिवर्सिटी
मंत्रिमण्डल ने ‘दी राजस्थान आईएलडी स्किल्स यूनिवर्सिटी, जयपुर (चेन्ज ऑफ नेम एण्ड अमेन्डमेन्ट) बिल 2023’ के प्रारूप को मंजूरी देते हुए राजस्थान आईएलडी स्किल्स यूनिवर्सिटी का नाम ‘दी विश्वकर्मा स्किल्स यूनिवर्सिटी’ करने का निर्णय लिया है। इससे कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया, बोर्ड ऑफ मैनेजमेन्ट के गठन और नए प्रावधानों के लिए ऑर्डिनेन्स लाने आदि की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। इस निर्णय से विश्वविद्यालय का कार्य सुगमता और त्वरित गति से हो सकेगा। मंत्रिमण्डल की इस स्वीकृति से यह विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया जा सकेगा।
प्रथम वेतन वृद्धि 6 माह में मिलना हुआ सुनिश्चित, अब वेतन वृद्धि की होगी दो तिथियां
मंत्रिमण्डल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे कार्मिक की पदोन्नति या एसीपी लगने पर पदोन्नति पद के पे-लेवल में समान सेल होने पर आगामी सेल में वेतन नियत हो सकेगा। इससे कार्मिक के वेतन में वृद्धि होगी। साथ ही, वर्तमान में एक ही वेतन वृद्धि की तिथि के स्थान पर अब दो वेतन वृद्धि की तिथियां (1 जनवरी और 1 जुलाई) निर्धारित की गई हैं। इससे कार्मिकों को प्रथम वेतन वृद्धि 6 माह में ही मिल जाएगी। इन संशोधनों से विभिन्न सेवाओं के पदनाम भी सेवा नियमों के अनुरूप हो जाएंगे।
राज्य के अभ्यर्थियों को सरकारी सेवा में मिल सकेंगे अधिक अवसर
मंत्रिमण्डल ने राजकीय सेवाओं में प्रदेश के अभ्यर्थियों को अधिक से अधिक नियाेिजत करने और शीघ्रलिपि में दक्ष अभ्यर्थी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय लिपिकवर्गीय सेवा नियम 1999, राजस्थान सचिवालय लिपिकवर्गीय सेवा नियम 1970 तथा राजस्थान लोकसेवा आयोग (लिपिकवर्गीय एवं अधीनस्थ सेवा) नियम और विनियम 1999 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। इसके अंतर्गत शासन सचिवालय, अधीनस्थ कार्यालयों एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग से संबंधित मंत्रालयिक सेवा नियमों में शीघ्रलिपिक/निजी सहायक ग्रेड-।। के पाठ्यक्रम में राजस्थान के सामान्य ज्ञान को वेटेज देने का प्रावधान किया गया है। साथ ही, फेज-।। के लिए विज्ञापित पदों में 15 गुणा विद्यार्थियों को सम्मिलित करने तथा शीघ्रलिपि को वेटेज देने संबंधी प्रावधान भी किए गए हैं।
महिला कार्मिकों को राहत
मंत्रिमण्डल ने महिला राजकीय कार्मिकों को गर्भावस्था के दौरान स्थानांतरण पर होने वाली परेशानियों से राहत देने के लिए राजस्थान सिविल सर्विसेज (अलॉटमेंट ऑफ रेजिडेंशियल एकोमोडेशन) रूल्स, 1958 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। उक्त संशोधन से महिला राजकीय कर्मचारी जिसको राजकीय आवास आवंटित किया जा चुका है, वह उस आवास को मातृत्व अवकाश की समाप्ति तक सामान्य किराए पर रख सकेगी।
संस्कृत विद्यालयों में होगी कंप्यूटर शिक्षा की व्यवस्था
अब प्रदेश के विभिन्न संस्कृत विद्यालयों में विद्यार्थियों को कंप्यूटर की शिक्षा मिल सकेगी। मंत्रिमंडल ने संस्कृत शिक्षा विभाग में राजस्थान संस्कृत शिक्षा राज्य एवं अधीनस्थ सेवा (विद्यालय शाखा) नियम, 2015 में वरिष्ठ कंप्यूटर अनुदेशक एवं बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक के पदों को सम्मिलित करने एवं नई अनुसूची जोड़कर इन पदों पर भर्ती के संबंध में स्कीम एवं सिलेबस को शामिल करने के प्रारूप का अनुमोदन किया है। उक्त स्वीकृति से संस्कृत विद्यालयों में कंप्यूटर अनुदेशकों का पदस्थापन हो सकेगा और विद्यार्थियों को कंप्यूटर की शिक्षा मिल सकेगी।
सेवा नियमों में उद्योग विभाग का नाम होगा उद्योग एवं वाणिज्य विभाग
मंत्रिमण्डल ने राजस्थान उद्योग सेवा नियम-1960, राजस्थान उद्योग अधीनस्थ सेवा नियम-1966 एवं राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं (संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सीधी भर्ती) नियम-1999 में परिशिष्ट ‘च’ में संशोधन कर इनमें उद्योग विभाग का नाम उद्योग एवं वाणिज्य विभाग करने का निर्णय लिया है। नाम परिवर्तन होने से विभाग के अधिकारियों का पदनाम भी संशोधित हो जाएगा।