MP Election: मोदी,शाह ने संभाला मप्र का मैदान

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MP Election: मोदी,शाह ने संभाला मप्र का मैदान

MP Election: मोदी,शाह ने संभाला मप्र का मैदान

मध्यप्रदेश में भाजपा को नवंबर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में विजयी बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओर गृह मंत्री अमित शाह पिछले एकाध महीने से सीधे तौर पर प्रयास कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा की कमजोर स्थिति की सूचनाओं के बाद शीर्ष नेतृत्व ने संगठन को बाजू में बिठाकर स्वयं ही कमान संभाल ली है। यही कारण है कि मोदी-शाह की जोड़ी के मैदान पकड़ने के साथ ही केंद्रीय मंत्री द्व‌य भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव को भी तैनात कर दिया है। यह बताता है कि मप्र को अब शिवराज सिंह चौहान,वी.डी.शर्मा व संगठन प्रभारियों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।

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मप्र में भाजपा की राजनीति में लंबे अरसे से ठहराव और नाना प्रकार के विवादों की खबरें गूंज रही थी। संगठन स्तर पर छुटपुट प्रयास हुए, किंतु वे फलीभूत न हो सके। तब जाकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को मैदान में आना पड़ा। इससे पहले उन्होंने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव को भी प्रभारी बना कार्यकर्ताओं को साधने का जिम्मा देकर भेज दिया था। यह तब किया गया जब राष्ट्रीय संगठन की ओर से मप्र में मुरलीधर राव और शिवप्रकाश पहले से ही प्रभार संभाले हुए थे। इनकी असंतोषजनक कार्य प्रणाली की वजह से ही मंत्री द्व‌य को प्रदेश में चुनाव की जिम्मेदारी दी गई। अब वे नवंबर तक लगातार संगठन की मजबूती,कार्यकर्ताओं की नाराजी दूर कर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के जतन करेंगे।

ये दोनों अपनी जगह और मोदी-शाह अपनी जगह। मोदीजी पिछले करीब एक माह में 12 अगस्त को तीसरी बार प्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। इसी तरह से अमित शाह भी हाल ही में तीन बार आ चुके व चौथी बार 29,30 जुलाई को मप्र आ रहे हैं। 30 जुलाई को तो वे मालवा-निमाड़ के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के विशाल सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

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भाजपा में इतना तो सब जानते हैं कि कहने को जे.पी.नड्‌डा राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लेकिन तमाम बड़े और महत्वपूर्ण फैसले मोदी-शाह ही लेते हैं और उन पर नजर रखने का काम शाह करते हैं। याने सीधे अध्यक्ष न होकर भी शाह की भूमिका परदे के पीछे से वही है। खासकर तब जब देश में कही भी विधानसभा के चुनाव होते हैं। एकाध साल से मप्र में भाजपा के कमजोर होते जाने की खबरें शीर्ष नेतृत्व को बेचैन किये हुए है। तमाम अटकलों और अवसरों के बावजूद शिवराज सिंह चौहान और वी डी शर्मा को बनाये रखने के बावजूद प्रदेश का गढ़ जीतने का भरोसा नहीं हो पा रहा था। प्रादेशिक नेतृत्व बदलने का समय बीत चुका । ऐसे में सीधे हस्तक्षेप के अलावा कोई रास्ता भी नहीं बचा था।

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इसमें दो राय नहीं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने स्तर पर भाजपा की सरकार बरकरार रखने के लिये अथक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनके प्रयास इस मायने में एकाकी साबित हो रहे हैं कि वे सबको साध नहीं पा रहे थे । साथ ही निरंतर मुख्यमंत्री बने रहने के जो स्वाभाविक नुकसान हो सकते थे, वे भी चिंता बढ़ा रहे थे। उन दुष्प्रभावों को कम करने के लिये मोदी-शाह को प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ानी पड़ रही है, जो बाजी पलटने में सहायक होगी।

इतना तो सभी जानते हैं कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में से मप्र,छत्तीसगढ़,राजस्थान के परिणामों का असर अगले वर्ष लोकसभा के चुनाव पर हो सकता है। साथ ही अगले वर्ष के उत्तरार्ध में होने वाले राज्यसभा की कुछ सीटों के चुनाव भी मायने रखेंगे। ऐसे में किसी भी तरह का गड्‌ढा नुकसान देगा। मप्र के संगठन प्रभारी मुरलधर राव व शिवप्रकाश भी कार्यकर्ताओं के बीच न तो तालमेल बिठा पा रहे थे, न ही असंतोष दूर कर पा रहे थे। इसके उलट मुरलीधर राव की बयानबाजी से तो नुकसान भी हो रहा था। यही सोचकर मोदी-शाह ने अब कमान सीधे अपने हाथों में ले ली है।

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अमित शाह,भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव युद्ध‌ स्तर पर जुट गये हैं, जिसमें सबसे प्राथमिक कार्य रूठे वरिष्ठ नेताओं को मानना और काम पर लगाना है। इससीलिये जल्द ही करीब एक दर्जन समितियां भी बनाई जा रही हैं, जिनके प्रभारी पुराने,कर्मठ लेकिन रूठे नेताओं को बनाया जाकर सक्रिय किया जायेगा। बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं से शाह का सीधा संवाद भी मायने रखेगा। ऐसे आयोजन वे अंचल स्तर पर करेंगे। इसी तरह से अलग-अलग अंचलों में जन आशीर्वाद यात्रायें भी प्रारंभ की जाने वाली हैं। जिनके साऱथी शिवराज सिंह चौहान,वी.डी.शर्मा,नरेंद्र सिंह तोमर,ज्योतिरादित्य सिंधिया,कैलाश विजयवर्गीय बनाये जायेंगे।

आने वाले हफ्ते-पंद्रह दिन में भाजपा का आम कार्यकर्ता मैदान में दौड़ते नजर आ सकता है। यदि इस मोर्चे पर भाजपा ने मजबूत संरचना कर दी तो अभी तक पिछड़ती नजर आ रही भाजपा फिर से परचम लहरा सकती है। अभी तक सुस्त बैठे कार्यकर्ता और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता भी जोश में आ सकते हैं। ये लोग पार्टी हित के लिये लंबे समय तक नाराज नहीं बने रह सकते । फिर मोदी-शाह के मार्गदर्शन में काम करने का उत्साह स्वाभाविक तौर पर रहेगा,जो भाजपा की डूबती नाव को किनारे लगाने में भिड़ जायेगा।

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रमण रावल

 

संपादक - वीकेंड पोस्ट

स्थानीय संपादक - पीपुल्स समाचार,इंदौर                               

संपादक - चौथासंसार, इंदौर

प्रधान संपादक - भास्कर टीवी(बीटीवी), इंदौर

शहर संपादक - नईदुनिया, इंदौर

समाचार संपादक - दैनिक भास्कर, इंदौर

कार्यकारी संपादक  - चौथा संसार, इंदौर

उप संपादक - नवभारत, इंदौर

साहित्य संपादक - चौथासंसार, इंदौर                                                             

समाचार संपादक - प्रभातकिरण, इंदौर      

                                                 

1979 से 1981 तक साप्ताहिक अखबार युग प्रभात,स्पूतनिक और दैनिक अखबार इंदौर समाचार में उप संपादक और नगर प्रतिनिधि के दायित्व का निर्वाह किया ।

शिक्षा - वाणिज्य स्नातक (1976), विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन

उल्लेखनीय-

० 1990 में  दैनिक नवभारत के लिये इंदौर के 50 से अधिक उद्योगपतियों , कारोबारियों से साक्षात्कार लेकर उनके उत्थान की दास्तान का प्रकाशन । इंदौर के इतिहास में पहली बार कॉर्पोरेट प्रोफाइल दिया गया।

० अनेक विख्यात हस्तियों का साक्षात्कार-बाबा आमटे,अटल बिहारी वाजपेयी,चंद्रशेखर,चौधरी चरणसिंह,संत लोंगोवाल,हरिवंश राय बच्चन,गुलाम अली,श्रीराम लागू,सदाशिवराव अमरापुरकर,सुनील दत्त,जगदगुरु शंकाराचार्य,दिग्विजयसिंह,कैलाश जोशी,वीरेंद्र कुमार सखलेचा,सुब्रमण्यम स्वामी, लोकमान्य टिळक के प्रपोत्र दीपक टिळक।

० 1984 के आम चुनाव का कवरेज करने उ.प्र. का दौरा,जहां अमेठी,रायबरेली,इलाहाबाद के राजनीतिक समीकरण का जायजा लिया।

० अमिताभ बच्चन से साक्षात्कार, 1985।

० 2011 से नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना वाले अनेक लेखों का विभिन्न अखबारों में प्रकाशन, जिसके संकलन की किताब मोदी युग का विमोचन जुलाई 2014 में किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भी किताब भेंट की गयी। 2019 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के एक माह के भीतर किताब युग-युग मोदी का प्रकाशन 23 जून 2019 को।

सम्मान- मध्यप्रदेश शासन के जनसंपर्क विभाग द्वारा स्थापित राहुल बारपुते आंचलिक पत्रकारिता सम्मान-2016 से सम्मानित।

विशेष-  भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा 18 से 20 अगस्त तक मॉरीशस में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन में सरकारी प्रतिनिधिमंडल में बतौर सदस्य शरीक।

मनोनयन- म.प्र. शासन के जनसंपर्क विभाग की राज्य स्तरीय पत्रकार अधिमान्यता समिति के दो बार सदस्य मनोनीत।

किताबें-इंदौर के सितारे(2014),इंदौर के सितारे भाग-2(2015),इंदौर के सितारे भाग 3(2018), मोदी युग(2014), अंगदान(2016) , युग-युग मोदी(2019) सहित 8 किताबें प्रकाशित ।

भाषा-हिंदी,मराठी,गुजराती,सामान्य अंग्रेजी।

रुचि-मानवीय,सामाजिक,राजनीतिक मुद्दों पर लेखन,साक्षात्कार ।

संप्रति- 2014 से बतौर स्वतंत्र पत्रकार भास्कर, नईदुनिया,प्रभातकिरण,अग्निबाण, चौथा संसार,दबंग दुनिया,पीपुल्स समाचार,आचरण , लोकमत समाचार , राज एक्सप्रेस, वेबदुनिया , मीडियावाला डॉट इन  आदि में लेखन।