– प्रदेश में ऊर्जा साक्षरता अभियान 25 नवंबर से चलाया जाएगा
– पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम टंट्या मामा भील के नाम पर होगा
Bhopal : आज कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। बैठक के बाद गृह मंत्री और कैबिनेट प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमारे नवकरणीय ऊर्जा विभाग ने प्रधानमंत्री की इच्छा को ध्यान में रखते हुए सौर ऊर्जा प्लांट के संबंध कुछ फैसले किए हैं। प्रधानमंत्री ने ग्लॉसलोव में जो इच्छा व्यक्त की थी, उसे ध्यान में रखते हुए 25 दिसम्बर को आगर मालवा में 550 मेगावॉट का, शाजापुर में 450 मेगावॉट का और नीमच में 500 मेगावॉट के सोलर प्लांट के शिलान्यास मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री करेंगे। एक साथ 1500 मेगावॉट के सोलर ऊर्जा प्लांट के ये शिलान्यास किए जाएंगे।
उन्होंने आगे बताया कि टंट्या मामा भील, जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी थी और जिनका अंतिम संस्कार महू विधानसभा के पातालपानी में हुआ था, वहां टंट्या मामा का कार्यक्रम पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ किया जाएगा। सैलाना के बड़ौदा-अहीर से कलश यात्राएं निकाली जाएगी। इसके अलावा खंडवा, बुरहानपुर, आलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम और उज्जैन से भी कलश यात्राएं निकलेंगी। संस्कृति विभाग इस कार्यक्रम को आयोजित करेगा। उज्जैन और इंदौर कमिश्नर इसका समन्वय करेंगे। सभी प्रभारी मंत्रियों को इन यात्राओं में शामिल होने के निर्देश दिए गए। पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम अमर क्रांतिकारी टंट्या भील के नाम पर किए जाने का प्रस्ताव रखा गया।
इसके अलावा सभी मंत्रियों से कहा गया है कि वे 25 दिसम्बर तक अपने-अपने विभागों की समीक्षा करें, जिला स्तर पर भी ये समीक्षा हो। क्षेत्र में जो विकास कार्य होने वाले हैं, उनकी भी समीक्षा की जाए। 25 दिसम्बर से 26 जनवरी तक जो विभाग जनता को सुविधाएं देते हैं उसकी भी समीक्षा करने के बारे में कहा गया है। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को कहा है कि वे अपने जिले और प्रभार वाले जिलों में खाद खरीद की समीक्षा करें। सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में टीकाकरण अभियान की समीक्षा करने के बारे में भी कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा साक्षरता को लेकर इच्छा व्यक्त की थी। उसी संदर्भ में प्रदेश में ऊर्जा साक्षरता अभियान 25 नवंबर से चलाया जाएगा। इस अभियान से स्कूलों और कॉलेजों को भी जोड़ा जाएगा। इससे जनसाधारण को भी जोड़ा जाएगा। अकारण जलने वाली बिजली को रोका जाएगा। देश में ऊर्जा साक्षरता अभियान चलाने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य होगा। हमारा प्रदेश देश को इस बारे में एक दिशा देगा। इस महाअभियान का समयबद्ध कार्यक्रम बनेगा। इसमें प्रदेश की साढ़े 7 करोड़ जनता का सहयोग लिया जाएगा। इसमें ऊर्जा के व्यय और अपव्यय दोनों के विकास के बारे में भी समझाया जाएगा। पारंपरिक और वैकल्पिक साधनों की जानकारी भी बताई जाएगी और इससे पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी जनता को जानकारी दी जाएगी। इसके लिए सार्थक संवाद का भी आयोजन स्थान-स्थान पर किया जाएगा। इसके प्रभावों और परिणामों में दक्ष करने का भी आज निर्णय लिया गया। इसमें जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण जोखिम, नकारात्मक प्रभाव के अलावा विभिन्न ऊर्जा तकनीकों के बारे में भी विस्तार से अभियान में बताया जाएगा।