प्रत्यक्ष कार्यसमिति बैठक से पहले शिव-मुरली की विधायकों से प्रत्यक्ष चर्चा दिखाएगी असर …

बुधवार दिनभर चलता रहा राजनीति की डगर...

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26 नवंबर को भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की कोरोना संकट के बाद पहली प्रत्यक्ष बैठक होने जा रही है। इससे पहले कोरोना काल के दो साल ऊहापोह के रहे हैं और पार्टी कार्यसमिति को अर्धआभासी स्वरूप में ही मूर्त रूप दे रही थी। और हो सकता है कि इसके बाद प्रदेश कार्यसमिति की बैठकें भोपाल की सीमा से बाहर निकलकर अलग-अलग अंचलों में हों और पार्टी आदिवासी क्षेत्रों सहित महाकौशल, ग्वालियर-चंबल, विंध्य प्रदेश, मालवांचल, बुंदेलखंड में कार्यसमिति को आकार देकर जनाधार बढ़ाने की हरसंभव कोशिश करेगी।
पार्टी कार्यसमिति की प्रत्यक्ष बैठक के पहले राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव भाजपा विधायकों से प्रत्यक्ष चर्चा कर फीडबैक ले रहे हैं। यह फीडबैक प्रदेश के सांगठनिक कार्यों की रूपरेखा तैयार करेगा। तो विधायकों को क्या-क्या सुधार लाकर संगठन और सरकार को किस तरह ज्यादा मजबूती प्रदान करने के लिए विधानसभा चुनाव 2023 से पहले केंद्र और राज्य सरकार के कामों को जन-जन तक पहुंचाना है, यह बूस्टर डोज भी देने की मंशा से भी प्रत्यक्ष बैठक अपना असर दिखाएगी। विधायकों से प्रत्यक्ष चर्चा से पहले इन नेताओं ने मंत्रियों से प्रत्यक्ष विमर्श किया, जिसमें मंत्रियों का दर्द छलका और उपचार की उम्मीद लेकर ही वह विदा हुए। दवा कितनी कारगर साबित होती है, यह बाद में ही पता चलेगा।
वैसे अगर देखा जाए तो बुधवार का दिन राजधानी में पूरी तरह राजनैतिक गतिविधियों को समर्पित रहा। पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी को भाजपा ने याद किया। तो रामधुन की आवाज भी मिंटो हॉल और युवा सदन के बीच गूंजती रही। दो दलों के नेताओं के बीच की इस रामधुन राजनीति ने आम आदमी को घंटों परेशान होने को मजबूर किया।
पुलिस ने किसी का मुलाहिजा नहीं किया, ऐसे में परेशान वाहन चालक मंजिल तक पहुंचने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर रहे। दोपहर बाद भी तब लोगों को राहत मिल पाई, जब रामधुन की समयावधि हर तरफ पूरी तरह शांत हो गई। रामधुन एपीसोड से उन कांग्रेस नेताओं को जरूर तकलीफ हुई होगी, जिन्होंने कल्पना की थी कि रामधुन भी युवा सदन में गाने के लिए अच्छी व्यवस्थाएं की गईं हैं और पूड़ी-सब्जी, हलवा का आमंत्रण भी स्वाद भरा है।
यह स्वाद उन संतों और भाजपा कार्यकर्ताओं के हिस्से में आया, जिनको ध्यान में रखते हुए यह बनवाया गया था। जायका उन सभी का हुआ, जिन्हें इन रास्तों से गुजरना था, जिन्हें पुलिस का रवैया इस बार पहले से जुदा दिखा और लोग इस बात को लेकर आशंकित रहे कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली के लागू होने का पूर्वाभ्यास अगर यह है, तो आने वाले दिन कैसे होंगे?
हालांकि मंत्री भूपेंद्र सिंह ने साफ किया कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली के परिणाम अनुकूल होने पर इसे दूसरे शहरों में लागू किया जाएगा वरना भोपाल-इंदौर भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली को बाय-बाय कर देगा। यह भी खबर आई है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर पुलिस कमिश्नर प्रणाली एकतरफा लागू किए जाने का विरोध करने का मन बना चुके हैं। ऐसी खबरों ने पुलिस कमिश्नर प्रणाली आने से खुश पुलिस अधिकारियों का जायका जरूर बिगाड़ा होगा।
खैर कांग्रेस और भाजपा कार्यालयों में भी राजनैतिक गतिविधियां दिन भर चलती रहीं। मप्र कांग्रेस अनुसूचित जनजाति विभाग की बैठक संपन्न हुई और यह चिंता जताई गई कि भाजपा आदिवासी वर्ग को गुमराह करने में लगी है, वह आदिवासी युवाओं को भ्रमित कर, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना चाहती है लेकिन आज का आदिवासी वर्ग उसके किसी बहकावे में आना आने वाला नहीं है। कांग्रेस हमेशा से आदिवासी वर्ग की हितैषी रही है और हमेशा रहेगी। मोदी जी भोपाल आये भाषण परोस कर चले गये, पर किसी आदिवासी के सुख-दुख की बात सुनी क्या ?
तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा। वह बोले पन्ना मुझे जानता है। माननीय अमित शाह, माननीय मोदी जी प्रधानमंत्री जिनका वीडी शर्मा प्रदेश अध्यक्ष है, वह मुझे आप से बेहतर जानते हैं कि मैं कौन-कौन से काम करता हूं। दिग्विजय सिंह आप क्या करते हैं? आपकी दिव्यारानी जो कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रही है, उन पर उच्च न्यायालय ने 2000 की पेनाल्टी की है और पन्ना में दिग्विजय सिंह ने मीडिया के साथ जिस तरह का व्यवहार किया इससे व्यथित हूं।
क्योंकि मीडिया ने सवाल उठाया कि आपके पास बैठे पांडे सबसे बड़ा माफिया है, गुंडागर्दी करते हैं, अवैध माइनिंग करते हैं। दिव्या रानी ने 54 एकड़ जमीन पर कब्जा किया जिस पर 13 आदिवासियों नाम दर्ज हैं। आपके शासनकाल में दी गई थी। वह आदिवासी कहां हैं? इन सवालों से दिग्विजय सिंह उखड़ने लगे। उमंग सिंगार ने जो कहा था इस मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा भू माफिया, रेत माफिया, शराब माफिया दिग्विजय सिंह है, ये वीडी शर्मा ने नहीं बल्कि उनके वरिष्ठ कार्यकर्ता उमंग सिंगार ने कहा था। जिसका जवाब वह आज तक नहीं दे पाए। मिस्टर बंटाधार दिग्विजय सिंह आपको मध्य प्रदेश का कोना-कोना जानता है।
खैर आगामी दिनों में राजनीतिक हिसाब-किताब और तेजी से चुकता किए जाते रहेंगे, क्योंकि भाजपा प्रदेश कार्यसमिति तक सभी बड़े नेता और कार्यसमिति सदस्य भोपाल में हैं तो कांग्रेस के दिग्गज भी राजधानी में रहेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दक्षिण की यात्रा कर राजधानी पहुंच चुके हैं। यही माना जा सकता है कि प्रत्यक्ष कार्यसमिति बैठक से पहले शिव-मुरली की भाजपा विधायकों से प्रत्यक्ष चर्चा असर दिखाएगी। वैसे बुधवार का दिन राजनीति की डगर पर बेहिचक चलता रहा।