विंध्य, महाकौशल और बुंदेलखंड सधे, अब पूरा हुआ मंत्रिमंडल विस्तार…

विंध्य, महाकौशल और बुंदेलखंड सधे, अब पूरा हुआ मंत्रिमंडल विस्तार…

सरकार ने जिस उत्साह से हाल ही में तीन चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया था, अब उन्हें विभागों का वितरण भी कर दिया गया है। गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन को नर्मदा घाटी विकास, राजेंद्र शुक्ला को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और जनसंपर्क और राहुल लोधी (राज्य मंत्री)  को कुटीर एवं ग्रामोद्योग (स्वतंत्र प्रभार) एवं वन विभाग राज्य मंत्री का प्रभार सौंपा गया है। हालांकि इस बीच महाकौशल से यह आवाज भी आई थी कि अब इतने कम समय के लिए मंत्री बनने का कोई मतलब नहीं है।

यूं तो महाकौशल में 38 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन इनकी सियासत का असर विंध्य और बुंदेलखंड की सीटों पर भी पड़ता है। नर्मदा का मुद्दा लगातार उठा है, जो सबसे ज्यादा महाकौशल के जिलों से होकर गुजरती है। यही कारण है कि पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा सेवा यात्रा निकाली। महाकौशल में भाऊ यानि गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन दिग्गज नेताओं में शामिल हैं।

बुंदेलखंड में पांच जिले और 26 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 2 सीटें ऐसी हैं, जहां बीते तीन दशक से जैन समुदाय का कब्जा है। हम बात कर रहे हैं सागर और दमोह विधानसभा की। सागर से भाजपा के शैलेंद्र जैन और दमोह से वित्त मंत्री जयंत मलैया क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां राहुल लोधी को मंत्री बनाकर भाजपा ने दिग्गज शख्सियत उमा भारती को खुश करने की कोशिश की है। क्योंकि यह सब जानते हैं कि लोधी मतदाताओं पर उमा भारती का खासा प्रभाव है।

विंध्य क्षेत्र में पिछले कई चुनावों से जातिगत समीकरण हावी रहे। कभी ब्राह्मण तो कभी ठाकुर रीवा-सतना में हावी रहे। सवर्णो में वैश्य और पिछड़ा वर्ग से कुर्मी भी लगातार दस्तक देते दिखाई दिए। 2003 के चुनाव में 28 में से 18 सीटें भाजपा के खाते में थीं। 2018 में यह आंकड़ा बढ़कर 30 में से 24 हो गया। राजेंद्र शुक्ला विंध्य में ब्राह्मणों का चेहरा बन चुके हैं। विंध्य क्षेत्र की 30 में से 24 सीटों पर काबिज भाजपा को इस बार के चुनाव में न केवल गढ़ बचाना होगा, बल्कि सीटों की संख्या भी बरकरार रखना होगी।

तो अब देखने वाली बात यही है कि पहले तो यह मंत्री एक महीने में अपने विभागों के काम को क्या नई दिशा दे पाते हैं और दूसरा यह कि उनके मंत्री बनने से भाजपा को अगले विधानसभा चुनाव में क्या दशा और दिशा में बदलाव देखने को मिलता है। बहरहाल राजेंद्र शुक्ला ने जनसंपर्क विभाग हासिल कर यह तो जता दिया है कि उनका वजन बरकरार है और भले ही वह समय पर मंत्री न बन पाए हों, लेकिन जनसंपर्क विभाग में दूसरी बार आकर यह जता दिया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वह भरोसेमंद नेता हैं…। विंध्य, महाकौशल और बुंदेलखंड सधे या नहीं, यह पता चुनाव के बाद चल जाएगा, लेकिन अब इसमें कोई संदेह नहीं कि  मंत्रिमंडल विस्तार की कार्यवाही मंत्रियों को विभाग आवंटित होने के साथ पूरी हो गई है…।

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khusal kishore chturvedi
कौशल किशोर चतुर्वेदी

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के जाने-माने पत्रकार हैं। इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में लंबा अनुभव है। फिलहाल भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र एलएन स्टार में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले एसीएन भारत न्यूज चैनल के स्टेट हेड रहे हैं।

इससे पहले स्वराज एक्सप्रेस (नेशनल चैनल) में विशेष संवाददाता, ईटीवी में संवाददाता,न्यूज 360 में पॉलिटिकल एडीटर, पत्रिका में राजनैतिक संवाददाता, दैनिक भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ, एलएन स्टार में विशेष संवाददाता के बतौर कार्य कर चुके हैं। इनके अलावा भी नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित विभिन्न समाचार पत्रों-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन किया है।