MP’s Express Way Started : एक्सप्रेस-वे का मध्यप्रदेश का हिस्सा शुरू, पहले दिन से टोल वसूली भी!

जहां पुल-पुलिया और इंटरचेंज ज्यादा, वहां पर टोल भी ज्यादा देना होगा!

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MP’s Express Way Started : एक्सप्रेस-वे का मध्यप्रदेश का हिस्सा शुरू, पहले दिन से टोल वसूली भी!

Indore : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का मध्यप्रदेश का हिस्सा बिना किसी हो-हल्ले और उद्घाटन की औपचारिकता के खोल दिया गया। मध्यप्रदेश में तैयार 244 किलोमीटर में से 210 किलोमीटर हिस्से में बुधवार सुबह 8 बजे से ट्रैफिक शुरू दिया गया। पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इसके उद्घाटन के लिए समय मांगा था। लेकिन, इस एक्सप्रेस-वे पर सफर के लिए कुछ नियम-कायदों का पालन करना होगा। रतलाम, मंदसौर और झाबुआ जिले से गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे पर पहले दिन से ही टोल टैक्स लगने लगा।

एक्सप्रेस-वे में टोल दर लागत पर आधारित रहेगी। जिस खंड में पुल-पुलिया और इंटरचेंज अधिक होंगे वहां पर टोल ज्यादा देना होगा। दौसा वाले हिस्से जैसी ही कार व हल्के वाहनों के लिए टोल 2.20 रुपए से 2.25 रुपए प्रति किलोमीटर तक की दर तय की गई। बड़े यात्री वाहन, ट्रक के लिए यह 7 से 7.35 रुपये प्रति किमी तक है। विभागीय स्तर पर दरों की जानकारी भी सार्वजनिक सूचना के माध्यम से दी जाएगी। इस संबंध में प्रोजेक्ट मैनेजर रविन्द्र गुप्ता का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की आवाजाही 20 सितम्बर से प्रारंभ होगी। अलग-अलग सेक्शन में अलग-अलग दर निर्धारित हैं। निर्धारित दरों के मान से ही टोल की वसूली की जाएगी।

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रतलाम एक्सप्रेस-वे का केंद्र
एक्सप्रेस-वे के जरिए रतलाम से मुंबई अथवा दिल्ली के लिए समान रूप से 6 से 7 घंटे का वक्त लगेगा। चार पहिया व बड़े वाहन 120 किलोमीटर की अधिकतम स्पीड पर चल सकेंगे। इससे ज्यादा यदि वाहनों की स्पीड मिली तो उनका चालान कटेगा। वाहनों की स्पीड पर नियंत्रण रखने के लिए पूरा मार्ग सीसीटीवी कैमरों से लैस है। इस एक्सप्रेस वे पर पांच तरह के वाहनों को छोड़कर सभी प्रकार के वाहनों की एंट्री हो सकेगी। जिन वाहनों का प्रवेश वर्जित है उसमें दोपहिया को छोड़कर सभी प्रकार के वाहनों की एंट्री हो सकेगी। बाइक, ट्रैक्टर, ऑटो, भूसे से भरे वाहन और हार्वेस्टर प्रतिबंधित होंगे।

कैसे वसूली होगी टोल टैक्स की
जैसे ही कोई वाहन इंटरचेंज पॉइंट से प्रवेश करेगा, स्कैनर गाड़ी का फास्टैग स्कैन करके अगले सभी 7 पॉइंट पर वाहन की डिटेल्स भेज देगा। जैसे ही 8 लेन से एग्जिट होने के लिए टोल पाइंट पर पहुंचेंगे, वहां अपने आप ही गाड़ी की तय की गई दूरी के हिसाब से टोल टैक्स फास्टैग खाते से कट जाएगा। कंपनी अभी सर्विस एरिया, पेट्रोलिंग आदि की सुविधा उपलब्ध करवाने जा रही है।

इस एक्सप्रेस-वे की विशेषता
एक लाख करोड़ रुपए की लागत से बना यह मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इसका खासा ध्यान रखा है। 8 लेन के बीच 20 मीटर की लेन में पौधे लगाए गए हैं, जो जल्दी पेड़ों का आकार लेंगे। इस एक्सप्रेस वे में जगह जगह कैमरे और सौर ऊर्जा आधारित लाइट्स लगाई गई। हर 50 किलोमीटर पर रेस्ट एंड सर्विस एरिया बनाया गया है। हर 100 किमी पर ट्रामा सेंटर एवं हेलीपैड बनाए गए, ताकि आपातकाल में घायल यात्रियों का जीवन सुरक्षित किया जा सके। साथ ही मोटल भी एक्सप्रेस वे पर बनाए गए ताकि यात्रियों को रात्रि विश्राम में दिक्कत न हो। इस एक्सप्रेस को ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि यह शहरों से काफी दूर ग्रामीण इलाकों से गुजरा है। घने जंगलों से गुजारने के दौरान इसे जंगल के ऊपर से गुजारा गया, ताकि जानवरों की आवाजाही बाधित न हो।