Dead Teacher Will Conduct Survey : बारिश से हुई बर्बादी का सर्वे मृत शिक्षक के हवाले!

सरकारी तंत्र की कारगुजारी का दिलचस्पा नमूना!

364

Dead Teacher Will Conduct Survey : बारिश से हुई बर्बादी का सर्वे मृत शिक्षक के हवाले!

धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट

Dhar : सरकारी तंत्र जो न करे, कम है। यदि सबसे ज्यादा लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना काम यदि कहीं होते हैं, तो वो सरकारी दफ्तरों में ही। जिले में संभवतः पहली बार किसी मृत सरकारी कर्मचारी का नाम सर्वे के नोडल अधिकारी की लिस्ट में डाल दिया गया। ऐसे में जिला प्रशासन को दोषी नहीं माना जा सकता। क्योंकि, ये गलती निचले स्तर की कर्मचारियों ने की है।

यह माजरा धार जिले में देखने को मिला, जहां सरकारी तंत्र की लापरवाही सामने आई है। एक शिक्षक की 3 साल पहले मृत्यु हो जाने के बाद अब उनका नाम गत दिनों बारिश से हुई तबाही की सर्वे दल की लिस्ट में डाल दिया गया। इसे संबंधित शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि बारिश से प्रभावित लोगों की बर्बाद खेती को लेकर हो रहे सर्वे मैं कितनी ईमानदारी बरती जाएगी।

जिले के टांडा क्षेत्र के ग्राम आम्बासोटी के रहने वाले प्राथमिक शिक्षक जो टांडा के ही डोडवा नामक ग्राम के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाते थे, उनका 5 जनवरी 2021 में बीमारी के चलते 50 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। जिसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी हो गया। इसके बाद से उनका परिवार अपनी खेती और अन्य कामों में लग गया। गत दिनों धार जिले में हुई अत्यधिक बारिश से क्षेत्र सहित जिले भर में आम लोगों को किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। इसे लेकर प्रशासन द्वारा सर्वे के आदेश जारी किए गए। टांडा-कुक्षी क्षेत्र में भी सर्वे काम को लेकर प्रशासन द्वारा तैयारी की गई। सर्वे को लेकर कई टीमें बनाई गई, जिसमें सर्वे टीम की जारी एक लिस्ट में मृत शिक्षक तेरसिंह मोरी का भी नाम जारी कर दिया गया।

इस लिस्ट की जानकारी जब ग्राम आम्बासोटी के सरपंच अमर सिंह सोलंकी को लगी तो अपने गांव के मृत शिक्षक का नाम देखकर वे भी हैरान रह गए। उन्होंने इसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दी। एसडीएम रमेश चंद्र खतेड़िया ने बताया कि सर्वे की लिस्ट के लिए सभी नाम क्षेत्रीय शिक्षा विभाग अधिकारी की तरफ से दिए गए थे। भूलवश पुरानी लिस्ट वहां से जारी हो गई होगी। जिसे सुधारवा लिया जाएगा।

इस मामले को लेकर आम्बासोटी गांव के सरपंच ने प्रशासन की भूल पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अगर अधिकारी ऐसी गलती कर रहे हैं तो सर्वे पर उनसे क्या उम्मीद की जाए। प्रभावित लोगों को न्याय भी दिलवा पाएंगे या नहीं।