E- Buses: भोपाल-इंदौर सहित MP के 6 शहरों में दौड़ेंगी ई-बसें, निकायों को मिलेगा कमाई में हिस्सा

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E- Buses: भोपाल-इंदौर सहित MP के 6 शहरों में दौड़ेंगी ई-बसें, निकायों को मिलेगा कमाई में हिस्सा

भोपाल।मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल, देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर, ग्वालियर, और जबलपुर सहित प्रदेश के छह शहरों में जल्द ही मिडी और मिनी ई-बसें दौड़ेंगी। सबसे खास बात यह है कि ये बसें निजी आॅपरेटर चलाएंगे। इनके रखरखाव और संचालन का पूरा खर्च निजी आॅपरेटरों का होगा लेकिन इन बसों के संचालन से होंने वाली आमदनी में इन निकायों की भी हिस्सेदारी होगी। इस तरह राज्य सरकार को बिना कोई राशि खर्च किए सार्वजनिक परिवहन के बेहतर संसाधन मिलेंगे और आमदनी में हिस्सा भी मिलेगा।

प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत प्रदेश के छह बड़े शहरों में ये मिडी ई-बसें दौड़ेंगी। बीस से चालीस लाख की आबादी वाले नगरीय निकायों में शामिल इंदौर नगर निगम के अंतर्गत सर्वाधिक डेढ़ सौ मिडी ई-बसें इंदौर शहर में चलेंगी। इसके अलावा दस से बीस लाख की आबादी वाले नगर निगमों में शामिल भोपाल में सौ मिडी ई बसें चलेंगी। पांच से दस लाख की आबादी वाले नगरीय निकायों में शामिल उज्जैन शहर में सत्तर मिनी ई बस और तीस मिडी ई-बसें चलेंगी। ग्वालियर शहर में ऐसी 70 मिडी ई बसें संचालित की जाएंगी। जबलपुर शहर में चालीस मिनी और साठ मिडी ई बसें संचालित की जाएंगी। उज्जैन शहर में सत्तर मिनी और तीस मिडी ई बसें चलाई जाएंगी। वहीं पांच लाख से कम आबादी वाले बड़े नगर निगमों में शामिल सागर शहर में भी 32 मिडी ई बसें संचालित करने के लिए राज्य सरकार ने केन्द्र को प्रस्ताव भेजा है।

मध्यप्रदेश में इन बसों के संचालन के लिए टेंडर जारी करने से लेकर आॅपरेटरों के चयन का पूरा काम केन्द्र सरकार करेगी। 442 मिडी बसों की खरीदी और संचालन पर 663 करोड़ रुपए का खर्च आएगा और 110 मिडी बसों की खरीदी और संचालन पर 143 करोड़ का खर्च आएगा। एक मिडी बस की लागत डेढ़ करोड़ और एक मिनी ई बस की लागत एक करोड़ तीस लाख रुपए होगी। इन बसों के संचालन के लिए चालीस फीसदी खर्च केन्द्र सरकार आॅपरेटरों को अनुदान के रुप में देगी। इसके अलावा बसों के संचालन से होंने वाली आय और इन पर विज्ञापनों से होंने वाली आय से आॅपरेटर पूरा संचालन, रखरखाव खर्च निकालेंगे। आमदनी होंने पर उसमें नगरीय निकायों को भी हिस्सा मिलेगा।

*रोजाना डेढ़ सौ किलोमीटर संचालन अनिवार्य, केन्द्र देगा अनुदान-* 

मिडी बस और मिनी बसों को रोजाना डेढ़ सौ किलोमीटर संचालित करना अनिवार्य होगा। केन्द्र सरकार इन बसों के संचालन के लिए तीस से 48 सीटर क्षमता वाली मिडी ई-बसों के संचालन के लिए 22 रुपए प्रति किलोमीटर और 18 से 30 सीटर मिनी बसों के संचालन के लिए 20 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से आॅपरेटर को अनुदान देगी। मिडी बस के संचालन में आॅपरेटर को प्रति किलोमीटर 30 रुपए और मिनी बस के संचालन में 25 रुपए प्रति किलोमीटर खर्च आएगा। इनके संचालन के लिए आॅपरेटर टैंडर के जरिए दरें तय करेंगे। मिडी बसों के संचालन में पचास से पचपन रुपए प्रति किलोमीटर और मिनी बसों के संचालन में 45 से 50 रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च संभावित है। यात्रियों से टिकिट और बसों पर विज्ञापन से होंने वाली आय यदि आॅपरेटर के पूरे खर्च से अधिक होती है तो इस आय में से नगरीय निकाय को भी हिस्सा आॅपरेटर देंगे। इस तरह बिना खर्च निकायों की आमदनी हो जाएगी। दस वर्षो के लिए इन बसों के संचालन की अनुमति दी जाएगी।

 *बिजली से चलेंगी ई-बसें-* 

ये सभी ई बसें बिजली से संचालित की जाएंगी। इनके चार्जिंग के लिए स्टेशन तैयार किए जाएंगे। देशभर में इसके लिए 169 शहरों का चयन किया गया है। मध्यप्रदेश में छह शहर इसके लिए चयनित हुए है। बस, ड्राइवर, संचालन, चार्जिंग कास्ट, टैक्स सारे खर्च आॅपरेटर उठाएगा। इनके संचालन से पर्यावरण भी संरक्षित होगा।