Fake Note Factory Caught: शाहिद कपूर की फिल्म देखकर नकली नोट छापने वाला गिरोह पकड़ाया!

नकली नोट की फैक्ट्री चलाने वाला सरगना सरकारी रिकॉर्ड में मर चुका!    VDO देखिए, एडीशनल डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने क्या बताया!

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Fake Note Factory Caught: शाहिद कपूर की फिल्म देखकर नकली नोट छापने वाला गिरोह पकड़ाया!

Indore : अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र में नकली नोट छापने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश पुलिस ने किया है। गिरोह के 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। एक की तलाश है। ख़ास बात ये कि सरकारी रिकॉर्ड में मर चुका व्यक्ति नकली नोट छापने के गोरखधंधे में लगा था। ये काम करीब डेढ़ साल किया जा रहा था। अनुमान है कि ये गिरोह अभी तक 20 से 30 लाख के नकली नोट मार्केट में खपा चुके हैं।

बदमाशों ने बताया कि गिरोह के सरगना ने शाहिद कपूर की फिल्म ‘फर्जी’ देखकर नकली नोट छापने का काम शुरू किया था। पुलिस को बताया कि उन्होंने यूट्यूब से नकली नोट प्रिंट करना सीखा। वे नोट चेक करने वाली मशीन से नोट को चेक करके ही बाजार में चलाते थे। मुख्य आरोपी राजेश बारबडे है, जो मूलतः बैतूल का रहने वाला है। आरोपी अपना नाम बदलकर रह रहा था और बैंक खातों से लेकर सारे सरकारी डॉक्यूमेंट अशोक चौहान के नाम से बनवा चुका है। आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस आगे जांच कर रही है।

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एडीशनल डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा के मुताबिक गौरव पिता पूनम जैन (सुदामा नगर) की शिकायत पर पुलिस ने राजेश उर्फ अशोक पिता टेकचंद बारबड़े, गणेश पिता कन्हैयालाल, विक्रम पिता भागचंद्र, प्रेयस पिता चंद्रशेखर और प्रवीण पिता झामसिंह को पकड़ लिया। छठे आरोपी की तलाश जारी है। पुलिस ने एक फ्लैट से चार प्रिंटर, नोट चेक करने की मशीन, स्याही और नोट गिनने की मशीन के साथ नोट प्रिंट करने में उपयोग किया जाने वाला 50 हजार का पेपर जब्त किया। नोट छापने के लिए बाजार में उपलब्ध स्टाम्प और बांड पेपर का उपयोग करते थे। पहले स्टांप पेपर से नकली नोट छापने के बाद शादियों के कार्ड वाले पेपर पर नोट छापना शुरू किया। ये गिरोह नोट इतनी बारीकी से बनाता था, कि गडि्डयों में चलाने पर कुछ नोटों को मशीन भी नहीं पकड़ पाती थी। 1 लाख 60 हजार रुपए के नकली नोट भी पुलिस ने फ्लैट से बरामद किए।

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सरकारी रिकॉर्ड में सरगना मर चुका 

गिरोह के सरगना राजेश बारबडे के पास से पुलिस को दो आइडेंटिटी कार्ड मिले। एक में राजेश बारबड़े नाम है। वह 2020 में बिहार में खुद को मृत साबित करके फर्जी मृत्यु सर्टिफिकेट भी बनवा चुका है। बिहार में खुद की मौत होना बताकर इसने वहां से पुलिस व अन्य जगह से अपनी पहचान छुपा रखी थी। इंदौर आकर नई आइडेंटिटी में खुद को अशोक चौहान बताकर आधार कार्ड, पैन कार्ड व बैंक खाते खुलवा लिए थे। यहां अशोक चौहान बनकर रह रहा था। पुलिस के मुताबिक अभी राजेश का रिमांड लेकर उससे आगे पूछताछ की जाएगी।

 

यूट्यूब से सीखा नकली नोट छापना  

गिरोह का सरगना राजेश बीकॉम तक पढ़ा है। नौकरी नही मिलने के बाद उसने यूट्यूब से नोट छापना सीखा और हुबहू दिखने वाले नोट निकाले। ये काम राजेश करता और उसके बाकी साथी बाजार में नोट चलाने का काम करते। नोट को पूरी तरह चेक करने के बाद उसे चलाया जाता था। ये लोग खुल्ले नोट चलाने से बचते थे, ये असली नोटों की गडि्डयों में नकली नोट फंसाकर उसे चलाते थे। इनका शिकार सब्जी मंडी, चोर बाजार, हाट बाजार, पेट्रोल पंप और ऐसे स्थान होते जहां कैश फ्लो ज्यादा होता है। 500 रुपए के एक असली नोट के बदले राजेश 5 नकली नोट देता था। वे असली नोटों की गडि्डयों में नकली नोट फंसाकर चलाते थे।