One Station-One Product : रेलवे की ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना ने कई स्थानीय उत्पादकों का जीवन बदला!   

समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए आय के अवसर पैदा करना!

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One Station-One Product : रेलवे की ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना ने कई स्थानीय उत्पादकों का जीवन बदला!   

New Delhi : रेल मंत्रालय ने ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना शुरू की। इसका मकसद स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराना है ताकि समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर उपलब्ध कराए जा सकें। इस योजना के तहत रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय, स्वदेशी उत्पादों के प्रदर्शन, बिक्री और हाई विजिबिलिटी के आउटलेट आवंटित किए जाते हैं।

वर्तमान में भारतीय रेल के 1037 स्टेशनों पर 1134 ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ आउटलेट हैं। इसमें पश्चिम रेलवे के 83 स्टेशनों पर 86 ऐसे आउटलेट हैं, जिनमें से 51 आउटलेट गुजरात में हैं। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी की विज्ञप्ति के अनुसार ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ उस स्थान के लिए विशिष्ट होते हैं और इसमें स्वदेशी जनजातियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां बनाई जाती है।

जैसे स्थानीय बुनकरों द्वारा हथकरघा, लकड़ी की नक्काशी, चिकनकारी और कपड़ों पर जरी-जरदोजी जैसे हस्तशिल्प, मसाले, चाय, कॉफी और अन्य प्रसंस्कृत या अर्ध प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जो उस क्षेत्र में स्वदेशी रूप से उगाए जाते हैं आदि शामिल हैं।

 

पश्चिम रेलवे के गुजरात में ज्यादा आउटलेट

गुजरात में विभिन्न प्रसिद्ध स्वदेशी उत्पाद जैसे बांस से बने हस्तशिल्प उत्पाद, मिरर वर्क की वॉल हैंगिंग, कलाकृतियाँ और वारली पेंटिंग इन आउटलेट पर रखी जाती है। इसके अलावा पारंपरिक हथकरघा उत्पाद जैसे हाथ से मुद्रित साड़ियों, पोशाक सामग्री, कढ़ाई का काम, नकली गहने, चमड़े के उत्पाद, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे अचार, मसाला पाउडर, सूखे मेवे और यहां तक कि कच्चा शहद भी प्रसिद्ध हैं और उन्हें इन आउटलेट में बिक्री के लिए रखा जाता है। गुजरात राज्य में 48 स्टेशनों पर 51 एक स्टेशन पर ये आउटलेट उपलब्ध कराए गए।

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केंद्रीय बजट में घोषणा की गई 

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय बजट 2022-23 में ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ (ओएसओपी) योजना की घोषणा की गई थी। पायलट प्रोजेक्ट 25 मार्च 2022 को 19 स्टेशनों पर 15 दिनों के लिए लॉन्च किया गया। पायलट प्रोजेक्ट से मिले अनुभव के आधार पर रेल मंत्रालय ने 20 मई 2022 को ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ नीति जारी की।

इन दुकानों ने विक्रेताओं के जीवन पर बहुत प्रभाव डाला। उन्हें ऐसी जगह पर अपने स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक शानदार मंच मिल गया, जहां भारी संख्या में बाहर से लोग आते हैं। इससे उनके उत्पादों की बिक्री बढ़ी है और उनके जीवन में बदलाव आया।

 

इतने लाभार्थियों को लाभ हुआ

9 नवंबर 2023 तक 39,847 प्रत्यक्ष लाभार्थियों ने इस योजना के तहत दिए जा रहे अवसरों का लाभ उठाया। प्रति आवंटन 5 की दर से अप्रत्यक्ष लाभार्थियों को मानते हुए, कुल लाभार्थी 1,43,232 हैं। इन्होने कुल 49.58 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की। ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ नीति में यह परिकल्पना की गई है कि इस योजना का लाभ लक्ष्य समूहों यानी पिरामिड के निचले स्तर पर मौजूद लोगों तक पहुंचना चाहिए।

साथ ही सभी आवेदकों को अवसर प्रदान करना चाहिए। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए रेल अधिकारियों द्वारा समाचार पत्रों में विज्ञापन, सोशल मीडिया, जन उद्घोषणाएं, प्रेस सूचनाएं, कारीगरों से व्यक्तिगत मुलाकात आदि सहित विभिन्न जन तक पहुंच के उपाय अपनाए गए हैं।