Who Will Replace Kamalnath : कमलनाथ की जगह नया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कौन, फैसला शुक्रवार! 

कांग्रेस हाईकमान ने हार के कारणों पर समीक्षा के लिए कल बैठक बुलाई!

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Who Will Replace Kamalnath : कमलनाथ की जगह नया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कौन, फैसला शुक्रवार! 

New Delhi : करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान सकते में है। पार्टी की सबसे बुरी हार तो मध्यप्रदेश में हुई, जहां उसकी फिर सत्ता में वापसी को लेकर कोई शंका नहीं थी। अब हार के कारण तलाशने के लिए बैठकें हो रही है, जिसका कोई मतलब नहीं। शायद पार्टी इस बड़े नुकसान का सबसे बड़ा कारण पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को मान रही है, इसलिए जल्द ही उनसे इस्तीफ़ा लिया जा सकता है। लेकिन, नया अध्यक्ष कौन हो सकता है अभी इस पर चर्चा होना बाकी है।

जानकारियां बताती है कि कांग्रेस की हार के बाद कमलनाथ से प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने के लिए कहा गया है। कमलनाथ पिछले 6 साल से प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। पार्टी की तरफ से वे मुख्यमंत्री का चेहरा भी थे। रविवार को आए चुनाव परिणाम में भाजपा को 163 सीटें और कांग्रेस को मात्र 66 सीट मिली। इस चुनाव में भाजपा को 57 सीटों फ़ायदा हुआ। कांग्रेस की इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रतलाम, सागर, दमोह और खंडवा जैसे शहरी क्षेत्रों मेंजिस तरह हार हुई, वो सबसे ज्यादा चिंता की बात है। इन शहरों में पार्टी की विचारधारा से प्रबुद्ध वर्ग को जोड़कर जीत दर्ज की जा सके।

कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों से चुनाव की पूरी समीक्षा करके वैज्ञानिक ढंग से विश्लेषण करने को कहा है कि वे क्यों हारे और क्यों जीते? सभी उम्मीदवारों से 15 दिसंबर तक अलग-अलग रिपोर्ट भेजने को कहा है। इस रिपोर्ट को एआईसीसी को सौंपा जाएगा। जहां तक हार के कारणों का सवाल है तो कमलनाथ का सॉफ्ट हिंदुत्व का प्रयोग पूरी तरह असफल रहा। पार्टी पर भाजपा ने हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया था, जिसका जवाब देने के लिए कमलनाथ ने धार्मिक आयोजनों पर ध्यान दिया। हनुमान जयंती पर पार्टी दफ्तर में ही पूजा-पाठ करवाया गया। पार्टी में ‘धार्मिक और उत्सव प्रकोष्ठ’ के गठन के साथ धार्मिक कार्यक्रम करवाए गए। लेकिन, इससे हिंदुओं में पकड़ नहीं बनी, उल्टा मुस्लिम वोटर नाराज हुए।

पार्टी के हारे-जीते उम्मीदवारों के साथ वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी और अन्य नेताओं ने साथ हार के कारणों पर चर्चा की। लेकिन, उससे कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला। बैठक में तो लोग खुलकर नहीं बोले, पर बाहर निकलकर ज्यादातर हारे-जीते उम्मीदवारों ने इसके लिए कमलनाथ पर ही उंगली उठाई। उनका कहना था कि पार्टी ने टिकट देकर उन्हें अकेला छोड़ दिया था। जबकि, भाजपा हर सीट पर उम्मीदवार के साथ खड़ी दिखाई दी। टिकट बांटने में भी पक्षपात के आरोप लगाए गए।

 

शुक्रवार को बैठक में फैसला

कमलनाथ कल बुधवार को दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले और अपना पक्ष रखा। राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल भी उस दौरान मौजूद थे। तीनों राज्यों में हार के कारणों और लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए शुक्रवार को बैठक बुलाई गई है। इसमें अकेले मध्यप्रदेश पर दो घंटे चर्चा का समय तय किया गया है। पार्टी में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर नए चेहरे की खोज शुरू हो गई। विधानसभा में नए नेता प्रतिपक्ष का भी चयन किया जाना है। दोनों पदों के लिए नए और प्रभावी चेहरों की खोज शुरू हो गई। पार्टी आलाकमान इस मामले में सबसे चर्चा कर रहा है।