False Story of Theft : 55 लाख की चोरी की कहानी झूठी निकली, फरियादी के पिता ने ही चोरी की! 

पुलिस ने 3 दिन में नकली चोरी का पर्दाफाश किया, कर्ज होने से साजिश रची  

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False Story of Theft : 55 लाख की चोरी की कहानी झूठी निकली, फरियादी के पिता ने ही चोरी की! 

 

Indore : कर्ज चुकाने के लिए खुद फरियादी के पिता ने अपने घर से 55 लाख की चोरी की झूठी कहानी बनाते हुए द्वारकापुरी थाने में शिकायत दर्ज करा दी। इतनी बड़ी चोरी होने से पुलिस सकते में आ गई। तत्काल टीम का गठन कर तकनीकी रुप से मामला की जांच की। जांच के बाद मात्र तीन में पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए आरोपी (फरियादी के पिता) को गिरफ्त में ले लिया है।

उसके पास से 19 लाख एक हजार रुपए नकद और जेवर मिले हैं। सहायक पुलिस आयुक्त नंदिनी शर्मा के मुताबिक, फरियादी अनमोल पिता संजय पाटिल निवासी द्वारकापुरी ने 22 दिसम्बर को शिकायत दर्ज कराई थी, कि वह 21 दिसम्बर को सुबह 11.30 बजे बस से अपनी मां राधा और दादी निर्मला बाई के साथ खंडवा के गांव खेगावड़ा गया था। यहां उसका ननिहाल है। घर पर उसके पिता संजय अकेले थे, तभी घर में चोरी की घटना हुई। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने जांच की। जांच में घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कोई फुटेज नहीं मिला। आसपास के लोगों ने चोरी की घटना से भी इनकार किया। इस पर पुलिस का शक गहरा गया और बारीकी से जांच की तो चोरी की कहानी झूठी होना पाया गया।

चाचा के लड़के ने जानकारी दी

घटना वाले दिन सुबह 8 बजे चाचा के लड़के यश ने कॉल कर घर में चोरी होने की सूचना देते हुए बताया कि ऊपरी मंजिला के कमरे का दरवाजा का नकूचा टूटा हुआ है। तत्काल मैं घर पहुंचा तो पिता दूसरे कमरे में सो रहे थे। अलमारी से 53 लाख के जेवर गायब थे। पिता को उठाकर पूछा तो उन्होंने भी चोरी की बात कही।

दबाव के चलते षडयंत्र किया 

आरोपी संजय ने बताया कि वह प्रापर्टी ब्रोकर है। उसने पत्नी, मां और बेटे को अपने ससुराल भेज दिया था। उस पर काफी कर्ज हो गया था। कर्जदार लगातार पैसा चुकाने का दबाव बना रहे थे। इसलिए खुद के घर में चोरी का षडयंत्र रचा। संजय ने परशुराम का मकान बेचकर 35 लाख रुपए खुद के पास रख लिए थे। परशुराम को 5 लाख ही दिए थे। अपने दोस्त पवन पांडे से 7 लाख रख लिए थे। इनके रुपयों के अलग-अलग टुकड़ों में नारायण को 6 लाख, किशोर बंजारा को 5 लाख, दामोदर को 5 लाख, हकीमुद्दीन को 51 हजार रुपए दिए थे और ढाई लाख रुपए छिपा लिए थे। परिजनों के खंडवा के बाद उसने मच्छी बाजार से टामी और पेंचकस खरीदा। टामी और पेंचकस से ताला तोड़कर अलमारी का सामान बिखेर दिया। बाद में खुद दूसरी मंजिल के कमरे में जाकर सो गया, ताकि पुलिस को घटना सही प्रतीत हो सके।

दबाव से टूट गया आरोपी

जब पुलिस को चोरी की कोई सुराग नहीं लगा तो फरियादी के रिश्तेदारों और पिता से अलग-अलग बयान लिए। हर बार संजय ने बयान बदले, जिससे पुलिस का शक गहरा हो गया। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने वारदात करना कबूल लिया।