Tehsildar’s VDO : तहसीलदार ने कहा ‘चूजे हैं ये, अंडे से निकले नहीं, मरने-मारने की बातें करते है।’ 

देखिए VDO : 'सरकार को आपने चुना है, मैं रिस्पांसिबल नहीं!'

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Tehsildar’s VDO : तहसीलदार ने कहा ‘चूजे हैं ये, अंडे से निकले नहीं, मरने-मारने की बातें करते है।’ 

Sonkatch (Dewas) : देवास जिले के सोनकच्छ से 5 किमी दूर कुमारियाराव में पिछले दिनों से चौबाराधीरा से सोनकच्छ तक 132 केवी की लाइन के तार लाए जा रहे हैं। कुमारियाराव गांव में खड़ी फसल में लाइट के पोल लगाने को लेकर किसान और तहसीदार आमने-सामने हो गए। तहसीलदार अंजली गुप्ता ने गुस्से में जो बोला उसका वहां मौजूद एक अन्य किसान ने वीडियो बना लिया, जो घटना के चार दिन बाद इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में अंत में वे रिकॉर्डिंग करने वाले पर झपटती भी दिखाई दी।

सोनकच्छ की तहसीलदार अंजली गुप्ता ने किसानों से बदसलूकी करते हुए कहा ‘चूजे हैं ये, अंडे से निकले नहीं, बड़ी बड़ी मरने-मारने की बातें करते है।’ उधर वीडियो में कुछ किसान कह रहे हैं, हमने नहीं किया हम आराम से बात कर रहे है! जबकि, तहसीलदार ऊंची आवाज में बोल रही है ‘आराम से बात कर रहे थे, तो आज इसने कैसे मुझे कैसे बोला कि तुम रिस्पांसिबल हो? मैं हूं क्या, मैं तहसीलदार हूं, शासन का प्रोजेक्ट है, शासन को किसने चुना, सरकार को आप लोगों ने चुना? मैंने चुना क्या? मैंने बोला क्या, ऐसी पेटी रखो, मैं लगाऊं क्या इसको? मैं कैसे रिस्पांसिबल हूं।

किसान बोल रहे है कि, अरे साहब हम तो आपसे हाथ जोड़कर निवेदन कर रहे हैं। इस पर तहसीलदार ने कहा ‘बहुत शब्द पढ़ लिए अंग्रेजी में यू आर रिस्पांसिबल, आगे बढ़! किसान बोल रहे है हम तो अनपढ़ है साहब!

घटना पर तहसीलदार ने अपना पक्ष रखा 

बाद में तहसीलदार का एक और वीडियो जारी हुआ, जिसमें उन्होंने मामले पर लीपापोती की और कहा कि पहले गांव वालों ने अपशब्दों का उपयोग किया था और फिर माफ़ी भी मांग ली। इसके बाद पूरा मामला रिसॉल्व कर लिया गया है। मैंने पूरी घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भी दे दी है।

एमपीपीटीएल कंपनी के कर्मचारी 7 जनवरी को पहली बार जब किसान के खेत मे गए, तो किसान दिनेश जाट व उनके परिजनों ने उनको मना किया। उन्होंने कहा कि हम खड़ी फसल में बिजली के पोल नहीं लगाने देंगे, इससे फसल बर्बाद होगी। इसके बाद कंपनी के कर्मचारी तहसीलदार अंजलि गुप्ता के पास गए, खड़ी फसल का हवाला देते हुए तहसीलदार ने कंपनी के कर्मचारियों को मना कर दिया कि यह संभव नहीं है। इस बीच अधिकारी कलेक्टर से जाकर चर्चा करने पहुंचे।