Trouble Due to Lab Shift : पैथोलोजी लैब शिफ्ट होने से मरीजों के परिजन और ब्लड डोनर दोनों परेशान!

पहले दो-तीन घंटे में रिपोर्ट मिलती थी, अब सुबह से शाम हो जाती है! 

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Trouble Due to Lab Shift : पैथोलोजी लैब शिफ्ट होने से मरीजों के परिजन और ब्लड डोनर दोनों परेशान!

Indore : शासकीय अस्पताल में व्यवस्थाओं के बदलाव के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। दिसंबर माह से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल परिसर में पैथोलोजी लैब शिफ्ट कर दी गई। इस कारण सैंपल तो यहीं लिए जा रहे हैं, लेकिन जांच के लिए मरीजों के परिजनों को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल तक जाना पड़ रहा है।

इसमें सबसे ज्यादा परेशानी गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को हो रही है। क्योंकि, यहां तक आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। जिन मरीजों के प्लेटलेट्स कम होते हैं, उनकी जांच सीबीसी मशीन द्वारा ब्लड में इंफेक्शन का पता लगाने के लिए की जाती है। इसके साथ ही जो डोनर इसके लिए प्लेटलेट्स देते हैं। उनकी भी जांच अनिवार्य होती है। पहले जब विभाग के अंतर्गत लैब थी तो मरीजों की जांच रिपोर्ट आने में देर नहीं लगती थी। लेकिन अब आने-जाने में काफी समय लग जाता है।

पहले जहां दो से तीन घंटे में रिपोर्ट मिल जाती थी, अब वहीं रिपोर्ट आने में कई बार सुबह से शाम हो जाती है। कैंसर अस्पताल में भर्ती मरीज के स्वजन ने बताया कि मेरी मां को कैंसर है, उनकी प्लेटलेट्स कम हो जाती है। इसके लिए डोनर आते हैं। लेकिन सीबीसी जांच में काफी समय लग जाता है। जिसके कारण उन्हें प्लेटलेट्स मिलने में काफी देर हो रही है। इसकी कई बार शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं मिल पा रहा है।

शाम हो जाती रिपोर्ट आने में

डोनर सिध्दार्थ जैन ने बताया कि मैं कई वर्षो से एमवाय अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में आ रहा हूं। लेकिन पिछले दो माह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहले सीबीसी जांच रिपोर्ट हमें 15 मिनिट में मिल जाया करती थी। लेकिन अब काफी समय लग जाता है। मैं करीब सात दिन पहले अस्पताल में प्लेटलेट्स डोनेट करने के लिए गया था। यहां से सैंपल लेकर मुझे एचएसीएल लैब भेजा गया। मैं सुबह 11.30 बजे यहां पहुंचा था, लेकिन रिपोर्ट करीब पांच बजे मुझे मिली थी। मेरा खुद का व्यवसाय है, ऐसे में पूरा दिन देना थोड़ा मुश्किल होता है। यह परेशानी सिर्फ मेरी नहीं है, बल्कि जो भी डोनर यहां आते हैं। उन्हें रोजाना इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मैं इसकी कई बार शिकायत भी कर चुका हूं, लेकिन अभी तक कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिल पाया।