Notice to Congress Leaders : नितिन गडकरी का कांग्रेस नेताओं को कानूनी नोटिस!

उनका एक इंटरव्यू तोड़-मरोड़कर पेश किया, कई हिस्सों को काट दिया!

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Notice to Congress Leaders : नितिन गडकरी का कांग्रेस नेताओं को कानूनी नोटिस!

New Delhi : अपने एक इंटरव्यू का कुछ हिस्सा तोड़-मरोड़कर सोशल मीडिया (एक्स) पर पोस्ट करने पर केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी महासचिव जयराम रमेश को नोटिस भेजा है। गडकरी ने कहा कि कांग्रेस ने उनके इंटरव्यू के प्रासंगिक अर्थ और उद्देश्य को छिपाकर 19 सेकंड की ऑडियो और विजुअल क्लिपिंग पोस्ट की। गडकरी ने दावा किया कि यह कपट कांग्रेस नेताओं ने प्रशंसक और भ्रम, सनसनी और बदनामी पैदा करने” के एकमात्र इरादे से किया गया।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कांग्रेस से कानूनी नोटिस भेजे जाने के 24 घंटे के भीतर पोस्ट को हटाने के लिए कहा। तीन दिनों के भीतर लिखित माफी की भी मांग की है। वीडियो क्लिप को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस नेताओं द्वारा उनका अपमान करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है। साथ ही भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों को वैचारिक दरार पैदा करने के लिए उकसाने के इरादे के साथ यह कदम उठाया गया है। इस क्लिप के से उनकी प्रतिष्ठा क्षति, मानहानि और विश्वसनीयता की बड़ी हानि हुई है।

क्‍या कह रहे नितिन गडकरी

नोटिस में कहा गया कि वीडियो को अपलोड करके इंटरव्‍यू को आपके माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ वॉल पर भी तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया। जो संदर्भहीन और प्रासंगिक अर्थ के बिना पेश किया है। कांग्रेस द्वारा ‘एक्स’ पर साझा किए गए वीडियो में गडकरी को यह कहते हुए सुना जा सकता है। गांव, गरीब, मजदूर और किसान दुखी हैं … गांवों में अच्छी सड़कें नहीं हैं, पीने के लिए पानी नहीं है। अच्छे अस्पताल नहीं हैं, कोई अच्छे स्कूल नहीं हैं।

कांग्रेस ने कुछ हिस्सों को काट दिया

नितिन गडकरी ने कहा कि कांग्रेस ने उन हिस्सों को काट दिया, जहां उन्होंने बताया कि कितने प्रयास किए जा रहे हैं और वर्तमान केंद्र सरकार के कार्यकाल में भी अच्छे परिणाम मिल रहे। गडकरी ने कहा कि उन्होंने जानबूझकर बातचीत के प्रासंगिक अर्थ को छिपाकर हिंदी कैप्शन और वीडियो पोस्ट किया, जो मंत्री की प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए जानबूझकर किया गया। लेकिन, कांग्रेस ने अभी तक नितिन गडकरी के कानूनी नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया।