भोपाल पहुंचा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर, कल होगा अंतिम संस्कार

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भोपाल: तमिलनाडु के Coonoor में गत दिनों हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर अभी भोपाल एयरपोर्ट पहुंच गया है। एयरपोर्ट पर सेना के अफसर मौजूद हैं।
उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय और सैनिक सम्मान के साथ कल भोपाल में बैरागढ़ स्थित विश्राम घाट में किया जाएगा। वे अपने पीछे पत्नी गीतांजलि, बेटे और बेटी को छोड़ गए हैं। उनके पिता कृष्णप्रताप सिंह सेना में कर्नल पद से रिटायर हुए हैं।
एयरपोर्ट से वरुण का पार्थिव शरीर उनके भोपाल स्थित निवास पर ले जाया जाएगा जहां उनके उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी।

Captain Varun Singh बेस्ट पायलट अवॉर्ड से सम्‍मानित हो चुके थे। वरुण के पिता कृष्ण प्रताप सिंह (KP Singh) भोपाल में रहते हैं और सेना में कर्नल पद से रिटायर्ड हुए थे। वहीं, वरुण वेलिंगटन में ही परिवार के साथ रहते थे। परिवार में पत्नी गीतांजलि और बेटा रिद्धिमन, बेटी आराध्या है। वरुण सिंह के चाचा अखिलेश प्रताप सिंह कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और रुद्रपुर से विधायक रहे हैं।

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कुन्‍नुर (Coonoor) में हेलिकॉप्‍टर हादसे में (Helicopter Crash) के 7 दिन बाद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) का निधन हो गया। बेंगलुरु के अस्पताल में बुधवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) ने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी। एयरफोर्स ने कहा कि ग्रुप कैप्टन वरुण ने गंभीर चोटों के वजह से दम तोड़ दिया। बता दें कि 8 दिसंबर को वरुण को हेलिकॉप्टर हादसे में घायल होने के बाद पहले वेलिंगटन के आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें बेंगलुरु शिफ्ट किया गया था। इस हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिता (Madhulika Rawat) समेत 13 जवानों की मौत हो गई थी।

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह यूपी के देवरिया के खोरमा कन्हौली गांव के रहने वाले थे। उन्होंने 12 अक्टूबर 2020 को एक ऐसी सूझबूझ और हौसले का परिचय दिया था, जिसका पूरा देश कायल है। वरुण ने लड़ाकू विमान तेजस उड़ाने के दौरान खराबी आने के बाद इमरजेंसी लैंडिंग करवाई थी, जिसके लिए उन्‍हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। 7 दिन पहले (8 दिसंबर) हेलिकॉप्टर हादसे में अकेले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की जान बच सकी थी। वे लगातार वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। उनके ठीक होने की प्रार्थना पूरा देश कर रहा था।