आमने-सामने भिड़ते ‘दिग्विजय और विष्णुदत्त‘

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आमने-सामने भिड़ते ‘दिग्विजय और विष्णुदत्त‘

 

मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दो ही राजनीतिक दल हैं जो एक-दूसरे का विकल्प बनते रहे हैं और चूंकि कांग्रेस में अभी भी कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह हैं इसलिए स्वाभाविक रुप से भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के निशाने पर वही अधिक रहते हैं और दिग्विजय सिंह के निशाने पर भारतीय जनता पार्टी के नेता। दिग्विजय सिंह ने ईवीएम, इलेक्टोरल बांड पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कुछ तो गड़बड़ है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा है। मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दो ही राजनीतिक दल हैं जो एक-दूसरे का विकल्प बनते रहे हैं और चूंकि कांग्रेस में अभी भी कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह हैं इसलिए स्वाभाविक रुप से भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के निशाने पर वही अधिक रहते हैं और दिग्विजय सिंह के निशाने पर भारतीय जनता पार्टी नेता रहते हैं। विष्णु दत्त शर्मा ने आरोप लगाया है कि दिग्विजय सिंह भोजशाला पर राजनीतिक लाभ लेने के लिए विषवमन कर रहे हैं। इलेक्टोरल बांड के मुद्दे पर भाजपा को मिले चंदे का औचित्य अपने ढंग से प्रतिपादित करते हुए शर्मा कहते हैं कि भाजपा से कम सांसद होने के बाद भी इंडी गठबंधन को ढाई गुना अधिक चंदा मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के अन्य नेता इंडिया गठबंधन को इंडी गठबंधन कहते हैं।

जहां तक कमलनाथ का सवाल है पिछले दिनों जिस प्रकार की राजनीति चली उसके चलते फिलहाल तो कमलनाथ संदेह के उस कुहासे व चक्रव्यूह से निकलने की कोशिश कर रहे हैं जिसी बिसात उन्होंने व उनके कुछ समर्थकों ने बिछाई थी। कमलनाथ की कोशिश हर हाल में छिंदवाड़ा का अपना गढ़ बचाने की है तो वहीं एक-एक कर उनके नजदीकी समर्थक व भरोसेमंद लोग भाजपा का दामन थामते जा रहे हैं। जिन पर दलबदल की तलवार लटक सकती है वे फिलहाल कमलनाथ के साथ खड़े नजर आ रहे हैं, ऐसे में देखने वाली बात यही होगी कि छिंदवाड़ा की सीट कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ कांग्रेस की टिकट पर बचा पाते हैं या नहीं।

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर जोरशोर से ईवीएम, इलेक्टोरल बांड से लेकर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गठित केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि आज पूरे देश में एक जनचर्चा है कि जो मैंडेट भाजपा व एनडीए को मिला है उसमें कहीं न कहीं कुछ न कुछ गड़बड़ है। कई सवाल इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन को लेकर उठते रहे हैं जिसका जवाब न तो सरकार के पास है और न ही चुनाव आयोग के पास। दिग्विजय सिंह का आरोप है कि देश में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है और जिस तरह से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह क्रोनोलाजिकल आर्डर की बात करते हैं उसकी तरह मैं भी बता रहा हूं कि 2014 के चुनाव में जो जनादेश मिला वह गड़बड़ है, ईवीएम के ऊपर प्रश्न उठते हैं इसका जवाब न तो चुनाव आयोग देता है और न ही सरकार।

दिग्विजय का कहना है कि 2014 में कहा गया कि हमें 272 के ऊपर सीटें मिलेंगी और 284 आईं, फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में कहा गया कि 300 पार तो 330 सीटें आईं, अब कह रहे हैं 400 पार। इनका अति विश्वास हमें शक पैदा करता है। मशीनों में हेराफेरी करने वालों को चेतावनी देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे एक दिन पकड़े जायेंगे, हम लोग काफी नजदीक पहुंच गये हैं जिस दिन पकड़े जायेंगे, देशद्रोह में इन्हें फांसी दी जायेगी। इलेक्टोरल बांड की चर्चा करते हुए दिग्विजय सिंह कहते हैं कि जहां ईडी-सीबीआई की रेड पड़ी सभी ने भाजपा को चंदा दिया। हम पहले दिन से ही इसे अवैधानिक बता रहे हैं। ईडी और सीबीआई का जिन कंपनियों पर छापा पड़ा सभी ने इन बांडों के जरिये भाजपा को चंदा दिया है और उनके केस खत्म हो गये।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होना तय है और कांग्रेस पार्टी के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए दिग्विजय सिंह भोजशाला को मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके सर्वे का आदेश न्यायपालिका ने दिया है। इलेक्टोरल बांड को लेकर आरोप लगाने वाली कांग्रेस और इंडी गठबंधन में शामिल पार्टियों को भाजपा से कम सांसद होने के बाद भी ढाई गुना अधिक चंदा मिला है। यह बात शर्मा ने दिग्विजय सिंह द्वारा इलेक्टोरल बांड एवं भोजशाला मामले को लेकर की गई पत्रकार वार्ता के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया में कही। शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह को धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाने से पहले यह जान लेना चाहिये कि धार स्थित भोजशाला परिसर में एएसआई का सर्वे इंदौर हाईकोर्ट के आदेश पर हो रहा है। इस धार्मिक भेदभाव के आरोप पर स्पष्ट तौर पर न्यायालय द्वारा स्वतः संज्ञान लिया जाकर अवमानना का केस दर्ज होना चाहिये। बिना किसी तथ्य और तर्क के प्रभु राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले कांग्रेसी अब भोजशाला में एएसआई के सर्वे पर प्रश्न खड़ा कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता और दिग्विजय सिंह मॉ सरस्वती के मंदिर भोजशाला पर तुष्टिकरण की रोटियां सेक रहे हैं। दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव की करारी हार से पहले जानबूझकर विषवमन कर रहे हैं। शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं के संज्ञान में रहना चाहिये कुल 20 हजार करोड़ के चुनावी बांड में से भाजपा को 303 सांसद होने के बाद भी सिर्फ 6 हजार करोड़ मिले हैं वहीं कांग्रेस सहित इंडी गठबंधन के 242 सांसद ही हैं, जिन्हें 14 हजार करोड़ चुनावी बांड से मिले हैं।

केजरीवाल फिर हुए चर्चित चेहरा़

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगते ही देश के राजनीतिक फलक पर सबसे चर्चित चेहरा और नाम अरविन्द केजरीवाल का हो गया है जिन्होंने भ्रष्टाचार से लड़ने के संकल्प के साथ अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी और उनका दावा था कि वे एक नई राजनीतिक शैली को जन्म देंगे जिसमें भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं होगी, लेकिन आबकारी घोटाले के दिल्ली सरकार से जुड़े एक मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद अब वह फिर से सुर्खियों में आ गये हैं। एक तो मुख्यमंत्री रहते और दूसरे चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद गिरफ्तार होने वाले वे देश के पहले मुख्यमंत्री हैं जो यह दावा कर रहे हैं कि वे जेल से ही सरकार चलायेंगे।

वैसे भी इससे पूर्व कोई भी व्यक्ति पद पर रहते हुए गिरफ्तार हुआ हो ऐसा कोई मामला ध्यान में नहीं आता है क्योंकि बाकी सभी ने गिरफ्तारी के पूर्व त्यागपत्र दे दिया था और अपना विकल्प भी पेश कर दिया था। केजरीवाल फिलहाल ईडी की कस्टडी में हैं और मुख्यमंत्री भी बने हुए हैं। जिस प्रकार की राजनीति करने का आरोप विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया‘ भाजपा पर लगा रहा है उसको देखते हुए अब अगली बारी किसकी आती है इस बात की भी राजनीतिक गलियारों में प्रतीक्षा की जा सकती है कि अगला जेल जाने वाला चेहरा यदि होगा तो कौन होगा।

 

… और यह भी

अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी रिमांड पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने भेज दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डरा हुआ तानाशाह, मरा हुआ लोकतंत्र चाहता है। एकाउंट फ्रीज करना ‘आसुरी शक्ति‘‘ के लिए कम था तो मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करने लगे, इसका इंडिया गठबंधन मुंहतोड़ जवाब देगा। समाजसेवी अन्ना हजारे ने अचानक आगे आकर कहा कि मुझे दुख होता है कि उन्होंने मेरी बात नहीं मानी। जब केजरीवाल, मनीष सिसोदिया हमारे पास आये थे तो मैं कहा था कि देश की भलाई को पहले रखना, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया, अब मैं उन्हें कोई सलाह नहीं दूंगा। कानून एवं सरकार को जो करना हो वह करे। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एन. संतोष हेगड़े का कहना है कि केजरीवाल ने उन्हें निराश किया है और यह इस बात का संकेत है कि सत्ता भ्रष्ट करती है और पूर्ण सत्ता पूरी तरह नष्ट करती है। केजरीवाल की धर्मपत्नी सुनीता केजरीवाल का कहना है कि तीन बार चुने गये मुख्यमंत्री को मोदीजी ने सत्ता के अहंकार में गिरफ्तार कराया है यह दिल्ली के लोगों के साथ धोखा है, आपके मुख्यमंत्री हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे। उनका जीवन देश को समर्पित है।