Apology of Ramdev & Balakrishna is not Acceptable : सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण की माफ़ी नहीं मानी!

बाबा रामदेव से कहा 'आप चाहे जितने ऊंचे हों, कानून आपसे ऊपर, कार्रवाई के लिए तैयार रहें!

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Apology of Ramdev & Balakrishna is not Acceptable : सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण की माफ़ी नहीं मानी!

New Delhi : पतंजलि विज्ञापन मामले में आज योग गुरु रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण के प्रति नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत के आदेशों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। आपके खेद जताने के तरीके को हम मंजूर नहीं कर सकते।

21 नवंबर के कोर्ट के आदेश के बाद भी अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस की गई। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और पतंजलि विज्ञापन छापे जा रहे थे। इस पर रामदेव के वकील ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। पहले जो गलती हो गई, उसके लिए माफी मांगते हैं। सुप्रीम कोर्ट अब अगले हफ्ते इस मामले की सुनवाई करेगा और रामदेव और बालकृष्ण को फिर से कोर्ट में पेश होना होगा। कोर्ट ने रामदेव को हलफनामा दाखिल करने के लिए आखिरी मौका दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोविड का समय सबसे ज्यादा कठिन था। इस समय इलाज का दावा किया गया। इसको लेकर सरकार ने क्या किया है? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा की केवल चेतावनी काफी नहीं थी। कानून के हिसाब केंद्र में कार्रवाई नहीं की। हम हैरान हैं कि केंद्र ने अपनी आंखें मूंदे रखी। आपको ये भी बताना होगा कि राज्यों के खिलाफ कार्रवाई क्यों न हो?

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एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट से कुछ समय मांगा जवाब देने के लिए, जिस पर कोर्ट ने कहा हम समय देंगे. साथ ही कहा कि बाबा रामदेव और बालकृष्ण मिथ्या शपथ पर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामे में गलती बताते हुए कहा कि ये परजुरी केस है. रामदेव के वकील को कहा कि आपने हलफनामे में सही तथ्य नहीं रखे। अवमानना के अलावा कोर्ट में झूठा हलफनामा देने का केस भी चलाएंगे।

जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि पहले जो हुआ, उसके लिए आप क्या कहेंगे? उन्होंने कहा कि आपको कोर्ट को दिए गए अंडरटेकिंग का पालन करना होगा। आपने हर बाधा तोड़ दी है। अब यह कहना है कि आपको खेद है! इस पर वकील ने कहा की यह उनके लिए एक सबक होगा। जस्टिस कोहली ने कहा कि हम यहां सबक सिखाने के लिए नहीं हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने शोध किया है, उन्हें एक बड़ा स्पष्टीकरण देना चाहिए और न केवल जनता को, बल्कि अदालत को भी। केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जो कुछ हुआ वो नहीं होना चाहिए।

रामदेव और बालकृष्ण के वकील ने कहा कि दोनों आगे आकर व्यक्तिगत रूप से माफी मांगने को तैयार हैं। इसके बाद रामदेव और बालकृष्ण अदालत में आगे आए। रामदेव ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट से हाथ जोड़ कर माफी मांग रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से कहा की आप चाहे जितने ऊंचे हों, कानून आपसे ऊपर है। कानून की महिमा सबसे ऊपर है।

सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 21 नवंबर के कोर्ट के आदेश जारी करने के बाद अगले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इसमें बालकृष्ण और रामदेव मौजूद थे। आपकी माफी पर्याप्त नहीं है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और पतंजलि विज्ञापन छाप रहा था। आपका मीडिया विभाग आपसे अलग नहीं है। आपने ऐसा क्यों किया? आपको नवंबर में चेताया गया था, इसके बावजूद आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस की … इसलिए आप कार्रवाई के लिए तैयार रहिए। ये देश की सबसे बड़ी अदालत है. आपने एक्ट का उल्लंघन कैसे किया …? आपने कोर्ट को अंडरटेकिंग देने के बाद भी उल्लंघन किया। आप परिणाम के लिए तैयार हो जाएं।

न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि क्या आपने एक्ट में बदलाव को लेकर मिनिस्ट्री से संपर्क किया? इस अदालत को एक वचन दिया गया था, जो कंपनी के प्रत्येक व्यक्ति पर लागू होता है … शीर्ष से लेकर कतार में अंतिम व्यक्ति तक। वचन का अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए था। मीडिया विभाग और विज्ञापन विभाग इसका पालन कैसे नहीं करते? इसलिए हम कहते हैं कि आपका हलफनामा दिखावटी है। हम आपके माफीनामे से खुश नहीं हैं। इस पर बाबा रामदेव के वकील ने कहा कि लैप्स हुआ है। हम सहमत हैं कि एक चूक हुई है। उदाहरण के लिए, अधिनियम में टीबी है। हम जानते हैं कि इसका इलाज संभव है … रिस्‍पॉन्‍डेंट ने स्‍वयं परीक्षण किया है।